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संस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु
स्वलिखित संस्कृत रचना शीर्षक विश्वासघातकं विश्वासघातकं कुलसम्बन्धं यावत् निर्दोषतायां स्वार्थः भवतु, यावत् वयं तेषां हितकराः स्मः, अन्यथा
read moreRakesh frnds4ever
White तुझको जो पा जाऊं मैं धन दौलत से भर जाऊं मैं काश तू दुल्हन बनकर आए जीवन में,,, दुनिया की तरह ,,,,,,,मेरी भी दुनिया हो जाए हसीन,,,,,,, पा कर तेरे साथ को जो नीभ जाए जिंदगी तू हो जाए जो मेरी जीवनसंगिनी,, धन तेरस हो जाए मेरी मिल जाए मुझे धन - ते- रस ©Rakesh frnds4ever #तुझको जो पा जाऊं मैं #धन_दौलत से भर जाऊं मैं काश तू #दुल्हन बनकर आए जीवन में,,, दुनिया की तरह मेरी भी दुनिया हो जाए हसीन,, पा कर #तेरे_
Sethi Ji
White जिस बात से डरते थे , वोही बात हो गयी आज सबके सामने तेरी मेरी मुलाक़ात हो गयी तू आयी ना लौट कर फिर से मेरी बाहों में देख आज फ़िर तेरे इंतज़ार में चाँद की रात हो गयी हम समझते थे मोहब्बत को जज़्बातों का मेल आज कल नाम पूछने के लिए भी इंसान की जात हो गयी पाना चाहूँ पा सकता हूँ किसी भी हसीना को अपनी ज़िन्दगी में अब मेरे हुनर से मेरी इतनी औकात हो गयी तुमको पसंद हैं बारिश , और मुझे बारिश में तुम तेरी यादों में मेरे दिल पर सावन की बरसात हो गयी रोशन हुआ तेरा घर किसी अजनबी की तलाश में उजाड़ गया मेरा घर जैसे पत्ते गिरे पलाश में तू सज़ी है आज तारों में करके उम्र भर का वादा लगी रही ऐसे जैसे किसी सुहागन की बारात हो गयी 💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji 🩷🩷 मोहब्बत की बात 🩷🩷 🩷🩷 मोहब्बत की जात🩷🩷 #good_night #Sethiji #25Oct #Trending
🩷🩷 मोहब्बत की बात 🩷🩷 🩷🩷 मोहब्बत की जात🩷🩷 #good_night #Sethiji #25Oct #Trending
read moreMohan raj
जो भावनाओं को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते उन्हें चुप रहना चाहिए ये भावान् वाचाभिव्यञ्जयितुं न शक्नुवन्ति ते तूष्णीं तिष्ठेयुः Those who cannot express feelings in words should remain silent Dhanywaad Har Har Mahadev ©Mohan raj #Life Lessons ये भावान् वाचाभिव्यञ्जयितुं न शक्नुवन्ति ते तूष्णीं तिष्ठेयुः
#Life Lessons ये भावान् वाचाभिव्यञ्जयितुं न शक्नुवन्ति ते तूष्णीं तिष्ठेयुः
read moreSethi Ji
White 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 💗 मोहब्बत की रात , मोहब्बत की बात 💗 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 बन जाओ बरसात , खुद को भिगोना चाहता हूँ छोड़ कर सारी दुनिया सिर्फ़ तुम्हारा होना चाहता हूँ करती हो मोहब्बत मुझसे अपने दिल और जान से मैं भी अपनी ज़िन्दगी में तुम्हारे हसीन ख्वाब संजोना चाहता हूँ क्या फायदा होश में रहने का आज के ज़माने में गले से लगा कर तुमको तुम्हारी बाहों में खोना चाहता हूँ इश्क़ दे हर पल खुशियां यह जरूरी तो नहीं कभी कभी तुम्हारे इंतज़ार में रोना चाहता हूँ जागता रहता हूँ आज कल तुम्हारे ख्यालों बन कर तुम्हारा चाँद , तुम्हारे संग तन्हा रातों में सोना चाहता हूँ निभा कर मोहब्बत का हर वादा , चाहत का हर इरादा मैंने आने वाली नस्ल में वफ़ा का बीज बोना चाहता हूँ 🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷🩷 🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶🫶 ©Sethi Ji ♥️🌟 इश्क़ की जात 🌟♥️ ♥️🌟 इश्क़ की बात 🌟♥️ #love_shayari #Sethiji #7oct #Trending
