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Ajita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
#Sad_Status poem of the day
read morekavi Abhishek Pathak
रात भर एक चाँद का साया रहा, दिल में कोई खामोश उजाला रहा। तारों ने कहानियाँ बुन दी कई, पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा। चुपके से हवाओं ने कुछ कहा, जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया। दिल की किताब में एक पन्ना खुला, और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा। ©kavi Abhishek Pathak #poem
diya the poetter
White नई सुबह एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है सूर्य सिर पे चढ़ता है । मानव नित नए आयाम रचता है महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है भंवरे गीत सुनाते है। नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है। मां की रसोई महकती है दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं। दिया आर्या (दक्षिता) ©diya the poetter #poem
S Priyadarshini
White जिंदगी में ठोकरे हमें मजबूर नहीं अंदर से कठौर बना देते हैं l 🙏 ©S Priyadarshini #good_night #Nojoto #poem#poetry#poem
#good_night #poempoetry#poem
read moreAjita Bansal
White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे, जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे। कभी धूप में, कभी छाँव में, हम चलते रहे, सफ़र के साथ। हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में, मिले हमसे कुछ किस्से नए। कभी हँसाए, कभी रुलाए, वो रास्ते भी हमें सिखाते गए। कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे, मंज़िल की ओर बढ़ते गए। वो रास्ते हमें समझाते रहे, कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता। ©Ajita Bansal #Thinking poem of the day
#Thinking poem of the day
read moreSchizology
Inside of me Thoughts of you grow inside of me Visions of you and what you do To me Pre-occupied in my mind with you Drifting away to images in my eyes Of you Mind gets shaking Head starts breaking Lips now chaffing Mouth not speaking My heart is aching For you Fantasies of you beside me close Dreaming and craving your presence With me Wishing and praying for your beauty To grace me with electric blue eyes Of love Body begins vibrating Chest tightens , racing Breathing rises , raging My heart is shaking From you Never ever go away Always and forever stay Be with me until the end of our days Infinity with you , for that I pray ©Schizology Inside of me #love❤ #poem✍🧡🧡💛 loves quotes
Inside of me #Love❤ poem✍🧡🧡💛 loves quotes
read moreAmod Kumar Jaiswal
White कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ २-४७ तू कर्म को प्रधान मान और चल दे अपनी राह पर, संघर्ष तेरा कर्म पर हो तू फल की ना कोई चाह कर । तू कर्म को प्रबल बना खुद को उसमें झोंककर , मिलेगी तुझको ही विजय तू कर्म पर विश्वास कर। कर्म से ही तेरी भाग्य का निर्माण होगा , आज जिसकी चाह है तुझको कल वो तेरे पास होगा । -Amod Jaiswal ©Amod Kumar Jaiswal #poem
twisha ray
In a small Indian village, Rajesh, a farmer, received a basic mobile phone through a government program. Initially skeptical, he learned to use it for agricultural apps and online forums. Applying modern farming techniques he discovered, his crops flourished, and his income increased. Rajesh began sharing his knowledge with fellow farmers via the phone, transforming their livelihoods. The mobile phone, once just a simple device, became a catalyst for change, proving that even modest tools, when used wisely, can spark significant progress and uplift an entire community. ©twisha ray Rajesh the pied Piper #trnojo106 #mobilemotivation #JourneyOfLife
Rajesh the pied Piper #trnojo106 #mobilemotivation #JourneyOfLife
read moreAnil Sapkal
White जीवनाच्या प्रवासात बरच काही जमवलय सुख, चैन, उसंत असं खूप काही गमवलय... अनिल सपकाळ ©Anil Sapkal poem
poem
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