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Pardeep Kumar
मैं आप लोगों का सबसे प्यारा और प्रिय दोस्त प्रदीप कुमार मोहब्बत सिर्फ में ठोकर खाकर शायर बाज बन जाऊंगा लाइक जरूर करना मेरे भाई इतना लाइक करो
read moreसरफराज
मैं चील नही बाज बनूंगा मैं पैर कि जूती नही सर का ताज बनूंगा इक दिन यह जमाना भी तुझसे यही बोलेगा जिस दिन भी बनूंगा सरफराज बनूंगा ©सरफराज #बाज
Rajnish Sharma
तेरा मुकाबला सिर्फ खुद से है,क्यो परेशान है किसी के ऊंचे घर देख कर कोयल कब अपना दिल जलाती है,किसी ऊडते बाज के पर देख कर बाज
बाज
read moreThakur Atul Kumar Singh
विषम परिस्थितियों से निपटने हेतु "बाज" बनिए ..."धोखेबाज" नहीं.. BE REAL .... ©Thakur Atul Kumar Singh बाज
बाज
read moreR...anu
"बाज़" ऐसा पक्षी जिसे हम ईगल भी कहते है। जिस उम्र में बाकी परिंदों के बच्चे चिचियाना सीखते है उस उम्र में एक मादा बाज अपने चूजे को पंजे में दबोच कर सबसे ऊंचा उड़ जाती है। पक्षियों की दुनिया में ऐसी Tough and tight training किसी भी ओर की नही होती। मादा बाज अपने चूजे को लेकर लगभग 12 Kmt. ऊपर ले जाती है। जितने ऊपर आधुनिक जहाज उड़ा करते हैं और वह दूरी तय करने में मादा बाज 7 से 9 मिनट का समय लेती है। यहां से शुरू होती है उस नन्हें चूजे की कठिन परीक्षा। उसे अब यहां बताया जाएगा कि तू किस लिए पैदा हुआ है? तेरी दुनिया क्या है? तेरी ऊंचाई क्या है? तेरा धर्म बहुत ऊंचा है और फिर मादा बाज उसे अपने पंजों से छोड़ देती है। धरती की ओर ऊपर से नीचे आते वक्त लगभग 2 Kmt. उस चूजे को आभास ही नहीं होता कि उसके साथ क्या हो रहा है। 7 Kmt. के अंतराल के आने के बाद उस चूजे के पंख जो कंजाइन से जकड़े होते है, वह खुलने लगते है। लगभग 9 Kmt. आने के बाद उनके पंख पूरे खुल जाते है। यह जीवन का पहला दौर होता है जब बाज का बच्चा पंख फड़फड़ाता है। अब धरती से वह लगभग 3000 मीटर दूर है लेकिन अभी वह उड़ना नहीं सीख पाया है। अब धरती के बिल्कुल करीब आता है जहां से वह देख सकता है उसके स्वामित्व को। अब उसकी दूरी धरती से महज 700/800 मीटर होती है लेकिन उसका पंख अभी इतना मजबूत नहीं हुआ है की वो उड़ सके। धरती से लगभग 400/500 मीटर दूरी पर उसे अब लगता है कि उसके जीवन की शायद अंतिम यात्रा है। फिर अचानक से एक पंजा उसे आकर अपनी गिरफ्त मे लेता है और अपने पंखों के दरमियान समा लेता है। यह पंजा उसकी मां का होता है जो ठीक उसके उपर चिपक कर उड़ रही होती है। और उसकी यह ट्रेनिंग निरंतर चलती रहती है जब तक कि वह उड़ना नहीं सीख जाता। यह ट्रेनिंग एक कमांडो की तरह होती है। तब जाकर दुनिया को एक बाज़ मिलता है अपने से दस गुना अधिक वजनी प्राणी का भी शिकार करता है। हिंदी में एक कहावत है... *"बाज़ के बच्चे मुँडेर पर नही उड़ते।"* बेशक अपने बच्चों को अपने से चिपका कर रखिए पर उसे दुनियां की मुश्किलों से रूबरू कराइए, उन्हें लड़ना सिखाइए। बिना आवश्यकता के भी संघर्ष करना सिखाइए। वर्तमान समय की अनन्त सुख सुविधाओं की आदत व अभिवावकों के बेहिसाब लाड़ प्यार ने मिलकर, आपके बच्चों को "ब्रायलर मुर्गे" जैसा बना दिया है जिसके पास मजबूत टंगड़ी तो है पर चल नही सकता। वजनदार पंख तो है पर उड़ नही सकता क्योंकि "गमले के पौधे और जंगल के पौधे में बहुत फ़र्क होता है।" बाज
बाज
read moreAshish Prajapati
जिंदगी में तोता नही बाज बनिये क्योंकि तोता बोलता बहुत है, लेकिन उड़ता बहुत कम है, जबकि बाज शांत रहता है लेकिन आसमान छूने की ताकत रखता है...! ©Ashish Prajapati बाज बनिये........
बाज बनिये........
read moreKUNDAN KUNJ
तेरे इश्क़ में न हीर बने न लैला, अब बस कट रहा है दिन अकेला। दिल लगाओं तो साथ निभाना, यूँ न किसी से दिल लगाना । गुलाब की तरह हर 🌻 फूल 🌹 कांटों में न खिला करता हैं, अक्सर हर किसी को प्यार में धोखा क्यों मिला करता है।। ##इश्क़ बाज।
##इश्क़ बाज।
read moreyashu tiwari
साथ सतरंज खेलते होते लेकिन हम दोनों जहा है यहां सबसे बड़ा दुश्मन है वक्त k.shukla शातिर बाज
शातिर बाज
read moreकवि रोहित
साथ उड़ो तो बाज की सवारी करा दूँ दिल के महफिल से रिश्तेदारी करा दूँ जीवन भर साथ देने का वादा करो जो तुम्हें मोहोब्बत और एक बारी करा दूँ ©कवि रोहित #tereliye बाज
#tereliye बाज
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