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DR. SANJU TRIPATHI
शरीर और मन की अनुकूलता और प्रतिकूलता को सहन करना ही सहनशीलता है। मानव व्यक्तित्व के विकास और उन्नयन का मुख्य आधार तत्व सौहार्द व सहिष्णुता है। सहनशीलता जीवन शक्ति का पर्याय है इससे व्यक्ति जिंदगी की हर जंग जीत सकता है। सहिष्णुता ही वसुधैव कुटुंबकम, सर्वे भवंतु सुखिनः और सर्व धर्म सद्भाव का आधार है। 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 9 🎀 शीर्षक- "सहनशीलता" 🎀 समय सीमा- आज रात 9 बजे तक। 🎀 परिणाम की घोषणा- सुबह 6 बजे के बाद।
🎀 प्रतियोगिता संख्या- 9 🎀 शीर्षक- "सहनशीलता" 🎀 समय सीमा- आज रात 9 बजे तक। 🎀 परिणाम की घोषणा- सुबह 6 बजे के बाद।
read moreLove Giver Helpline
अगर कोई प्रधानमंत्री के खिलाफ वाक्य बोले टिप्पणी करें अभद्र भाषा का प्रयोग करें या कुछ भी ऐसा करें जिससे प्रधानमंत्री का अपमान होता हो इसके
read moreInsprational Qoute
पराकाष्ठा वो दरिंदगी की आज पार कर गये, बन हैवान वो जिंदा जिस्म का कत्ल कर गये, आज फिर एक बेगुनाह की रूह को मार गये, सांसों के साथ आज वो सपने भी फिर सो गये, अस्मत हुई थी जार जार,इंसानियत हुई शर्मसार, न उम्र का करते ख़्याल,लूटते आन एक नही हजार, सफेदपोश की आड़ में फिर वो बचा लिये जाते है, हज़ारों की तादाद में ऐसी कई फाइलें दबा दिए जाते है। स्वागत है आप सब का प्रतियोगिता में 👉 प्रतियोगिता की समयसीमा आज रात बारह बजे तक 👉 पंक्तियों की सीमा -8 👉 कृपया मात्राओं और त्रुटियों का ध्य
स्वागत है आप सब का प्रतियोगिता में 👉 प्रतियोगिता की समयसीमा आज रात बारह बजे तक 👉 पंक्तियों की सीमा -8 👉 कृपया मात्राओं और त्रुटियों का ध्य
read moreDR. SANJU TRIPATHI
इंसानियत को तार-तार कर हैवानियत में बदल देते हैं ऐसे लोगों के पास भावनाओं के लिबास ही नहीं होते। पराकाष्ठा दरिंदगी की देखकर रुह कांप सी जाती है। इनके हाथ भी न कांपते हैं घिनौनी हरकत करने के लिए। मानवीयता को भूल जाते पल में अमानवीयता करते हैं। किसी मासूम की चीखें भी न इनको झकझोर पाती हैं। समाज में दरिंदगी करने वालों को सूली पर चढ़ा देना चाहिए। दुनियां की हर बेटी को आत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाना चाहिए। स्वागत है आप सब का प्रतियोगिता में 👉 प्रतियोगिता की समयसीमा आज रात बारह बजे तक 👉 पंक्तियों की सीमा -8 👉 कृपया मात्राओं और त्रुटियों का ध्य
स्वागत है आप सब का प्रतियोगिता में 👉 प्रतियोगिता की समयसीमा आज रात बारह बजे तक 👉 पंक्तियों की सीमा -8 👉 कृपया मात्राओं और त्रुटियों का ध्य
read moreDR. SANJU TRIPATHI
तुझ संग मोहब्बत के मैंने सपने सजाए। ना कोई खबर की ना तुम खुद ही आए। तुझ बिन आंखों में बीती सारी रात मेरी। फिजाओं ने भी मेरे संग दर्द के गीत गाए। कितनी चाहत थी तुमको मैं अपना बनाऊं। तुझको पाकर सदा मैं मिलन के गीत गाऊं। वफाई के बदले मुझको बेवफाई मिली है। अपना हाल-ए-दिल मैं किसको सुनाऊं। तड़पती रहती हूं मैं तेरी चाहत में कितना, "एक सोच" का यह किस्सा कैसे बताऊं। द्वितीय प्रतियोगिता, विषय _ आंँखों में बीती सारी रात 10 पंक्तियों में एक ग़ज़ल लिखिए । कोलैब करने के पश्चात कमेंट में Done लिखें । स
