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neelu
White कहते हैं मंज़िल पहचान लेती है मुसाफिर और मुसाफिर पहचान लेते हैं रास्ते.. fir शुरू होता है सफर ©neelu #Sad_Status #कहते हैं #मंज़िल #पहचान लेती है #मुसाफिर और #मुसाफिर #पहचान लेते हैं #रास्ते.. fir शुरू होता है सफर
monishchoudhary__
वरना किसे बेवफ़ाओं पर एतबार रहता है❤️❤️❤️.... #poetryunplugged #nojotohindishayari #Shayari #sad_shayari #SAD #Like #viral #Trending
read mores गोल्डी
वो भी रात में निकलती है और हम भी , लोग उसे चांद और हमे आवारा कहते है...❤️🌻 ©s गोल्डी वो भी रात में निकलती है और मैं भी , लोग उसे चांद और मुझे आवारा कहते है...❤️🌻
वो भी रात में निकलती है और मैं भी , लोग उसे चांद और मुझे आवारा कहते है...❤️🌻
read moreHeer
Bhagavan kise nahin dikhte hain? नाहं प्रकाश: सर्वस्य योगमायासमावृत: । मूढोऽयं नाभिजानाति लोको मामजमव्ययम् ॥ मैं मूर्खों और मूर्खों के लिए कभी भी प्रकट नहीं होता। उनके लिए मैं अपनी आंतरिक शक्ति से ढका हुआ हूँ, और इसलिए वे यह नहीं जानते कि मैं अजन्मा और अचूक हूँ। ©Heer #Thinking #भगवान किसे नहीं दिखते?
Ram Yadav
White ये सारे देवता,,, जंगल, नदियों, पेड़ों, जानवरों, पहाड़ों.... के पास क्यों मिले???? क्यों वो कंक्रीट के साम्राज्य में अध्यात्म नहीं खोज पाए???????? ऊर्ध्वमूलमधःशाखमश्वत्थं प्राहुरव्ययम् । छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदबित् ।। गीता : 15.1 ।। हरि ॐ ©Ram Yadav #Krishna #अध्यात्म #भारत #पर्यावरण
Anand Kumar Ashodhiya
पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya #पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता
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