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ADITYA
राजा सत्ता के लिए सांप्रदायिकता को फैला कर मतभेद पैदा करने की कोशिश के शुरुआती दौरTurtle Eisha Mahimastan MR VIVEK KUMAR PANDEY अधूरी बातें
read moreTHE VIKRANT RAJLIWAL SHOW
2 Years of Nojoto अभी पाठन कीजिए मेरे नवीनतम ब्लॉग का और जानिए मेरी आगामी कृति से सम्बंधित कुछ रोमाचक जानकारियां आपकी अपनी साइट vikrantrajliwal.com पर। एक अत्यंत ही दर्दभरा नाटक एक रोमांचक कहानी। (आगामी कृति) नमस्कार है मेरे सभी प्रिय पाठकों एव मित्रजनों, जैसा की मैंने आपको पहले भी सूचित किया है परंतु मुझ को ऐसा आभास हो रहा है कि वह समय भी आ गया जब मुझ को एक बार पुनः आप सब को सूचित करना पड़ेगा कि मेने वर्ष 2016 के शुरुआती दौर में एक अत्यंत ही दर्द से भरी, रोमांचक एव जीवन के हर रंग को प्रस्तुत करती एक कहानी एक नाटक पर कार्य करना प्रारम्भ कर दिया था एव लगातार कार्य करते हुए कुछ ही महीनों में मैने अपनी उस प्रथम कहानी उस नाटक को लगभग 85 % पूरा कर दिया था। परंतु उसी समय मुझ को मास्टर ऑफ मास कोमनिकेशन एव डिप्लोमा की पढ़ाई करनी पड़ी। … [ 356 more words ] http://vikrantrajliwal.com/2019/08/17/ अभी पाठन कीजिए मेरे नवीनतम ब्लॉग का और जानिए मेरी आगामी कृति से सम्बंधित कुछ रोमाचक जानकारियां आपकी अपनी साइट vikrantrajliwal.com पर। एक अत
अभी पाठन कीजिए मेरे नवीनतम ब्लॉग का और जानिए मेरी आगामी कृति से सम्बंधित कुछ रोमाचक जानकारियां आपकी अपनी साइट vikrantrajliwal.com पर। एक अत
read moreVandana
🥰😂🤣🤗 अजब कशमकश है इस दुनिया में हर चीज मिल जाती है आसानी से बस मिलता नहीं प्रेम और विश्वास टूट जाता है आसानी से बस बनाने में बरसो गुजर जाते हैं
अजब कशमकश है इस दुनिया में हर चीज मिल जाती है आसानी से बस मिलता नहीं प्रेम और विश्वास टूट जाता है आसानी से बस बनाने में बरसो गुजर जाते हैं
read moreDivyanshu Pathak
नव निर्माण और उन्नति का माध्यम ( कोराकाग़ज़ ) ---- स्वामी दयानंद सरस्वती विरजानन्द जी के आश्रम में पहुंचे और उनसे अपना शिष्य बनाने की विनती की तब विरजानन्द जी ने उनसे पूछा कि बेटा तुम क्या जानते हो आज तक कुछ पढा है क्या? तब स्वामी जी ने कहा कि मैंने बहुत सी पुस्तकों को पढ़ा है। यह सुनकर विरजानन्द जी बोले, ठीक है किताबें पढ़ीं हैं तो पर मैं तुम्हें अपना शिष्य नहीं बना सकता इसलिए तुम जा सकते हो। जब स्वामी दयानंद जी ने ये बात सुनी तो उनकी आँखों से आँसू निकलने लगे वे विनीत भाव में बोले गुरुजी मैं क्या करूँ जो आप का शिष्य हो सकूँ।तब विरजानन्द जी ने कहा कि अब तक जो कुछ भी तुमने अपने मन के काग़ज़ पे अंकित किया है उसे मिटा दे और इन किताबों की गठरी को यमुना जी में बहा दे तब मैं तुम्हें अपना शिष्य बनाऊँगा, तेरे मन में कुछ लिख पाऊँगा। कुछ स्पष्ट सुंदर और स्थाई लिखने के लिए "कोराकाग़ज़" होना बहुत जरूरी है। ( कैप्शन देखें ) कोराकाग़ज़ मानव जीवन से जुड़ा हुआ एक ऐसा उपागम है,जो कालक्रम की हर एक गतिविधि का साक्षी बनता है। श्रष्टि के आरंभ में श्रुतियों का लिपिबद्ध होकर
कोराकाग़ज़ मानव जीवन से जुड़ा हुआ एक ऐसा उपागम है,जो कालक्रम की हर एक गतिविधि का साक्षी बनता है। श्रष्टि के आरंभ में श्रुतियों का लिपिबद्ध होकर
read moreShravan Goud
