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Stories related to श्रावणमासी हर्ष मानसी कविता

Author Harsh Ranjan

कविता तुमसे बात हर्ष रंजन

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www.harshranjan.com कविता
तुमसे बात
हर्ष रंजन

Author Harsh Ranjan

कविता तुमसे बात हर्ष रंजन

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www.harshranjan.com कविता
तुमसे बात
हर्ष रंजन

cldeewana

#love_shayari हर्ष बैंक की कविता

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कलाम ए मानसी

ना दो खुशियां मुझे गमजदा रहने दो,
अपने ही आपसे मुझे खफा रहने दो.

मत बताओ, उन्हें मेरी मजबूरियां,
उनकी नज़र में मुझे बेवफ़ा रहने दो.

कैफो मस्ती से मेरा वास्ता है क्या,
मैं तन्हा ठीक हूं, मुझे तन्हा रहने दो.

ज्यादा अच्छा रहना, बुरा होता है,
मैं तो बुरा हूं मुझे अब बुरा रहने दो.

आकर क़रीब ना लगाओ मरहम,
दिल के जख्मों को तो हरा रहने दो.

©ma n si #मानसी

Leonardo Saurabh Raj

मानसी

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बिछड़  कर  उसका  दिल  लग  भी  गया  तो  क्या  लगेगा 
बिछड़  कर  उसका  दिल  लग  भी  गया  तो  क्या  लगेगा 

वो  थक  जायेगा  और  मेरे  गले  से  आ  लगेगा 

मैं  मुशकिल  में  तुम्हारे  काम  आऊं  या  ना  आऊं
मुझे  आवाज  दे  लेना  तुम्हें  अच्छा  लगेगा... मानसी

Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)

बेहतरीन कविता हर्ष द्वारा #nojotohindi #nojotovideo #lovepoetry

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कलाम ए मानसी

अब क्या सारी दुनिया को आजमाना, 
तुम्हे देख लिया तो देख लिया ज़माना. 

जब हर दर्द खुद को ही सहना है, 
ज़ख्म किसी को, फ़िर क्या दिखाना. 

नसीब में ही लिखा था रोना मेरे, 
जो बीती उसे याद कर क्यों पछताना. 

कोई साथ देता नहीं किसी का, 
रो रो कर, दुनिया सर पे, क्या उठाना

©Mansi #मानसी

#Rose

Shubham Paswan

जौहरी मानसी

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रोशनी कई बार हमें ऐसे काम को करना पङता है 
जिसकी जरूरत हमें नहीं हमारे काम को होती है 
और हम सोचते हैं कि आखिर हमारा 
काम क्या है और हम कर क्या रहे हैं 
पर हमें वो करना पङता है । जौहरी मानसी

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मानसी मद्धेशिया

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 मानसी मद्धेशिया

कलाम ए मानसी

रोकता हूं, पर आंख भर भर आती,
याद उनकी, मुझे रह रह कर आती.

उनकी यादों का मुझसे राब्ता गहरा,
याद अब, जाए जिधर, उधर आती.

वक्त, घड़ी, लम्हे की मोहताज नहीं,
कहां याद किसी को पूछकर आती.

मैं भी कुछ कहता नही ये सोचकर,
याद है मुझे अपना समझकर आती.

©Dr. Mansi #मानसी

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