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Sachin Chaudhari
होते हो जब तुम रुबरु मिलता है मेरे दिल को सुकूं, तुम्ही समझों जज़्बात मेरे अब इससे ज्यादा मैं और क्या कहूँ ! तुम आईना हो , तुम हो प्रेरणा और तुम ही दिल में रहती हो, मुझको तुमसे प्यार बहुत लेकिन तुम दोस्त दोस्त ही कहती हो ! होती है असहमति अगर कभी "ये भी कोई बात है ! " जब तुम ये कहती हो । तब खुदा कसम तुम और भी प्यारी लगती हो । गिनता रहता हूँ मैं हर पल तेरे इंतजार में घड़ियाँ , अच्छा लगता है बहुत जब तुम कहती हो "हाँ सब बढिया"।। #रुबरू#इंतजार #जज़्बात #प्यार#घड़ियाँ#बात#intjaar#pyar#MoonHiding
Writer Bikash Singh
लगे आने, हृदय धन से कहा मैंने कि मत आओ। कहीं हो प्रेम में पागल न पथ में ही मचल जाओ॥ कठिन है मार्ग, मुझको मंजिलें वे पार करनीं हैं। उमंगों की तरंगें बढ़ पड़ें शायद फिसल जाओ॥ तुम्हें कुछ चोट आ जाए कहीं लाचार लौटूँ मैं। हठीले प्यार से व्रत-भंग की घड़ियाँ निकट लाओ॥ //✍️: बिकाश सिंह// #NojotoQuote हठीले प्यार से व्रत-भंग की घड़ियाँ निकट लाओ॥
हठीले प्यार से व्रत-भंग की घड़ियाँ निकट लाओ॥
read moreRahul
adhoora_ishqq___
इस बार मिलने की ये शर्त रखेगें, दोनों अपनी घड़ियाँ उतार फेकेंगे!! #MiShTI इस बार मिलने की ये शर्त रखेगें, दोनों अपनी घड़ियाँ उतार फेकेंगे!! #MiShTI #life #nojotothoughts #nojotoquotes #nojoto_writers
इस बार मिलने की ये शर्त रखेगें, दोनों अपनी घड़ियाँ उतार फेकेंगे!! #mishti #Life #nojotothoughts s #nojoto_writers
read moreOMG INDIA WORLD
इन्तजार की घड़ियाँ खत्म कर एे खुदा जिसके लिए बनाया है अब उससे मिलवा भी दे जरा ....😍 ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD इन्तजार की घड़ियाँ खत्म कर एे खुदा जिसके लिए बनाया है अब उससे मिलवा भी दे जरा ....😍
#OMGINDIAWORLD इन्तजार की घड़ियाँ खत्म कर एे खुदा जिसके लिए बनाया है अब उससे मिलवा भी दे जरा ....😍
read moreSarita Shreyasi
रेशमी डोरियों में बँध के, व्यस्त घड़ियाँ भी थम गयीं, माँ के लोरियों की थाप में, सूखी संवेदना भी नम गयीं। रेशमी डोरियों में बँध के, व्यस्त घड़ियाँ भी थम गयीं, माँ के लोरियों की थाप में, सूखी संवेदना भी नम गयीं।
रेशमी डोरियों में बँध के, व्यस्त घड़ियाँ भी थम गयीं, माँ के लोरियों की थाप में, सूखी संवेदना भी नम गयीं।
read moreAjay Dudhwal
जिन्हे ज़माने लगे थे कमाने को, वो सारे रंज गवाने को कहता है। चंद घड़ियाँ काफ़ी है इनको भूलने में, वो इतना आराम से कैसे कहता है।। ©Ajay Dudhwal जिन्हे ज़माने लगे थे कमाने को, वो सारे रंज गवाने को कहता है। चंद घड़ियाँ काफ़ी है इनको भूलने में, वो इतना आराम से कैसे कहता है।। #humantouch
जिन्हे ज़माने लगे थे कमाने को, वो सारे रंज गवाने को कहता है। चंद घड़ियाँ काफ़ी है इनको भूलने में, वो इतना आराम से कैसे कहता है।। #humantouch
read moreMo. Asiph
हम अपनी आस्तीनों से ही आँखें पोंछ लेते हैं हमारे आँसुओं ने कब किसी दामन की चाहत की हमारे साथ हैं महकी हुई यादों के कुछ लश्कर वो कुछ लमहे इबादत के, वो कुछ घड़ियाँ मुहब्बत की वो चेहरे से ही मेरे दिल की हालत भाँप लेता है ज़रूरत ही नहीं पड़ती कभी शिकवा-शिकायत की डरी सहमी हुई सच्चाइयों के ज़र्द चेहरों पर गवाही है सियासत की, इबारत है अदालत की हैं अब तक याद हमको ‘नाज़’ वो बीती हुई घड़ियाँ कभी तुमने शरारत की, कभी हमने शरारत की हम अपनी आस्तीनों से ही आँखें पोंछ लेते हैं हमारे आँसुओं ने कब किसी दामन की चाहत की हमारे साथ हैं महकी हुई यादों के कुछ लश्कर वो कुछ लमहे इब
हम अपनी आस्तीनों से ही आँखें पोंछ लेते हैं हमारे आँसुओं ने कब किसी दामन की चाहत की हमारे साथ हैं महकी हुई यादों के कुछ लश्कर वो कुछ लमहे इब
read more*Nee₹
कभी कहीं नहीं घड़ियाँ हैं वहीं कहीं कुछ तल्ख़, कुछ हसीं.. Hello Resties❤ Collab krein hmare #rzhindidualcollab par aur samay ke bare me apne vichar likhein. #yqrestzone #collabwithrestzone #yqrz
Hello Resties❤ Collab krein hmare #rzhindidualcollab par aur samay ke bare me apne vichar likhein. #yqrestzone #collabwithrestzone #yqrz
read moreSarita Shreyasi
दादी उसकी कहती है, एक तिल बराबर, बेटी हर दिन बढ़ती जाती है। बिटिया बढ़ती है, घड़ियाँ घटती हैं, ममता की डोरी, समय-सीमा से, बंध जाती है, माँ की दिनचर्या, कई संकल्पों में, बँट जाती है। मन ही मन माँ डरती है, तिल बराबर नजदीकी उसकी, मुझसे हर दिन घटती जाती है। दादी उसकी कहती है, एक तिल बराबर, बेटी हर दिन बढ़ती जाती है। बिटिया बढ़ती है, घड़ियाँ घटती हैं, ममता की डोरी, समय-सीमा से, बंध जाती है,
दादी उसकी कहती है, एक तिल बराबर, बेटी हर दिन बढ़ती जाती है। बिटिया बढ़ती है, घड़ियाँ घटती हैं, ममता की डोरी, समय-सीमा से, बंध जाती है,
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