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Stories related to ओढनी ओढली

ArunAk

*सबको ओढनी है* *मिट्टी की चादर एक दिन,* *ऐसा कोई दिया नहीं* *जिस पर हवा की नजर नहीं....*

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*सबको ओढनी है*
*मिट्टी की चादर एक दिन,*

*ऐसा कोई दिया नहीं*
*जिस पर हवा की नजर नहीं....* 👈 *सबको ओढनी है*
*मिट्टी की चादर एक दिन,*

*ऐसा कोई दिया नहीं*
*जिस पर हवा की नजर नहीं....*

ArunAk

*सबको ओढनी है* *मिट्टी की चादर एक दिन,* *ऐसा कोई दिया नहीं* *जिस पर हवा की नजर नहीं....*Arun Ak

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Sarfaraj idrishi

#solitary सबको ओढनी है मिट्टी की चादर एक दिन,! ऐसा कोई दिया नहीं जिस पर हवा की नजर नहीं....!Zara Sogra Sethi Ji Shiv Kishore Ankita Tant

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सुनो
सबको ओढनी है मिट्टी की चादर एक दिन,!
ऐसा कोई दिया नहीं
जिस पर हवा की नजर नहीं....!

©Sarfaraj idrishi #solitary सबको ओढनी है मिट्टी की चादर एक दिन,!

ऐसा कोई दिया नहीं

जिस पर हवा की

नजर नहीं....!Zara Sogra  Sethi Ji Shiv Kishore Ankita Tant

Sheela Gahlawat seerat

हंसकर आगे बढ़ जाना मन की बात छुपा जाना ओढनी दर्द की ओढ़ कर खुशियों के संग बढ़ जाना आंचल में छुपा दिल की तड़प मखमली दुशाला ओढ़ जाना

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हंसकर आगे बढ़ जाना
मन की बात छुपा जाना

ओढनी दर्द की ओढ़ कर
खुशियों के संग बढ़ जाना

आंचल में छुपा दिल की तड़प
मखमली दुशाला ओढ़ जाना

यादों की पाठशाला में तुम
मेरे सपने बनकर आ जाना
सीरत

©Sheela Gahlawat seerat हंसकर आगे बढ़ जाना
मन की बात छुपा जाना

ओढनी दर्द की ओढ़ कर
खुशियों के संग बढ़ जाना

आंचल में छुपा दिल की तड़प
मखमली दुशाला ओढ़ जाना

Tarot Card Reader Neha Mathur

और बजे कंगन खननन् किनन् सजे ओढनी तुम्हारे नाम की, मोतियों की लड़ी मे यह और दमक उठी कोमल चरण जो चले तो लगे घुंघरूं है श्रृंगाररस मे डूबी, रून

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पिया ला दो ना मुझे रजवाड़ी ओढनी
फिर आंज भर नयन कोर मे करूं कटारी
ओढनी ला दे मुझे जो हो रेशम धारी
मुखडा सजे इस मे ऐसे 
पूर्णिमा चंद्र की छवि न्यारी, 
देह पर कोर ओढनी के ऐसे लगे 
जैसे कलियों की क्यारी,
चंचल हंसी उमड़ आए जैसे 
कोयल की मीठी तान सी,
झूमर झनननन् बजी

बाकी की कविता कैप्शन/
अनुशीर्षक मे पढ़े। और बजे कंगन खननन् किनन् सजे ओढनी तुम्हारे नाम की,
मोतियों की लड़ी मे यह और दमक उठी
कोमल चरण जो चले तो लगे घुंघरूं है श्रृंगाररस मे डूबी,
रून

Sheela Gahlawat seerat

रेशमी धागों से मखमली बुनी कुछ यादें, पलकों पे सजे कुछ सपने,...... जीवन का वो धागा जो सबको सँवारे रहती कोई भी मोती बिखरे कहीँ ना

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रेशमी धागों से
मखमली बुनी कुछ
यादें, पलकों पे सजे
कुछ सपने,...... 

जीवन का वो धागा 
जो सबको सँवारे रहती 
कोई भी मोती बिखरे कहीँ ना
वो टूट टूट जुड़ जाती .. 

हर घड़ी, हर पल
वो यादों की लडी
मखमली ... 
मलमल के रेशमी
धागों से ओढनी
ओढ़ बैठी
सीरत

©Sheela Gahlawat seerat रेशमी धागों से
मखमली बुनी कुछ
यादें, पलकों पे सजे
कुछ सपने,...... 

जीवन का वो धागा 
जो सबको सँवारे रहती 
कोई भी मोती बिखरे कहीँ ना

꧁༃ शिवम् लोधा ༃꧂

हम करते ही नहीं हैं प्रार्थनाएँ कि हमारे पड़ौस का बीमार बच्चा हो जाए चंगा चहकता चिड़ियों सा और खेलने लगे आँगन में अपने, ताकि हमारे आँगन भी

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  हम करते ही नहीं हैं प्रार्थनाएँ
कि हमारे पड़ौस का
बीमार बच्चा
हो जाए चंगा
चहकता चिड़ियों सा
और खेलने लगे
आँगन में अपने,
ताकि हमारे आँगन भी

नेहा उदय भान गुप्ता

🌝प्रतियोगिता- 05 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"ओढनी तेरे नाम की" 🌷 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्य

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ओढ़ के ओढ़नी तेरे नाम की पिया, मैं तो तेरी सुहागन बनी,
लेकर अग्नि के सामने सात फेरा मैं, मैं तो तेरी पुजारन बनी।
कभी ना टूटे अपना ये बंधन, मैं तो मांगू बस तेरा ही सम्बन्ध,
रहूं जन्मों जन्म तक संग तुम्हारे, बस तुम्हारी ही जोगन बनी।। 🌝प्रतियोगिता- 05 🌝
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌷"ओढनी तेरे नाम की" 🌷

🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्य

Writer1

🌝प्रतियोगिता- 05 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"ओढनी तेरे नाम की" 🌷 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्य

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महोबत में हम, आशियां सजाए हुए हैं,
दिन-रात आंखों ‌में बसाए हुए हैं,

ऐ हम-नशी, हमने ओढ़नी ओढ़ी तेरे नाम की,
अब, आकर हमारे ‌खवाब मुकमल कर दो 🌝प्रतियोगिता- 05 🌝
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌷"ओढनी तेरे नाम की" 🌷

🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्य

नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹

🌝प्रतियोगिता- 05 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"ओढनी तेरे नाम की" 🌷 🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्य

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ओढ़ के ओढ़नी तेरे नाम की पिया, मैं तो तेरी सुहागन बनी,
लेकर अग्नि के सामने सात फेरा मैं, मैं तो तेरी पुजारन बनी।
कभी ना टूटे अपना ये बंधन, मैं तो मांगू बस तेरा ही सम्बन्ध,
रहूं जन्मों जन्म तक संग तुम्हारे, बस तुम्हारी ही जोगन बनी।। 🌝प्रतियोगिता- 05 🌝
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌷"ओढनी तेरे नाम की" 🌷

🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्य
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