Find the Latest Status about ek khawaish shayri 0 from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ek khawaish shayri 0.
Santosh Narwar Aligarh (9058141336)
White याद आ रहें हैं हमें बहुत वो लौटकर न आने वाले वादे का वास्ता सिखाकर खुद न लौटे वादा निभाने वाले। ©Santosh Narwar Aligarh (9058141336) #sad#shayari Andy Mann kashi... Ek Alfaaz Shayri Miss Shalini Neel arvind bhanwra ambala. India
sadshayari Andy Mann kashi... Ek Alfaaz Shayri Miss Shalini Neel arvind bhanwra ambala. India
read moreAkash
mujhe ek hi chehra nazar aata hai👫🥀emotional shayri status💝hindipoetey #urdupoetry #jonelia
read morePAWAN GUPTA
White Ek Wakt Aisa Bhi Tha Ki Sab Kuch Tha Pas Mere Ek Wakt Aisa Bhi Hai Ki Kuch Bhi Nahi Hai Pas Mere Fir Ek Wo Wakt Ayega Ki Sab Kuch Hoga Pass Mere..... ©PAWAN GUPTA #Ek Wakt
#Ek Wakt
read moreDr. Nishi Ras (Nawabi kudi)
ऐ चांद मुझसे दोस्ती कर ले, मेरे ख्वाबों में रोशनी भर दे, तू भी उस आसमान में अकेला है, मैं भी इस जहान में अकेली हूँ, तेरी खुशी में मैं शामिल रहूं, तेरे इंतजार में मैं रात दिन रहूं, मेरा हाथ थाम ले तू जरा, दिल की ख्वाईश मान ले तू जरा! ©Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi) Upcoming Book #dil #khawaish #chand #doshti #dost #nojoto #ChaltiHawaa silence quotes love quotes
Jashvant
White मिरे लिए कौन सोचता है जुदा जुदा हैं मिरे क़बीले के लोग सारे जुदा जुदा सब की सूरतें हैं सभी को अपनी अना के अंधे कुएँ की तह में पड़े हुए ख़्वाहिशों के पिंजर हवस के टुकड़े हवास रेज़े हिरास कंकर तलाशना हैं सभी को अपने बदन की शह-ए-रग में क़तरा क़तरा लहू का लावा उंडेलना है सभी को गुज़रे दिनों के दरिया का दुख विरासत में झेलना है मिरे लिए कौन सोचता है सभी की अपनी ज़रूरतें हैं मिरी रगें छिलती जराहत को कौन बख़्शे शिफ़ा की शबनम मिरी उदासी को कौन बहलाए किसी को फ़ुर्सत है मुझ से पूछे कि मेरी आँखें गुलाब क्यूँ हैं मिरी मशक़्क़त की शाख़-ए-उरियाँ पर साज़िशों के अज़ाब क्यूँ हैं मिरी हथेली पे ख़्वाब क्यूँ हैं मिरे सफ़र में सराब क्यूँ हैं मिरे लिए कौन सोचता है सभी के दिल में कुदूरतें हैं ©Jashvant #हवस के टुकड़े puja udeshi Ek Alfaaz Shayri Andy Mann Mukesh Poonia vineetapanchal Dr.Mahira khan
#हवस के टुकड़े puja udeshi Ek Alfaaz Shayri Andy Mann Mukesh Poonia vineetapanchal Dr.Mahira khan
read moreJashvant
White लाख पर्दों में रहूँ भेद मिरे खोलती है शाइ'री सच बोलती है मैं ने देखा है कि जब मिरी ज़बाँ डोलती है शाइ'री सच बोलती है तेरा इसरार कि चाहत मिरी बेताब न हो वाक़िफ़ इस ग़म से मिरा हल्क़ा-ए-अहबाब न हो तो मुझे ज़ब्त के सहराओं में क्यूँ रोलती है शाइ'री सच बोलती है ये भी क्या बात कि छुप छुप के तुझे प्यार करूँ गर कोई पूछ ही बैठे तो मैं इंकार करूँ जब किसी बात को दुनिया की नज़र तौलती है शाइ'री सच बोलती है मैं ने इस फ़िक्र में काटें कई रातें कई दिन मिरे शे'रों में तिरा नाम न आए लेकिन जब तिरी साँस मिरी साँस में रस घोलती है शाइ'री सच बोलती है तेरे जल्वों का है पर तिरी मिरी एक एक ग़ज़ल तो मिरे जिस्म का साया है तो कतरा के न चल पर्दा-दारी तो ख़ुद अपना ही भरम खोलती है शाइ'री सच बोलती है ©Jashvant शायरी सच बोलती है vineetapanchal Parul rawat Dr.Mahira khan Ek Alfaaz Shayri Andy Mann
शायरी सच बोलती है vineetapanchal Parul rawat Dr.Mahira khan Ek Alfaaz Shayri Andy Mann
read more