मेरा पहला प्यार आज भी अच्छा लगता है पर तड़पाता नही है। मैंने अपने प्यार को हमेशा स्वछंदता दी है। उन्हें भी बहुत अच्छा लगता है। एक दुसरे की सलामती के लिए हम दुआ करते हैं। रचना का सार को जन्मदिन की शुभकामनाएं। 📮रचना का सार..📖 जन्मदिन विशिष्ट प्रतियोगिता :- 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫 #rks2yearspecial 🌄रचना का सार..📖 को आज दो वर्ष
📮रचना का सार..📖 जन्मदिन विशिष्ट प्रतियोगिता :- 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫 #rks2yearspecial 🌄रचना का सार..📖 को आज दो वर्ष
read moreDivyanshu Pathak
आशिक़ी। धीमी धीमी, आँच पर सिककर। जायकेदार बन जाती है। ये दिल-ओ-ज़ुबान पर चढ़कर के, ज़िन्दगी का स्वाद बनकर रहजाती है। हमेशा के लिए दायमी कैफ़ियत बन कर, रूह का हिस्सा मन की ताक़त ये इश्क़। #येरंगचाहतोंके साथ आज हम बात करते है इश्क़ की । ये इश्क़ बड़ा बेदर्दी है रात दिन सताए। बेदर्दी के साथ निगोड़ा भी और तो और कमीना भी है। अनुभवियों
#येरंगचाहतोंके साथ आज हम बात करते है इश्क़ की । ये इश्क़ बड़ा बेदर्दी है रात दिन सताए। बेदर्दी के साथ निगोड़ा भी और तो और कमीना भी है। अनुभवियों
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घूँघट की आड़ (लघुकथा) कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें पहली रचना👉 घूँघट की आड़ (लघुकथा) ******************** इसमें कुछ भी काल्पनिक नहीं है ये सब हकीकत है और हमारी मम्मी के जज़्बात है जिनको हमने श
पहली रचना👉 घूँघट की आड़ (लघुकथा) ******************** इसमें कुछ भी काल्पनिक नहीं है ये सब हकीकत है और हमारी मम्मी के जज़्बात है जिनको हमने श
read moreVedantika
लिखे हैं ज़ज्बात दिल के किसी कोरे पन्ने पर। तुम्हारे साथ उतर आए आँखों के मुहाने पर। दो साल की दोस्ती में हर सुख-दुख बांटा हैं, ज़िंदगी है बेसब्र तुमसे अपनी कथा सुनाने पर। रचना में छुपा हुआ सार जरा पहचान लो तुम, दुनिया न समझ पाएगी लफ़्ज़ों मे बताने पर। 📮रचना का सार..📖 जन्मदिन विशिष्ट प्रतियोगिता :- 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫 #rks2yearspecial 🌄रचना का सार..📖 को आज दो वर्ष
📮रचना का सार..📖 जन्मदिन विशिष्ट प्रतियोगिता :- 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫 rks2yearspecial 🌄रचना का सार..📖 को आज दो वर्ष
read moreJyyotSingh Novel 🔴
ਜ਼ਮੀਨੀ-ਪੱਧਰਾ ਤੇ ਹਵਾਈਫੌਕਾ ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿਚ ਅੱਗੇ ਵਧਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ ਤਾਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਸ਼ੁਰੂਆਤੀ ਤੌਰ ਤੇ ਆਪਣੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਨੀ ਪਵੇਗੀ. ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਇਹ ਨਹੀਂ ਕਰੋਗੇ, ਤਾਂ ਤੁਸੀਂ ਸਫਲਤਾ ਦੇ ਪੜਾਅ 'ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਜਾਓਗੇ, ਪਰ ਤੁਹਾਡੇ ਕੋਲ ਜੋ ਤਜਰਬਾ ਹੋਵੇਗਾ ਉਹ ਬਹੁਤ ਹੀ ਥੋੜਾ ਤੇ ਨਾ ਦੇ ਬਰਾਬਰ ਹੀ ਹੋਵੇਗਾ ਕਿਉਂਕਿ ਤੁਸੀ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਸਿਰਫ ਇੱਕ ਹੀ ਜਗ੍ਹਾ ਨੂੰ ਦੇਖਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸਨੂੰ ਪਾਂ ਲਿਆ ਓਹ ਹੈ ਜਿੱਤ ਆਪਣੀ ਕਾਮਯਾਬ ਹੋਣ ਦੀ.ਅਤੇ ਜੇ ਅਸੀਂ ਇਕ ਹੋਰ ਸਫਲ ਵਿਅਕਤੀ ਬਾਰੇ ਗੱਲ ਕਰਦੇ ਹਾਂ ਜੋ ਇੱਕ ਲੰਮਾ ਸਮਾਂ ਲੰਘਾ ਕੇ ਅੱਗੇ ਵਧਣ ਦੀ ਸੋਚਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਸ ਨੇਂ ਅਸਫਲਤਾ ਦੇ ਰਾਹ ਤੇ ਇੱਕ ਨਵਾਂ ਤਜ਼ੁਰਬਾ ਹਾਸਿਲ ਕੀਤਾ ਹੈ ਤੇ ਕਾਮਯਾਬ ਹੋਂਣ ਬਾਰੇ ਸੋਚਦਾ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਉਸ ਕੋਲ ਜ਼ਿਆਦਾ ਅਨੁਭਵ ਹੈ,ਤਾਂ ਇੱਥੇ ਕੇਵਲ ਇੱਕ ਹੀ ਕਾਰਨ ਹੈ. ਉਹ ਹਰ ਇੱਕ ਅਸਫਲਤਾ ਦੀ ਪੌੜੀ ਨੂੰ ਸਫਲਤਾ ਦੀ ਰਾਹ ਬਦਲਣ ਬਾਰੇ ਰੱਖ਼ਦਾ ਹੈ.