Find the Latest Status about himt student login from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, himt student login.
हिमानी तूनवाल "हिम"
शब्द शब्द ने दिल को इस तरह से छलनी किया है। ताउम्र प्यार की मरहम से भी घाव हरे रह जाएंगे।। समझ नहीं सके तुम आज एक छोटी सी बात । अब तो यूं लगता है शेष वादे भी धरे रह जाएंगे।। हिम ☹️☹️☹️☹️ himt@nu
himt@nu
read moreहिमानी तूनवाल "हिम"
Love quotes in hindi तेरे पीछे अाई "मैं" बनकर के परछाई "मैं" प्रेम का सागर "तू" और सागर की गहराई "मैं" himt@nu
himt@nu
read moreहिमानी तूनवाल "हिम"
माथे की सिकन जाती नहीं, चिंता की सलवटें भी गहरी है। कर्मों का परिणाम है या किस्मत की करवटें ही गहरी है।। ©हिमानी तूनवाल "हिम" himt@nu
himt@nu
read moreहिमानी तूनवाल "हिम"
तुम्हें देखा नहीं कब से दिल तेरे दीदार को तरसता है। भरी है आंखे और आंखों से सावन बरसता है।। himt@nu
himt@nu
read moreहिमानी तूनवाल "हिम"
दिल में अंधेरा लिए वो ...मुंडेरों पर चिराग जला रहा है... बड़ा नासमझ है इंसान ...चन्द पैसों के लिए ईमान भुला रहा है... पड़े रहते हैं फुटपाथों पर जो ,रोते बिलखते भूखे बच्चे। कुछ फलों के बलबूते ,अखबारों में उनके इश्तहार छपा रहा है।। बड़ा नासमझ है इंसान ... आत्म प्रकाशन के लिए ,इंसानियत भुला रहा है। दिल में अंधेरा लिए वो ,मुंडेरों पर चिराग जला रहा है।। सर्वस्व गिरवी रखा मां बाप ने ,जिसके सपनों को सजाने के लिए। आज देखके माली हालत उनकी, वो जन्नत को ठुकरा रहा है।। बड़ा नासमझ है इंसान .... क्षणिक आनंद के लिए,अपना कर्तव्य भुला रहा है। दिल में अंधेरा लिए वो ,मुंडेरों पर चिराग जला रहा है।। संस्कारों की नींव रखकर , सफलता के महलों तक पहुंचाया जिन्होंने। आज उन आचार्यों को वो,शिक्षा का अर्थ समझा रहा है।। बड़ा नासमझ है इंसान ..... दो पल की प्रसिद्धि के लिए,अपनी मर्यादा भुला रहा है। दिल में अंधेरा लिए वो ,मुंडेरों पर चिराग जला रहा है।। himt@nu
himt@nu
read moreहिमानी तूनवाल "हिम"
ईश्वर प्रदत्त प्रतिभा को निखारना सीख रही हूं तभी तो रोज़ कलम को कागज पर घिस रही हूं हिमानी😍 himt@nu
himt@nu
read moreहिमानी तूनवाल "हिम"
#OpenPoetry थामी है कलम इन नन्हे हाथों ने.. तो कोशिश है कुछ ऐसा लिख जाऊं.. जो पढो किसी रोज फुरसत से.. तो नज़्म नज़्म में "मैं" नज़र आऊं.. himt@nu
himt@nu
read moreहिमानी तूनवाल "हिम"
मुसाफिर चलता है मुकाम तक, कोई पथ से लौट जाता है। हौसले डगमगा जाते है,जब बीच राह विकट मोड़ आता है।। समर्पण तो दीये में भरा होता है ,अपनी मंज़िल के लिए। तभी तो अपना वजूद मिटाकर, रोशनी छोड़ जाता है।। 23/04/2020 हिमानी 😍 himt@nu
himt@nu
read moreहिमानी तूनवाल "हिम"
न जाने कैसे इतनी सरलता से शब्द कलम की सीढ़ियों से होकर कागज के फर्श पर उतर जाते हैं वरना दिल की बातें दिल को बताने में ही कई बरस गुजर जाते हैं हिमानी 😍 01/01/2020 himt@nu
himt@nu
read more