♥️🌟 इश्क़ की जात 🌟♥️ ♥️🌟 इश्क़ की बात 🌟♥️ #love_shayari #Sethiji #7oct #Trending
read morewriter_Suraj Pandit
भागवत गीता 🙏🏻 (अध्याय 2, श्लोक 47) कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ भावार्थ: तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, उसके फलों में कभी नहीं। इसलिए तुम कर्मों के फल की चिंता मत करो, और न ही निष्क्रियता की ओर प्रवृत्त हो। यह श्लोक हमें बिना फल की चिंता किए अपने कर्तव्यों का पालन करने का संदेश देता है। ©writer_Suraj Pandit भागवत गीता 🙏🏻❣️🌺🌸 श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 47) कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ inspirational
भागवत गीता 🙏🏻❣️🌺🌸 श्लोक (अध्याय 2, श्लोक 47) कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥ inspirational
read moreमासूम
*शीर्षक - तथाकथित मर्द जात* *( व्यंग )* औरत की गलती पर जो तुमको सताते ना समझ जो तुम्हारी ही कमियां गिनाते ना दो ध्यान इन पर , बनो तुम विचारक करो नाम सार्थक , ऐ ! महिला सुधारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* तुम्हारी नहीं , कोई इसमें खता है हैं नजरें ही चंचल ,ये सबको पता है बहक जाता मन , देख सुन्दरताई प्रभु ने ये नेमत , की तुमको अता है नजरें ही करवाती दुष्कृत्य विदारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* ये माथे की बिंदिया ये चूड़ी ये कंगन सुनाई दी कानों में पायल की छन छन तभी तो है मन से ये आवाज़ आई मैं आगोश में लूं तो हो तृप्त तन - मन तुच्छ भावना की, औरत ही कारक *तथाकथित मर्द जात तुम्हे , तरक्की मुबारक* नहीं है सलीका , रहने का इनको समझें नहीं खुद के आगे किसी को ना जाने ही , कैसा गुरूर है इनमें अबला से सबला बनाया है जिन को अच्छा किए बन , गुरूर का तारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* अश्लीलता की , हर हदें पार करतीं नहीं धीर मन में , ये औरत ही धर्ती स्वयं को बचाती , तुम्हे दोषी कह के पर्दे में , आखिर ये क्यूं नहीं रहतीं ? बनना पड़ा , तुमको इनका संहारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* कि सबसे बड़ी , खता इनकी ये है जो गर्भ में पाली , तुम्हें आज ये है हृदय से लगा करके सींचा तुम्हे क्यूं मसल दो इन्हें , सजा इनकी ये है डटे तुम रहो गर , तो बनेगा स्मारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक.....* *✍️ *अपर्णा त्रिपाठी "मासूम"* ✍️ ✍️ *महराजगंज ✍️**से ©मासूम तथाकथित मर्द जात तुम्हें तरक्की मुबारक#outofsight गोल्डन कोट्स इन हिंदी
तथाकथित मर्द जात तुम्हें तरक्की मुबारकoutofsight गोल्डन कोट्स इन हिंदी
read moreਸੀਰਿਯਸ jatt
White सवाल है आज की पढ़ी लिखी नौकरी पेशा वाली औरतों से ! आदमी तो हैं ही बदनाम ए औरत जात तू बता तुझे एक आदमी क्यों काफ़ी नहीं ! ©ਸੀਰਿਯਸ jatt #Thinking इसका कोई जवाब नहीं दे पा रही औरतें ! मुझे ये जानना चाहता हूं कि औरत जात में आज दगा बाड़ी क्यों पाई जाती है!
#Thinking इसका कोई जवाब नहीं दे पा रही औरतें ! मुझे ये जानना चाहता हूं कि औरत जात में आज दगा बाड़ी क्यों पाई जाती है!
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