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Parasram Arora
White क्या मुनाफाझोरी के दम पर दौलतमद बन जाना कोई बुरी बात हैँ? और मेहनत न करके केवल भिक्षावृति करके पेट भर लेना कोई अच्छी बात हैँ? ©Parasram Arora क्या हैँ अच्छा क्या हैँ बुरा
क्या हैँ अच्छा क्या हैँ बुरा
read moreneelu
White अगर सब बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते .. तारे क्या बोलते ...सितारे क्या बोलते सूरज क्या बोलता .....चांद क्या बोलता बादल कुछ कहता ..तो ..क्या आसमान सुनता अगर सब बोल सकते ...तो क्या क्या बोलते .. पेड़ क्या बोलते .... पक्षी क्या बोलते फूल क्या कहता..कपड़ा क्या सुनता मुड्डा क्या होता ... विचार क्या बोलते हैं ye nojoto aap हर वक्त गुस्से में क्यों रहता अगर सब बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते .. ©neelu #Sad_Status अगर #सब #बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते .. तारे क्या बोलते ...#सितारे क्या बोलते सूरज क्या बोलता .....चांद क्या बोलता #बादल कुछ
#Sad_Status अगर #सब #बोल सकते .. तो क्या क्या बोलते .. तारे क्या बोलते ...#सितारे क्या बोलते सूरज क्या बोलता .....चांद क्या बोलता #बादल कुछ
read moreRUPESH Kr SINHA
White आज कल रिश्ते केकटस के वृक्ष के समान होता जा रहा है जो देखेने में हरा भरा तो लगता है मगर कांटो से भरा हुआ है ©RUPESH Kr SINHA राश्ता क्या है
राश्ता क्या है
read moremehar
White आज जो पीछा छुड़ा रहे हो मुझसे सच कहो याद नहीं करोगे क्या। कही तो, कभी तो मेरी यादों से राब्ता होगा तेरा,सच कहो उन यादों से बच पावोंगे क्या।छोटी छोटी बातों का ख्याल जो मै रखती थी, वैसा कोई रख पाएगा क्या। ©mehar #भूल पावोंगे क्या।
#भूल पावोंगे क्या।
read moreNurul Shabd
Vic@tory
White किसी ने मूझसे पूछा कि वादों और यादों में क्या अंतर है… मैंने कहा वादे इंसान तोड़ता है… और यादें इंसान को तोड़ती है..‼ ©Vic@tory #क्या अंतर है…
#क्या अंतर है…
read morejoya
White 90 % लोगो ने अपने सपने सिर्फ ये सोचकर तोड़ दिए है लोग क्या कहेंगे। ©joya लोग क्या कहेंगे....
लोग क्या कहेंगे....
read morePankaj Pahwa
White क्या लिखा है क्या लिखुंगा और क्या लिखता हूं मै, शब्दों से जो दिख रहा हुं बस वही दिखता हूं मैं, ना पढ़े साहित्य मैने ना पढ़ी कोई पोथियां, अब तलक जितनी पढ़ी थीं निकली सारी थोथियाँ, जीने का मतलब सिखाती ये किताबें मोटियां, क्या करूं पढ़कर इन्हें गर मिल ना पाएं रोटियां, क्या लिखा है क्या लिखुंगा और क्या लिखता हूं मै, अब तलक जितना पढ़ा था सब किताबी ज्ञान था, असली दुनिया में तो मुझसा बस मैं ही अज्ञान था, झूठ को सच मान लेता ये यहां कानून है, सच को सच्चाई से कहना जैसे कर दिया खून है, क्या लिखा है क्या लिखुंगा और क्या लिखता हूं मै, अब इलाज के नाम पे वो लेते मोटी हैं रकम, पट्टी तो कर देते लेकिन नोटों का देते ज़ख्म, है अगर तुम में रईसी तुम में है पैसे का दम, तब तो जानो तुम हो जिंदा वरना समझो हो खतम, क्या लिखा है क्या लिखुंगा और क्या लिखता हूं मै, शब्दों से जो दिख रहा हुं बस वही दिखता हूं मैं, ©Pankaj Pahwa #Thinking क्या लिखूंगा
#Thinking क्या लिखूंगा
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