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Stories related to फौजियों के लिए रागनी

Parasram Arora

प्यार के लिए पुकार

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White कुछ पलो के लिए 
ही सही 
प्यार जहा से भी मिले 
उसे लेलो 
अगर उधार भी 
लेना पड़े तों उससे
. परहेज़ मत करना 



इसके बावजूद 
भी अगर वो 
प्यार नही मिलता तुम्हे  तों 
उसे  पुकारो 
वो जहा भी होगा
 तुम्हारी आवाज़ वो 
जरूर सुनेगा

©Parasram Arora प्यार के लिए पुकार

F M POETRY

#तेरी दुनियाँ संवारने के लिए.....

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White तेरी दुनियाँ संवारने के लिए..

अपनी हस्ती मिटा दिया मैंने..

यूसुफ आर खान...

©F M POETRY #तेरी दुनियाँ संवारने के लिए.....

Rinkesh

#Sad_Status दोस्ती के लिए शायरी

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White दोस्ती दिल से करो।
वरना मतलब के लिए तो सब दोस्त बन जाते हैं।

©Rinkesh #Sad_Status दोस्ती के लिए शायरी

Rajinder singh bhati

जीवन के लिए उपयोगी बातें

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हिमांशु Kulshreshtha

तुम्हें पाने के लिए..

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White बहकते हैं 
हर रोज़ ये कदम,
तुम्हारे पास आने के लिए,
न जानें कितने फासले, 
अभी तय करने हैं 
तुम्हें पाने के लिए....!!

©हिमांशु Kulshreshtha तुम्हें पाने के लिए..

Rajinder singh bhati

आप के लिए उपयोगी बात

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ANSARI ANSARI

दौलत के लिए।

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M R Mehata(रानिसीगं )

#teachers_day अपनापन हो अपनो के लिए

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White जय माता दी 
🌼🌼🌼

अपने और पराये का भेद सिखाया है 

जीवन में कैसे रखे दोनो से मेल.... 

मीठा हो बोल परायो के लिए केवल 

अपनापन तो अपनो के लिए ही है 

केवल अच्छे से समझाया है.... 😪💔

©M R Mehata(रानिसीगं ) #teachers_day अपनापन हो अपनो के लिए

Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

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पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी 

तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है 
तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है 

तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए 
पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए
उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है 

तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई 
खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई 
तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है 

धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया 
पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया 
उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है 

कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा 
पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा 
कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है

गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया 
के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया 
उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya #पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण  कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

priyanshu

अपने प्यार के लिए

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