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Aditya Nigam
"कारी कजरारी कारी , कजरी की कोरी कारी कारी - कारी भौएं जाके , लश्कारी कारी होय"।। अनुप्रास अलंकार का उदहारण
अनुप्रास अलंकार का उदहारण
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क़सम को काटके करम को कैसे काटना। अजीब आँख आँशु अंक आज आँकना। मिली मुसीबतें मिलाना मर्ज मास में, तड़प तकी तुझे तू तौल तेरी ताड़ना। -Nishant Pandit #alone कर्म... अनुप्रास अलंकार... #KARM #Love #Anshu #nishant #ishq
siyaaa
चंचल चितवन चित्त सुहाये,भोले-भाले भले भाये मैं मोहन में,मोहन मुझमे,ये मीरा बैठी होश गवाये -siya अनुप्रास अलंकार अनुप्रास अलंकार🖤🖤🖤 #ishq #Love #meera #hindipoetry #sahitya #Nojoto #nojotohindi #Emotion
अनुप्रास अलंकार🖤🖤🖤 #ishq #Love #meera #hindipoetry #sahitya #nojotohindi #Emotion
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मेरे पापा खुशनसीबी मेरी पापा आपके साये तले रही हूँ, आपकी उंगली को पकड़कर कदम दर कदम चली हूँ, देखा मैंने पापा आपको खुशियों की खातिर मेरी अपनी खुशियों की आहूति पल पल आपको देते देखा अच्छी परवरिश की खातिर मेरी आपके संघर्ष पथ से आधार मिला मेरे जीवन को पापा भूल से भूल न पाऊँ, मेरा ख्वाब आपके अधूरे ख्वाब की एक किताब बनाऊँ, अधूरे ख्वाब अधूरे न रह जाये उनको पूरा मैं कर जाऊँ दुनिया में कुछ ऐसा कर जाऊँ रोशन नाम रोशन आपकी दी परवरिश कर जाऊँ देकर उड़ान आपके ख़्वाब से निर्मित ख्वाब के पंखों को कुछ अच्छा कर जाऊँ मैं, वर्णित करके कोरे कोरे कागज पर सुलभ यादें सजाऊँ, तीसरी रचना अनुप्रास अलंकार मेरे पापा पिता कविता #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #KKजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #KKजन्मदिन #KKजन्मदिन_3 #KKHBD2022 #collabwith
तीसरी रचना अनुप्रास अलंकार मेरे पापा पिता कविता #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #KKजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #KKजन्मदिन #KKजन्मदिन_3 #KKHBD2022 collabwith
read moreDR. SANJU TRIPATHI
'अनुप्रास अलंकार' पिता सदा साथ निभाने वाले सदा संग-संग साथी बन साथ रहते हैं मेरे पिता, मुश्किलों में भी मुझे मजबूत चट्टान सा बनना सिखाते रहते हैं मेरे पिता। हर घड़ी हर पल और हमेशा ही हमारा हमसाया बनकर रहते हैं मेरे पिता, मेरे सम्पूर्ण व्यक्तित्व को सरल सुमधुर और सरस बनाने वाले हैं मेरे पिता। मेरा मन मुस्कुराता है जब मुख पर मंद मंद मीठी मुस्कान लाते हैं मेरे पिता, जीवन जगमग जगमग जगमगाने लगता है जब पास रहते हैं मेरे, मेरे पिता। हर दु:ख हर दुविधा हर मुश्किल में हर पल हमारा हाथ थामें रहते हैं मेरे पिता, सब कुछ सामान्य दिखाकर स्वयं संकट सहते रहते हैं सदा, ऐसे हैं मेरे पिता। स्नेह की सरिता व स्नेह के सच्चे धागों से परिवार सजाकर रखते हैं मेरे पिता, अपनी खट्टी मीठी बातों से ही बारिश की बूंदों सा प्रेम बरसाते हैं मेरे पिता। निष्कपट, निश्चल, नि:स्वार्थ भाव से अपने सारे ही फर्ज निभाते हैं मेरे पिता, सागर सी गहराई समाहित सानिध्य से जीवन सफल बनाने वाले हैं मेरे पिता। रचना क्रमांक -3 अनुप्रास अलंकार पिता - 15/10/2022 #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #KKजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #KKजन्मदिन #KKजन्मदिन_3
रचना क्रमांक -3 अनुप्रास अलंकार पिता - 15/10/2022 #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #KKजन्मदिनमहाप्रतियोगिता #KKजन्मदिन #KKजन्मदिन_3
read moreSatish Kumar Meena
स्त्री की परिभाषा सही मायने में यह है कि अपने सामर्थ्य से सहनशीलता के साथ अपनों के सेवाभाव में प्रगति के पथ पर लक्ष्मी जी की तरह परिवार का उत्थान करें वो स्त्री है। ©Satish Kumar Meena स्त्री की परिभाषा
स्त्री की परिभाषा
read moreHarvinder Ahuja
Our body is like a washing machine. Our mind is like cloth. Love is like pure water. Knowledge is detergent. Each lifetime is one wash cycle. The mind comes into the body to get cleansed and pure. But if you put in mud instead of detergent, your clothes will become dirtier than before. You will have to go on putting your clothes in the washing machine to get them cleaned. And the process repeats again and again. Similarly, you will have many more births until you stop repeating the mistakes that you have made. ©Harvinder Ahuja #मन की परिभाषा
#मन की परिभाषा
read moreAnekanth B
Mutual funds, Loan, Insurance, Shares, Credit card, बस, अब और क्या बचा है? सब लूट लो। #Frustration की परिभाषा
#frustration की परिभाषा
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