द्वितीय प्रतियोगिता, विषय _ आंँखों में बीती सारी रात 10 पंक्तियों में एक ग़ज़ल लिखिए । कोलैब करने के पश्चात कमेंट में Done लिखें । स
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तू साथ है तो हर गम कबूल है मुझे, तेरे साथ तो हर पल खुशी के पल हैं। तू संग है तो चलती है मेरी भी सांसे, तेरे बिना तो मेरा जीवन ही बेरंग है। Happy teddy day..!! Please read Full caption....!!😊😊🙏 Finally बहुत दिनों बाद love dear पेज आपके लिए लाया हैं एक बेहतरीन विषय...!! आज का व
Happy teddy day..!! Please read Full caption....!!😊😊🙏 Finally बहुत दिनों बाद love dear पेज आपके लिए लाया हैं एक बेहतरीन विषय...!! आज का व
read moreDR. SANJU TRIPATHI
मेरा गुलाब मेरे लिए बहुत ही खास है, वह हर दम ही मेरे पास है, दुनिया में सबसे खूबसूरत है वह, हमें उसकी हर बात पर विश्वास है। Please read Full caption....!!😊😊🙏 Finally बहुत दिनों बाद love dear पेज आपके लिए लाया हैं एक बेहतरीन विषय...!! आज का विषय है मेरा गुलाब जो
Please read Full caption....!!😊😊🙏 Finally बहुत दिनों बाद love dear पेज आपके लिए लाया हैं एक बेहतरीन विषय...!! आज का विषय है मेरा गुलाब जो
read moreसाहस
मेरे आने के पहले तुम अा जाना, तुम बुलाओगी नहीं, मुझे अाना नहीं। तुम्हारा होना जिंदगी है तुम्हारा न होना अकल्पनीय।। आज का विषय है मेरे जाने के बाद..!! अभद्र भाषा का प्रयोग न करें...!! ज्यादा से ज्यादा collab करो..!! आप सभी का lovedear पेज पर स्वागत है..!!
आज का विषय है मेरे जाने के बाद..!! अभद्र भाषा का प्रयोग न करें...!! ज्यादा से ज्यादा collab करो..!! आप सभी का lovedear पेज पर स्वागत है..!!
read moreWriter1
उत्कंठाऔं को परवरिश कर खुद से ना भाग औ प्राणी, रख इच्छा की इंद्रियों पर काबू औ प्राणी, अगर जिंदगी का प्रसन्नता पूर्वक करना है निर्वहन, ओढ़ चादर तुम सहनशीलता की, गमों को कर सहन,भूलाकर सारे अहंम। 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 9 🎀 शीर्षक- "सहनशीलता" 🎀 सभी लेखकों को इस शीर्षक पर चार पंक्तियांँ लिखनी हैं। 🎀 इस मंच की गरिमा को बनाएं रखें तथा क
🎀 प्रतियोगिता संख्या- 9 🎀 शीर्षक- "सहनशीलता" 🎀 सभी लेखकों को इस शीर्षक पर चार पंक्तियांँ लिखनी हैं। 🎀 इस मंच की गरिमा को बनाएं रखें तथा क
read moreAnil Prasad Sinha 'Madhukar'
क्षमा दया त्याग की प्रतिमूर्ति, जो होती सब पे भारी, शीलता से सब कुछ सहन करती, छवि उसकी न्यारी। हर दंश सहे पर उफ़ तक ना कहे, धरती गंगा और माँ, सहनशीलता का पर्याय बन चुकी, ऐसी होती है नारी। 🎀 प्रतियोगिता संख्या- 9 🎀 शीर्षक- "सहनशीलता" 🎀 सभी लेखकों को इस शीर्षक पर चार पंक्तियांँ लिखनी हैं। 🎀 इस मंच की गरिमा को बनाएं रखें तथा क
🎀 प्रतियोगिता संख्या- 9 🎀 शीर्षक- "सहनशीलता" 🎀 सभी लेखकों को इस शीर्षक पर चार पंक्तियांँ लिखनी हैं। 🎀 इस मंच की गरिमा को बनाएं रखें तथा क
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