ਸਿਫਰ ਤੋਂ ਸੌ ਤੱਕ ਜਾਣ ਲਈ, ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਸਿਫਰ ਤੋਂ ਹੀ ਕਰਨੀ ਪੈਂਦੀ ਹੈ ਅਤੇ ਜੇਕਰ ਕੋਈ ਅਸਫ਼ਲਤਾ ਤੋਂ ਬਿਨਾਂ ਸੌ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਗਿਆ ਹੈ ਉਸਦਾ ਮਤਲਬ ਹੈ ਕਿ ਜਦੋਂ ਉਹ ਬਿਲਕੁੱਲ ਉੱਪਰ ਤੋਂ ਹੇਠਾਂ ਡਿੱਗੇਗਾ ਤਾਂ ਉਸਨੂੰ ਬਹੁਤਾ ਨੁਕਸਾਨ ਵੇਖਣਾ ਪਾਵੇਗਾ ਅਤੇ ਜੇ ਜਿਹੜਾ ਡਿੱਗ ਡਿੱਗ ਕੇ ਅੱਗੇ ਵਧਣ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰੇਗਾ ਇਹ ਇਕ ਵੇਲੇ ਆਪਣੇ ਸਫਲ ਪੜਾਅ ਤੱਕ ਬਣਿਆ ਰਹੇਗਾ ਜਯੋਤ ਸਿੰਘ ज़मीनी स्तर और हवाई-खोखला आप अगर ज़िन्दगी में आगे कि ओर बढ़ना चाहते है तो आपको अपनी ज़िंदगी शुरुआती दौर से शुरू करनी पड़ेगी .अगर आप ऐसा नहीं करते है तो आप एक दिन कमयाबी के मुकाम तक पहुंच ही जाएंगे पर आपके पास जो अनुभव होगा वो काफी सीमित होगा क्योंकि अपने ज़िंदगी में सिर्फ एक ही मुकाम ही देखा है और उसे पाया है .और अगर हम बात करें एक दूसरे सफल इंसान की जो काफी समय से आगे बढ़ने की सोच रखता है और अपनी विफलताओं के माध्यम से नई राह के मुकाम में पहुंच जाते है क्योंकि उनके पास ज्यादा तज़ुर्बे है उसका सिर्फ एक ही कारण है वह नाकामयाबी को सफलता की सीढ़ी में बदलने का ज़ुनून रखते है .शून्य से शताब्दी तक जाने के लिए, शुरुआत शून्य से करनी होती है और यदि आप बिना किसी असफलता के सौ तक पहुंचते हैं, जिसका अर्थ है कि आप नीचे गिरते हैं,तो यह आपको अधिक नुकसान पहुंचाता है, यदि आपके पास स्थिर होने का साहस है और आप बाधाएं डाल रहे हैं तो आप सफलता के ऊपर बने रहेंगे. ज्योत सिंह Grassrooters vs parachuters If you want to move forward in life then you will have to start your life from the beginning. If you do not do that, then you will reach the stage of success, but the experience you have will be very limited because in your life only the peer has seen and found it.And if we talk about another successful person who thinks of moving forward from a long time and reaching a new path through his failures because he has more experience, there is only one reason.He keeps on changing the failure to a success of ladder.To go from zero to century, the beginning has to be done by zero and if you reaching hundred without any failures that means you fall below , then it give you more damage , if you have the courage to being steady and you are getting obstacles then you will be remain on the above on success Jyyot Singh #Success ਜ਼ਮੀਨੀ-ਪੱਧਰਾ ਤੇ ਹਵਾਈਫੌਕਾ ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿਚ ਅੱਗੇ ਵਧਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ ਤਾਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਸ਼ੁਰੂਆਤੀ ਤੌਰ ਤੇ ਆਪਣੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਨੀ ਪਵੇਗੀ
#Success ਜ਼ਮੀਨੀ-ਪੱਧਰਾ ਤੇ ਹਵਾਈਫੌਕਾ ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿਚ ਅੱਗੇ ਵਧਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹੋ ਤਾਂ ਤੁਹਾਨੂੰ ਸ਼ੁਰੂਆਤੀ ਤੌਰ ਤੇ ਆਪਣੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਨੀ ਪਵੇਗੀ
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