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Jayesh gulati
सोलह शृंगार । (Read in caption) ©Jayesh gulati *सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा
*सोलह शृंगार* मैं नासमझ, कहां समझता था, किसी शृंगार को । वो जिसने किए मेरे लिए सोलह शृंगार ।। पहले पहना माथे उन्होंने, माँग–टिका । जैसे बा
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White मेहंदी लगी है हाथों पर, माथे पर सजाया है पिया के नाम का सिंदूर हाथों में पहनी हैं प्यार की चूड़ियां लाल जोड़े ने भी निखारा है नूर सात जन्मों तक रहेंगे साथ यही वादा निभाएंगे हमेशा एक साथ हर साल मनाएंगे करवा चौथ का त्योहार खास ©बेजुबान शायर shivkumar #karwachouth #Karwachauth #मेहंदी लगी है हाथों पर, माथे पर सजाया है #पिया के नाम का #सिंदूर हाथों में पहनी हैं प्यार की #चूड़ियां ला
#karwachouth #Karwachauth #मेहंदी लगी है हाथों पर, माथे पर सजाया है #पिया के नाम का #सिंदूर हाथों में पहनी हैं प्यार की #चूड़ियां ला
read moreSethi Ji
White राधा - कृष्णा का प्रेम अनमोल हैं आज के ज़माने में जज़्बातों का ना कोई मोल है मेरी हर सुबह होती कान्हा के पावन नाम से ज़रा सोच उनके जैसा ज़िन्दगी में ना कोई खूबसूरत बोल हैं सच्चा प्यार वोही है , जहाँ एक दूसरे का सम्मान होता हैं दूर हो कर दिलों में स्थान होता हैं सच्ची मोहब्बत से बड़ी दुनिया में कोई चीज नहीं दोस्तों जब प्यार का एहसास ही हमारे शब्दों की पहचान होता हैं जो निभाते है वफ़ा की कसमें , बिना कुछ मांगे उनका इश्क़ राधा - कृष्णा जैसा महान होता हैं आज कल कोई कदर नहीं करता किसी के जज़्बातों की यह देख कर ऊपर वाला ख़ुदा भी परेशान होता हैं 💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ©Sethi Ji 💞💞 राधा - कृष्ण 💞💞 कृष्ण ने राधा संग रीत रचाई अपनी बांसुरी की धुन पर यह दुनिया सजाई ।। धन्यवाद करते है उस ऊपर वाले ख़ुदा का जिसने मोहब्बत
💞💞 राधा - कृष्ण 💞💞 कृष्ण ने राधा संग रीत रचाई अपनी बांसुरी की धुन पर यह दुनिया सजाई ।। धन्यवाद करते है उस ऊपर वाले ख़ुदा का जिसने मोहब्बत
read morePrakash writer05
White सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...| कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से, कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं वे क्या लाज बचाएंगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंग...l कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएँगे सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे...l ©Prakash writer05 सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे...l छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो खुद ही अपना चीर बचा लो द्यूत बिछाए बैठे शकुनि, मस्तक सब बिक जा
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