Find the Latest Status about अचनकमार वन्यजीव अभयारण्य from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अचनकमार वन्यजीव अभयारण्य.
Rishi Tiwari Samajsevi
जय हिन्द जय इंसान बुलंद रहे ये हिंदुस्तान ©Rishi Tiwari Samajsevi #Rishi.Tiwari विश्व वन्यजीव दिवस
#rishi.Tiwari विश्व वन्यजीव दिवस
read moreMetro Agency Online Holsel Shop
वनयजीव सपताह ©Savita Patel वन्यजीव हार्दिक शुभकामनाएं
वन्यजीव हार्दिक शुभकामनाएं
read moreVicky Tiwari
Vicky Tiwari
Mo. Asiph
World Wildlife Day 3rd March विश्व वन्यजीव दिवस का इतिहास संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को अपने 68वें अधिवेशन में वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करने एवं वनस्पति के लुप्तप्राय प्रजाति के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए 3 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व वन्यजीव दिवस मनाने की घोषणा की थी। वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने के लिए सर्वप्रथम साल 1872 में वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट पारित हुआ था। #World_Wildlife_Day विश्व वन्यजीव दिवस का इतिहास संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को अपने 68वें अधिवेशन में वन्यजीवों की सुरक्षा के
#World_Wildlife_Day विश्व वन्यजीव दिवस का इतिहास संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को अपने 68वें अधिवेशन में वन्यजीवों की सुरक्षा के
read moreVibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ धरती वन्य जीवों और वनस्पतियों से समृद्ध है, इनके बिना प्रकृति के अस्तित्व की कल्पना भी असंभव है और धरती के संतुलन के लिए दोनों आवश्यक है। इसीलिए आइये वन्य जीवों व वनस्पतियों के संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लें विश्व वन्यजीव दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं..l ✍️Vibhor vashishtha vs Meri Diary #Vs❤❤ धरती वन्य जीवों और वनस्पतियों से समृद्ध है, इनके बिना प्रकृति के अस्तित्व की कल्पना भी असंभव है और धरती के संतुलन के लिए दो
Meri Diary Vs❤❤ धरती वन्य जीवों और वनस्पतियों से समृद्ध है, इनके बिना प्रकृति के अस्तित्व की कल्पना भी असंभव है और धरती के संतुलन के लिए दो
read moreकथा और व्यथा!
खोटा बाबा, मोटा भाई, साहब, चीतों के भारत आने से पहले , जमीन वापसी के लिए कोर्ट पहुंचा पालपुर राजघराना । क्यों भाई आज ही ऐतिहासिक दिन था 70 सालों बाद चीतों की वापसी, पीएम साहब ने स्वयं छोड़ा था ? पालपुर रियासत के वंशज श्रीगोपाल देव सिंह ने दावा किया है कि उन्होंने अपना किला और जमीन श्योपुर के कुनो पालपुर अभयारण में बब्बर शेरों के दूसरे सुरक्षित घर के तौर पर बने कुनो पालपुर अभयारण के लिए दी थी। लेकिन अब कूनो पालपुर अभयारण्य में शेरों की जगह चीते बचाने का काम किया जा रहा है। कूनो को गुजरात के गिर शेरों को लाने के लिए अभयारण्य घोषित किया गया तो उन्हें अपना किला और 260 बीघा भूमि खाली करनी पड़ी। वहीं कुँवर गोपाल देव ने आरोप लगाया कि सरकार ने कुनो पालपुर सेंचुरी का नाम बदलकर कुनो नेशनल पार्क भी कर दिया ऐसे में अब पालपुर राजघराने के वंशजों ने अपनी पुश्तैनी संपत्ति वापस पाने के लिए राज्य सरकार के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 19 सितम्बर को ग्वालियर हाई कोर्ट में सुनवाई है। फोटो संकलन ©कथा या व्यथा! खोटा बाबा, मोटा भाई, साहब, चीतों के भारत आने से पहले , जमीन वापसी के लिए कोर्ट पहुंचा पालपुर राजघराना । क्यों भाई आज ही ऐतिहासिक दिन था 70 स
खोटा बाबा, मोटा भाई, साहब, चीतों के भारत आने से पहले , जमीन वापसी के लिए कोर्ट पहुंचा पालपुर राजघराना । क्यों भाई आज ही ऐतिहासिक दिन था 70 स
read more