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Ajita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
#Sad_Status poem of the day
read moreSrinivas
Wealth can't buy peace of mind, but a lack of it may disturb the peace you seek. ©Srinivas Wealth can't buy peace of mind, but a lack of it may disturb the peace you seek.
Wealth can't buy peace of mind, but a lack of it may disturb the peace you seek.
read moreManisha Maru
नेह नीर रक्त बहे, क्षित विक्षत हे कंचन देह। कुदृष्टि नोच खाए, वसुंधरा के झड़ गए मेह।। ©Manisha Maru #justice
Ajita Bansal
White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे, जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे। कभी धूप में, कभी छाँव में, हम चलते रहे, सफ़र के साथ। हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में, मिले हमसे कुछ किस्से नए। कभी हँसाए, कभी रुलाए, वो रास्ते भी हमें सिखाते गए। कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे, मंज़िल की ओर बढ़ते गए। वो रास्ते हमें समझाते रहे, कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता। ©Ajita Bansal #Thinking poem of the day
#Thinking poem of the day
read moreMeena Prajapati
Where is the justice? Mutual understanding means justice? Justice by torture is justice? One who transgresses is not worthy, one who errs. Is it fair to judge him? Why only the bad man wins in Kalyuga? We say there is God, even God helps demons these days. Why not help someone who really deserves justice..... ©Meena Prajapati #justice
Amol M. Bodke
रो रोके अब आखों के अश्क़ सुख गये है इतने बलात्कार आज की तारीख में हो रहे है। पर हमें क्या, हमें तो मोमबत्तियां जला कर सडकों पर रोशनी करनी है, नामर्द सी नस्ल हैं हमारी गर्दन झुका कर दिखानी है। आग लगी है दिलों में वो भी बुझ जाती है सवेरे में फिर वही चिकारी सुनाई देती है अपने मोहल्ले में ©Amol M. Bodke #Justice
Shashank
कब तक भारत माँ साँसे लेगी केवल भारत माता की जय के नारों में.... भारत माँ की हत्या हो रही हर रोज़ इन अखबारों में.... कैसे जय होगी भारत माता की जब रोज देश मे नारी मारी जाती है...... हर रोज किसी की अस्मत लूटी जाती है..... लेकर वोट हम ही से ये नेता हर रोज़ बतोले बाज़ी करते हैं.... नारी सुरक्षा पे केवल इनसे बस भाषण ही मिलते हैं..... बलात्कारी जेहादी इनके संरक्षण मे ही तो पलते हैं... नन्ही बच्चियों तक को हवस का शिकार बनाया जाता है.... तब मेरा अंतरमन आँसुओं से भर जाता है.... लाशों के आगे अब किसी की मुहब्बत की दुकान नहीं खुलती है..... राजनीतिक स्वार्थ के कारण अब किसी की जुबान नही खुलती है..... मानवता के आगे खड़ी ये सबसे बड़ी चुनौती है..... मुझको तो अब लगता है की लोकतंत्र ही सबसे बड़ी पनौती है... जेहादियों के कातिल मंसूबों के आगे ये दण्ड संहिता बौनी लगती है..... लचर है कानून व्यवस्था जो न्याय दिलाने का दम भरती है.... इनकी बर्बरता के आगे फ़ासी की सजा भी कम से कम लगती है..... लोकतंत्र में अब स्त्री का भक्षण बंद करो.... और बलत्कारियों के मानव अधिकारों का संरक्षण बंद करो .... दण्ड संहिता में बस इक संसोधन और करवा दो..... बलात्कार करने वालों को २ फीट नीचे मिट्टी में जिंदा गडवा दो.... हत्या करने पर हाथ पैर कटवाकर बीच सड़क पर रखवा दो.... —Shashank ©Shashank #justice
twisha ray
White From cradle’s touch to final breath, A woman’s journey often bears a weight, Unseen by many, in shadows cast, Her life a ledger where judgments last. Her childhood marred by whispers cold, Her worth debated, her dreams controlled. In clothes and manners, fate is spun, Her essence hidden, her freedom undone. Independence Day, a distant claim, Her rights, it seems, remain the same. Why mark just one day to sing her praise? Every day should end her haze. From sister’s laughter to mother’s tears, Her battles fought through countless years. Let’s honor her with more than words, A life of justice, not just heard. No more of gods in stories told, No more of myths that make hearts cold. Justice lived in the daylight’s truth, In every act, in every youth. For every woman, every soul, Her rights should be her only goal. In everyday, let fairness thrive, In truth and action, let her live. ©twisha ray Everyday justice #trnojo94 #weneedtochange #justice
Everyday justice #trnojo94 #weneedtochange #justice
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