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आगाज़
White कुछ ना उम्मीद बेसहारों के सहारे बन जाते हैं.. पटाखों के बेवजह शोर से सहमें बेज़ुबानों को बचाते हैं एक इंसान बनकर आए हैं हम सब इस धरती पर आओ रंगों के भेद भूल जाते हैं चलो इस बार की दिवाली कुछ नए तरीके से मनाते हैं.. दीपावली की खुशियां जताने को कैडबरी चॉकलेट नहीं घर के बने लड्डू खिलाते हैं ©आगाज़ #diwali_wishes aditi the writer DASHARATH RANKAWAT SHAKTI
#diwali_wishes aditi the writer DASHARATH RANKAWAT SHAKTI
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White अपनी कश्ती, अपना साहिल, अपनी ही मंजिल अलग, दुनिया की राहों से हटकर, हम बनाते हैं अपना जगह। ©आगाज़ #sad_quotes aditi the writer DASHARATH RANKAWAT SHAKTI
#sad_quotes aditi the writer DASHARATH RANKAWAT SHAKTI
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White नासिर काज़मी जब रात गए तिरी याद आई सौ तरह से जी को बहलाया कभी अपने ही दिल से बातें कीं कभी तेरी याद को समझाया यूँही वक़्त गँवाया मोती सा यूँही उम्र गँवाई सोना सी सच कहते हो तुम हम-सुख़नो इस इश्क़ में हम ने क्या पाया जब पहले-पहल तुझे देखा था दिल कितने ज़ोर से धड़का था वो लहर न फिर दिल में जागी वो वक़्त न लौट के फिर आया फिर आज तिरे दरवाज़े पर बड़ी देर के बा'द गया था मगर इक बात अचानक याद आई मैं बाहर ही से लौट आया ©आगाज़ #good_night DASHARATH RANKAWAT SHAKTI aditi the writer
#good_night DASHARATH RANKAWAT SHAKTI aditi the writer
read moreKumar Raviraj
SERVE THE PEOPLE I SERVE YOURSELF I SERVE THE NATION Let’s come together to do something for the Betterment of the People of Our Society. Se
read moreVandana Rana
White I don't ignore people I only neglect the mismatch vibes. ©Vandana Rana I don't ignore people I only neglect the mismatch vibes
I don't ignore people I only neglect the mismatch vibes
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White सभ्यता का युग तब आएगा जब औरत की मर्ज़ी के बिना कोई औरत के जिस्म को हाथ नहीं लगाएगा। - अमृता प्रीतम ©आगाज़ #good_night aditi the writer Kumar Shaurya
#good_night aditi the writer Kumar Shaurya
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White सादगी में तेरा रहना और पलके झुकाना, यार तुम बहुत प्यारी लगती हो झील जैसी आंखें तुम्हारी और हमें देखना, कसम से जान हमारी ले लेती हो, सुनो शहजादी यूं बार-बार कहर ना बरसाओ हम पर, रातों की नींद गायब और दिन भर याद आती हो... तुम्हारी झील जैसी आंखें जो है ना मोहतरमा, इसमें हमें खोना है लेकिन कैसे, हम यहाँ समुद्र में और तुम इतना दूर जो रहती हो, काजल लगाया करो अपनी झील जैसी आंखों में यार, मेरी जाना तुम जान हमारी लगती हो, बसा लो ना हमें अपनी झील जैसी आंखों में, मैं तुम्हारा और तुम पूरी की पूरी हमारी लगती हो... माना खो जाते हैं हम तुम्हारी झील जैसी आंखें देख कर पगली, ज्यादा इतराओ मत तुम इतराती थोड़ी बुद्धू लगती हो, जमाना कुछ भी कहे हमें साथ देखकर मोहतरमा, तुम चांद जैसी दुल्हन हमारी लगती हो, सुरमा लगाया करो थोड़ा अपनी झील जैसी आंखों में, सुरमा लगती तुम बहुत अच्छी लगती हो.... Kundan Dubey..... ©आगाज़ #Sad_Status #kundan Kumar Shaurya aditi the writer
#Sad_Status #Kundan Kumar Shaurya aditi the writer
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White कोई दुःख मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं, वही हारा जो लड़ा नहीं…” ©आगाज़ #GoodMorning aditi the writer Kumar Shaurya
#GoodMorning aditi the writer Kumar Shaurya
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