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I_surbhiladha
#समय समय-समय की बात है ... पहले आम सी जिंदगी जीना पसंद करते थे, अब दिखावटी में इतने अंधे होते जा रहे है, न अपनों की और न ही अपने आप की खबर रखते है ।। ..... समय-समय की बात है... पहले एक-दूसरे के साथ बैठकर समय गुजारते थे, अब सभी मोबाईल की दुनिया में व्यस्त रहते है, बोल-चाल भूतकाल में आमने-सामने हुआ करती थी , परंतु वर्तमान में तो सभी फ़ोन में लगे रहते है ।। ... समय-समय की बात है, पहले बात-बात पर Divorce की बाते नहीं हुआ करती थी, परंतु वर्तमान में कुछ भी अन-बन होते ही, Divorce कर लेते है; और-तो-और निचा दिखाने की कोई कमी नहीं छोड़ते है ।। ... पहले के समय भले ही लोग कम पढ़े-लिखे होते थे, परंतु वर्तमान के समय से बेहतर रिश्ते निभाते थे।। .. ©I_surbhiladha #Time #life #waqt #isurbhiladha Niaz (Harf) kabir pankaj
#Time life #Waqt #isurbhiladha Niaz (Harf) kabir pankaj
read morePINTU CHAKRABORTY
White Baaton ko koi kya khel paye.... Zindagi baaton se nahi banti.... Batein hoti rahti he... Jo aap nahi ho... To kiski kare batein... Baaton ko koi kya khel paaye.... ©PINTU CHAKRABORTY #Shiva deep poetry in urdu poetry in hindi Sushant Singh Rajput poetry in english
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White मैं अब इस दुनिया मे आना नही चाहती नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना गूंगे बहरे लोगो के बीच अब रहना नही चाहती भरे बाज़ार मे छेड़ा गया मुझे मेरी मदद को कोई आगे न बढ़ा हाथ सभी के बंधे थे दिखे रिश्ता ऐसे लोगों से बना रिश्तों को गाली देना नही चाहती मैं अब इस दुनिया मे आना नही चाहती नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना गूंगे बहरे लोगों के बीच अब मै रहना नही चाहती जिस्म की मंडी मे बेचती हूं जिस्म अपना मगर औरों की भांति ईमान बेच अपना शर्मिंदा होना नही चाहती मैं अब इस दुनिया मे आना नही चाहती नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना बंद पिंजरे मे ठीक हूं मे खुले आसमान मे घात लगाए गिद्धों के बीच अब मै जाना नही चाहती पर काट दे ए मेरे खुदा ऊंचाइयों को अब मै छूना नही चाहती मैं अब इस दुनिया में आना नही चाहती नही चाहती इस समाज का हिस्सा बनना गूंगे बहरे लोगों के बीच अब मे रहना नही चाहती ©sushil #World_Photography_Day Parul rawat Laxmi Singh khushi saini Sircastic Saurabh "Kabir"
#World_Photography_Day Parul rawat Laxmi Singh khushi saini Sircastic Saurabh "Kabir"
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