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Seagrette Omi Ngaihlian
Gone Gone.. Gone.. Gone.. Gone with the wind.. Gone with the night With the setting sun With the tide and trials, Letting loose all struggles; Never to come back... But to welcome us back On that fateful day; On the other side, When I will be brought home for all eternity.. And henceforth unity and beatitude will it be. For that day will I live, yearn for and more.. A tribute to my dead husband who was gone on 31st Dec. 2020
A tribute to my dead husband who was gone on 31st Dec. 2020
read morePooja Sharma
नरेंद्र मोदी नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया लद्दाख को भारत का हिस्सा बनाया । धारा 370 संविधान से हटाया । कश्मीर को भारत का ताज बनाया। कैसे धन्यवाद करें मोदी आपका। आपने भारत का नया नक्शा बनाया। रामलला को उनका जन्म स्थान दिलाया। राम मंदिर का मसला सुलझाया । कैसे धन्यवाद करें मोदी आपका। आपने हिंदू मुस्लिम एकता पर एक नया विश्वास जताया। नारी को सम्मान दिलाया। सुकन्या योजना बनाकर, भ्रूण हत्या रुकवाया। औरतों को उनका आत्मसम्मान दिलवाया। उज्वला योजना से हर घर चमकाया। कैसे धन्यवाद करें मोदी आपका । आपने तीन तलाक का किस्सा ही हटाया । रिफ्यूजियो को भारत का नागरिक बनाया। नागरिकता संशोधन का काम कराया। कैसे धन्यवाद दे मोदी आपका। आपने बेचारा लोगों का भारत में आशियाना बनवाया। a tribute to modiji
a tribute to modiji
read moreShubhi Setia
A jubilant soul paved the way: In a naive span of life; Death Bed snatched Felicity: Embark wailings and sobbings...... Government ostentatious endeavored: But Bed trivialized undertaking; And confiscate the jovial spirit; Deteriorated his menage...... A Tribute to Fatehveer
A Tribute to Fatehveer
read moreBright mind point
#RIPMilkhaSingh Desh ne aaj ek mahaan khiladi Milkha singh ji ko kho diya aapko desh humesha yaad rakhega ©Bright mind point A Tribute to Milkha singh
A Tribute to Milkha singh
read moreमनु हमदर्द
Dear Sush pls accept my Tribute तेरा दर्द मेरा गीत... इस टूटे दिल का क्या करूं...? इस टूटे दिल का क्या करूं रब्ब तू इसे संभाल ले फिर धड़के न ये तड़पे न अब जिस्म से निकाल दे इन आंखों का मैं क्या करूं जिन आंखों में न अब खाब है बिखरे बिखरे पन्नों सी ये ज़िंदगी किताब है इन बांहों का मैं क्या करूं जो खाली सी बेताब हैं क्यों खड़ी है राहों में जो हमसफ़र नाराज़ है इन सांसों का मैं क्या करूं जो सुकून नहीं सैलाब है भर भर के लाए सिसकी अब दर्द बेहिसाब है मनु हमदर्द ✍️ tribute to Shushant ...a song..
tribute to Shushant ...a song..
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