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संस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु
शीर्षक इंसानियत विधा विचार भाव वास्तविक अक्सर तरु की अत्यधिक निस्वार्थता ही ठेस पहुंचाती है, रिश्तों नातों में अक्सर तरु ही छली जाती है
read moreRimpi chaube
White बुराई कुछ पल को बहलाती है, अच्छाई जीवन भर गुदगुदाती है। बुराई को समझने के लिए एक पल काफी है, अच्छाई पल भर में समझ नहीं आती है। बुराई जीवन में केवल विध्वंस लाती है। अच्छाई जीवन को पल–पल सुगम बनाती है। बुराई के बदले बुराई ही पाई जाती है, जबकि अच्छाई ईश्वर का वरदान बन जाती है।। ©Rimpi chaube #अच्छाईबुराई बुराई कुछ पल को बहलाती है, अच्छाई जीवन भर गुदगुदाती है। बुराई को समझने के लिए एक पल काफी है, अच्छाई पल भर में समझ नहीं आती है
#अच्छाईबुराई बुराई कुछ पल को बहलाती है, अच्छाई जीवन भर गुदगुदाती है। बुराई को समझने के लिए एक पल काफी है, अच्छाई पल भर में समझ नहीं आती है
read moreARTIST VIP MISHRA
जैसे राम भगवान ने आज के दिन बुराई पर विजय पाई थी वैसे भगवान भी तुम्हें बुराई पर विजय दिलाएंगे
read moreHeer
प्रेम को समझना हर किसी के बस की बात नहीं..... सच्चा प्रेम किसे कहते है ये सिखाने ही तो राधा कृष्ण मनुष्य रूप में धरा पर अवतरित हुए थे। हम म
read moreRimpi chaube
White मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई। मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई। अपनापन का बोध कराती मेरी प्यारी भाषा हिंदी, भावों को भावों में पिरोकर,जो भावपूर्ण है कर पाई।। निज भाषा उन्नति की द्योतक,अन्य में न जिह्वा रस पाई। हिंदी सिर्फ भाषा नही,ये मां के आंचल–सी सर पे छाई।। समस्त जन को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई। ©Rimpi chaube #मेरी_प्यारी_भाषा_हिन्दी मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई। मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई। अपनापन का बोध कराती मे
#मेरी_प्यारी_भाषा_हिन्दी मां ने जिस भाषा में मुझको,दुनियादारी सिखलाई। मां को मां ही क्यूं कहते,इस बात की समझी गहराई। अपनापन का बोध कराती मे
read moreAnuradha T Gautam 6280
MiMi Flix
"शेरू का संयम | गुस्से पर काबू पाने और खुशी से खेलने की कहानी" - शेरू, जंगल का प्यारा शेर का बच्चा, जल्दी गुस्सा कर देता था। एक दिन, जब उसके
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
White सवाल है आज की पढ़ी लिखी नौकरी पेशा वाली औरतों से ! आदमी तो हैं ही बदनाम ए औरत जात तू बता तुझे एक आदमी क्यों काफ़ी नहीं ! ©ਸੀਰਿਯਸ jatt #Thinking इसका कोई जवाब नहीं दे पा रही औरतें ! मुझे ये जानना चाहता हूं कि औरत जात में आज दगा बाड़ी क्यों पाई जाती है!
#Thinking इसका कोई जवाब नहीं दे पा रही औरतें ! मुझे ये जानना चाहता हूं कि औरत जात में आज दगा बाड़ी क्यों पाई जाती है!
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White // आजादी कैसे पाई थी // देश के हजारों वीरो ने फांसी के फंदे पर झूले थे, लाखो वीरो ने गोलियां भी यु खाई थी । तब कही बड़ी मुश्किल से हमने, इस भारत में यु आजादी को पाई थी ।। कहते है कि , कुछ सत्ता के लोभी थे यु लोग, आजादी का वो चरखा चला कर खुद आई थी । तुम उन वीरों को वे अब भूल गए हैं, जिन्होंने काल कोठरी में यातना पाई थी ।। वीर सावरकर को अब भूल गए हैं, जिसने आजादी की वो ज्योति जलाई थी । कील , कांटो और अपने नाखूनों से , आजादी का ये नारो को ,जिसने को लिखाई थी ।। भगत सिंह को हम सब भूल गए हैं, जिसने छोटी सी उम्र में यु फांसी खाई थी ।। आजाद को अब कौन यु ही याद करे, जिसने भारत को , उन अंगरेजो के गुलामो से आजादी दिलाई थी ©बेजुबान शायर shivkumar #happy_independence_day #happyindependenceday #IndependenceDay2024 #IndependenceDay2025 #IndependenceDay #Nojoto #IndependenceDayIndia //