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वेदों की दिशा
।। ॐ ।। जातवेद: पुनीहि मा । हे सर्वज्ञ प्रभो! आप मेरे जीवन को पवित्र कीजिये । O God! You are Omniscient; Make my life pious with your grace. ( यजुर्वेद १९ . ३९ ) #yajurveda #Veda
R Rahul
कभी कभी ज़िन्दगी में अलग काम करने के लिए..🙂 चीजों को उल्टा करके देखना पड़ता है..❤️🥀 श्लोक 318 अध्याय 8 यजुर्वेद ©R Rahul #Life #Ved #yajurveda #colours
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।। ॐ ।। आ न॑ऽएतु॒ मनः॒ पुनः॒ क्रत्वे॒ दक्षा॑य जी॒वसे॑। ज्योक् च॒ सूर्यं॑ दृ॒शे ॥ पद पाठ आ न॑ऽएतु॒ मनः॒ पुनः॒ क्रत्वे॒ दक्षा॑य जी॒वसे॑। ज्योक् च॒ सूर्यं॑ दृ॒शे ॥ (मनः) जो स्मरण करनेवाला चित्त (ज्योक्) निरन्तर (सूर्यम्) परमेश्वर, सूर्यलोक वा प्राण को (दृशे) देखने वा (क्रत्वे) उत्तम विद्या वा उत्तम कर्मों की स्मृति वा (जीवसे) सौ वर्ष से अधिक जीने (च) और अन्य शुभ कर्मों के अनुष्ठान के लिये है, वह (नः) हम लोगों को (पुनः) वार-वार जन्म-जन्म में (आ) सब प्रकार से (एतु) प्राप्त हो ॥ (Manah) One who remembers Chitta (Jyok), continuous (Suryam) God, Suryaloka or Prana to see (visions) or (Kritave), best knowledge or memory of good deeds (Jiva), live more than hundred years (f) and other auspicious It is for the rituals of deeds, that (nah) we get (again) in every way (etu) in birth-wise, again and again. ( यजुर्वेद ३.५४ ) #yajurveda #Veda #पुनःजन्म
वेदों की दिशा
।। ॐ ।। त्र्य॑म्बकं यजामहे सुग॒न्धिं पु॑ष्टि॒वर्ध॑नम्। उ॒र्वा॒रु॒कमि॑व॒ बन्ध॑नान्मृ॒त्योर्मु॑क्षीय॒ माऽमृता॑त्। त्र्य॑म्बकं यजामहे सुग॒न्धिं प॑ति॒वेद॑नम्। उ॒र्वा॒रु॒कमि॑व॒ बन्ध॑नादि॒तो मु॑क्षीय॒ मामुतः॑ ॥ पद पाठ त्र्य॑म्बक॒मिति॒ त्रिऽअ॑म्बकम्। य॒जा॒म॒हे॒। सु॒ग॒न्धिमिति॑ सुऽग॒न्धिम्। पु॒ष्टि॒वर्ध॑न॒मिति॑ पुष्टि॒ऽवर्ध॑नम्। उ॒र्वा॒रु॒कमि॒वेत्यु॑र्वारु॒कम्ऽइ॑व। बन्ध॑नात्। मृ॒त्योः। मु॒क्षी॒य॒। मा। अ॒मृता॑त्। त्र्य॑म्बक॒मिति॒ त्रिऽअ॑म्बकम्। य॒जा॒म॒हे॒। सु॒ग॒न्धिमिति॑ सुऽग॒न्धिम्। प॒ति॒वेद॑न॒मिति॑ पति॒ऽवेद॑नम्। उ॒र्वा॒रु॒कमि॒वेत्यु॑र्वारु॒कम्ऽइ॑व। बन्ध॑नात्। इ॒तः। मु॒क्षी॒य॒। मा। अ॒मु॒तः॑ ॥ हम लोग जो (सुगन्धिम्) शुद्ध गन्धयुक्त (पुष्टिवर्धनम्) शरीर, आत्मा और समाज के बल को बढ़ानेवाला (त्र्यम्बकम्) रुद्ररूप जगदीश्वर है, उसकी (यजामहे) निरन्तर स्तुति करें। इनकी कृपा से (उर्वारुकमिव) जैसे खर्बूजा फल पक कर (बन्धनात्) लता के सम्बन्ध से छूट कर अमृत के तुल्य होता है, वैसे हम लोग भी (मृत्योः) प्राण वा शरीर के वियोग से (मुक्षीय) छूट जावें (अमृतात्) और मोक्षरूप सुख से (मा) श्रद्धारहित कभी न होवें तथा हम लोग (सुगन्धिम्) उत्तम गन्धयुक्त (पतिवेदनम्) रक्षा करने हारे स्वामी को देनेवाले (त्र्यम्बकम्) सब के अध्यक्ष जगदीश्वर का (यजामहे) निरन्तर सत्कारपूर्वक ध्यान करें और इसके अनुग्रह से (उर्वारुकमिव) जैसे खरबूजा पक कर (बन्धनात्) लता के सम्बन्ध से छूट कर अमृत के समान मिष्ट होता है, वैसे हम लोग भी (इतः) इस शरीर से (मुक्षीय) छूट जावें (अमुतः) मोक्ष और अन्य जन्म के सुख और सत्यधर्म के फल से (मा) पृथक् न होवें ॥ May we (Sugandhim) praise the pure Gandhukta (Virmāvāvardhanam) body, soul and the force of society (Trimbakam) Rudraparup Jagadishvara (Yajamahe). By their grace (Urvarukamiv), like Kharbuja is ripe (nectar) by extracting the fruit (Bandhanat), it is like nectar, in the same way, we too (dead) are exempted from death (body) and separation from body (amritaat) and salvation May (Ma) never be reverent and we (Sugandhim) best (Gandhambutam) give protection to the lord of the protector (Trimbakam) to the president of all (Jyadamhe), be patiently meditated and by his grace (Urvarukamiv) like melon puck. Tax (Bandhanat) is exempted from the relationship of Lata and sweet like nectar, in the same way, we too (heretofore) are exempted from this body (amuksh) (amutah) from salvation and other birth pleasures and Satyadharma (Ma) separation. Don't be ( यजुर्वेद ३.६० ) #InspireThroughWriting #yajurveda #Vedas #shiv
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read moreDiwa
You're a writer when you find your meaning in the meaningless scribbles you're often driven to create. "Meaning" #Meaning #KwentongDiwa #Diwa
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read moreTeegala Hemanjali
The languages are different, words are different but the meaning will be same... #Meaning
Divya Thakur
श्री कृष्ण का वर्ण काला, माखन चोरी करने वाला, फिर भी बृज की गोप-गोपियों को मोहने वाला आत्मिक रूप से उत्कृष्ठ आत्माएं समझती थीं, की यह आकर्षण है आत्माओं का परमात्मा से पर मनमुख इसे, कृष्ण की चाल उसकी बांसुरी बजाने की कला से जोड़ दिया करते थे। ©Divya Thakur #Meaning
Vishal rajput
Snake in the gress:- घर का भेदी लंका ढाए Both:- दोनों Good 'N' all:- हमेशा रहना French leare:-. बिना बताए छुट्टी पर जाना Good willing:- ईश्वर ने चाहा तो Mature:- समझदार Impricarion:- बद्दुआ In one go:- एक बार में Beat blue & black:- आंख काली करना Panic:- डरे डरे Fix:- परेशानी Ta-thanku:- जाना By:- अलविदा Meet:- मिलना Meal:- मास Both of you:- आप दोनों Both of them:- उनमें से दो Both of us:- हममें से दो Ectasy:- आनंद Aske:- पूछना Pudding:- हलवा Take hair:- भाव खाना Wapper:- भाव Reynold:- फेमस Wrote by :- vishal singh solanki......✍️ meaning
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