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Mukesh Poonia
White अपने दिमाग से बाहर निकलो और अपने दिल में प्रवेश करो । सोचो कम, महसूस ज्यादा करो। . ©Mukesh Poonia #good_night अपने #दिमाग से #बाहर निकलो और अपने #दिल में #प्रवेश करो। सोचो कम, #महसूस #ज्यादा करो। हिंदी छोटे सुविचार आज का विचार सुप्रभात नय
Bhupendra Rawat
White कहानी लिखी गयी हर एक उस शख़्स की जिसने संघर्ष की सीढ़ी पर चढ़कर बदल दिया अनिश्चितताओं और हाथों की लकीरों को तथा खोल दिये सफलता के द्वार बल्कि किस्मत को दोष देने वालों के हाथों मे छपी असफलताओं की लकीरें. और इस तरह इतिहास के पन्नों मे उपसर्ग 'अ' के साथ दर्ज हुआ एक और शब्द "असफलता" इस शब्द मे छिपी थी मायूसी, उदासीनता और नाराज़गी ©Bhupendra Rawat #Sad_Status कहानी लिखी गयी हर एक उस शख़्स की जिसने संघर्ष की सीढ़ी पर चढ़कर बदल दिया अनिश्चितताओं और हाथों की लकीरों को तथा खोल दिये सफल
#Sad_Status कहानी लिखी गयी हर एक उस शख़्स की जिसने संघर्ष की सीढ़ी पर चढ़कर बदल दिया अनिश्चितताओं और हाथों की लकीरों को तथा खोल दिये सफल
read moreSarfaraj idrishi
White मस्जिद पर भगवा लहराने मे वो लोग आगे है जिनका खुद मंदीर मे प्रवेश वर्जित है कड़वा है मगर सत्य है ©Sarfaraj idrishi #good_night मस्जिद पर भगवा लहराने मे वो समुदाय आगे है जिनका खुद मंदीर
#good_night मस्जिद पर भगवा लहराने मे वो समुदाय आगे है जिनका खुद मंदीर
read moreMiMi Flix
"जंगल का जादुई झरना – साहस और एकता की कहानी" - एक घने जंगल में रहने वाले जानवर एक रहस्यमय पानी की कमी से परेशान हैं। क्या बुद्धिमान हाथी, शर
read moreMukesh Poonia
लाल रंग से सजा मां का दरबार, आनंदित हुआ मन महक हुआ संसार, अपने पावन दमों से मां आए आपके द्वार, मुबारक हो आपको नवरात्रि का ये त्योहार। ©Mukesh Poonia #navratri लाल रंग से सजा #मां का दरबार, #आनंदित हुआ मन #महक हुआ #संसार, अपने पावन दमों से मां आए आपके द्वार, #मुबारक हो आपको #नवरात्रि का ये
CHOUDHARY HARDIN KUKNA
यह राजकोट की घटना है, डीडवाना के पास रान गांव का आदमी है गुर्जर है, लोखन का होल सेल व्यपारी है! ऐसे कोई भी बाबा आये तो उनको दुक्क़न में प्र
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो , हुआ हमें भी प्यार ।। करता हूँ मैं आज कल , छोटा सा व्यापार । लेना देना दिल यही , अपना कारोबार ।। कुछ तो मेरी भी सुनो , अब मेरे दिलदार । भर दो झोली आज यह , पड़ा तुम्हारे द्वार ।। कब तक बैठा मैं रहूँ , बोलो अब सरकार । पहनाओ मुझको गले , इन बाँहों का हार ।। महकी महकी यह फिजा , महकी आज बहार । अब तो तेरे नाम से , यह जीवन उजियार ।। अब तो इतनी हैं सनम , मेरी भी दरकार । तेरी बाहों का प्रखर , पड़े गले में हार ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो
दोहा :- तीखे-तीखे नैन से , क्यों करती हो वार । हम तो तेरे हो चुके , पहनाओ अब हार ।। इस जीवन में आप पर , बैठा ये दिल हार । लगकर सीने से कहो
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White गणेश चतुर्थी जय गणपति हे गजानन , गजकेसरी तुमको है मेरा वंदन , हे अभिनंदन । हे विघ्न विनाशक ,तुम शुभ करता तुमको है मेरा सब अर्पण । जय गणेश , गणपति देवा दे दो तुम हमको मेवा । हाथ जोड़ कर खड़े हैं हम द्वार तेरे एकदंत , गजकर्ण , भालचंद्र , गौरी सुत । बुद्धिनाथ , लंबोदर , महाबला दो हमको तुम ज्ञान वो संदेशा गजवक्र , गणाध्यक्ष , हो तुम प्रथम देव इस जगत के तुमको पूजे बिन सफल नहीं हो कोई काज जय श्री गणेश ©बेजुबान शायर shivkumar #Ganesh_chaturthi #गणेशचतुर्थी #GaneshChaturthi #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #बेजुबानशायर143 तुमको है मेरा सब अर्पण । जय #गणेश , गणपति देवा
#Ganesh_chaturthi #गणेशचतुर्थी #GaneshChaturthi #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #बेजुबानशायर143 तुमको है मेरा सब अर्पण । जय #गणेश , गणपति देवा
read moreperson
इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
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