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Jayesh gulati
मैंने कभी लिखा था ख्वाब एक किताब में, तुम्हे देखा तो जाना ख्वाब पूरे भी होते है ।। ©Jayesh gulati #Books
Writer Ravi
उलझनो को सुलझा देती हैं किताबें भटके को मार्ग दिखाती हैं किताबें बदतर से बेहतर बनाती है किताबें तू किताबों को दोस्त बना तो सही मंजिल तक आसानी से पहुंचती हैं किताबें । ©Writer Ravi #Books
कृतांत अनन्त नीरज...
आकर्षण आपको सिर्फ आकर्षित कर सकता है नष्ट नही नष्ट तो आप तब होते है जब आप आकर्षण की ताकत को अपने "आत्म अनुशासन" की शक्ति से अधिक समझ लेते है... ©कृतांत अनन्त नीरज... #Books
Heer
किताबें बड़ी हसरत लिए बंद अलमारी के शीशों से झांकती किताबें, सोचती होगी पहले जिनसे रोज़ होती थी बातें, अब तो महीनों होती नही मुलाक़ातें। जो रातें गुजरती थी अक्सर साथ में, आज वो कटती है computer के साथ में, देख बड़ी बेचैन रहती हैं किताबें क्योंकि, उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है। जो किस्से कहानियां वो सुनाती थीं, battery जिनकी कभी न खत्म होती थी, वो झलक अब नजर कही आती नही, रिश्ते रह गए उजड़े उजड़े, घर हो गया अब खाली खाली। जुबां पर ज़ायका आता था जो एक अल्फाज़ निकलता था, अब उँगली click करने से बस एक झपकी गुज़रती है, बहुत कुछ तबाह हो गया और बचा है वो परदे पर खुलता चला जाता है। किताबों से जो काटी जाती थी राते सीने से लिपटे हुए गुजरते थी जो रातें, कभी गोदी में तो कभी घुटनों के बल बैठ पढ़ते थे, कभी अजीब सी सूरत बनाकर मुस्कुराया करते थे, सजदे में कभी छूते थे जबीं से, जाने कहा को गया वो सुकून Robot के इस जहान में। ©Heer #Books
its_sukh3337
ਇਨ੍ਹਾਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਨੇ ਪਹਿਲਾ ਮੈਂਨੂੰ ਬੋਲਣਾ ਸਿਖਾਇਆ ਫਿਰ ਸਾਂਤ ਰਹਿਣਾ ਅਤੇ ਹੁਣ ਏਹ ਸੁਣਨਾ ਸਿਖਾ ਰਹੀਆਂ ਨੇ ©its_sukh3337 #Books #booklover
daisykavi
எம் நூலகபணிக்கு நன்றி. எதிர்மறையான சில மனித மனங்களுக்கு மத்தியில் இல்லாமல், நேர்மறையான நூலக வாசனையில் பயணிப்பது ஒரு சிலாக்கியம்தான் ©daisykavi #Books
daisykavi
எம் நூலகபணிக்கு நன்றி. எதிர்மறையான சில மனித மனங்களுக்கு மத்தியில் இல்லாமல், நேர்மறையான நூலக வாசனையில் பயணிப்பது ஒரு சிலாக்கியம்தான் ©daisykavi #Books
Navash2411
लगता है गहरे जख्मों की कहानी लिखी है, यादों की धुंध में छुपी रात पुरानी लिखी है। हस्ती को खुद में समाने की बात करते हो, शायद उस किताब में कोई निशानी रखी है। ©Navash2411 #Books
Sanjoy Khuman
White "A Life story of Abdul Kalam Azad" Abdul Kalam Azad, a prominent Indian freedom fighter, scholar, and educator, was born on November 11, 1888, in Mecca, Saudi Arabia, as Muhammad Abdul Kalam Ghulam Muhiyuddin. His family moved to India when he was young, and he grew up in Kolkata (then Calcutta). Azad was deeply influenced by the nationalist movement in India from an early age. He joined the Indian independence struggle and became a prominent member of the Indian National Congress. His dedication to the cause of Indian independence was evident through his writings and speeches, which inspired many. Azad was also a key figure in the Khilafat Movement, which sought to protect the Ottoman Caliphate and was closely associated with Mahatma Gandhi's non-cooperation movement. Azad's contribution to India's educational landscape was significant. He was a strong advocate for education and played a crucial role in shaping India's educational policies after independence. As the first Minister of Education in independent India, he laid the foundation for the establishment of numerous institutions of higher learning, including the Indian Institutes of Technology (IITs) and the University Grants Commission (UGC). In 1958, Azad was awarded the Bharat Ratna, India's highest civilian honor, in recognition of his contributions to the nation. He continued to be a respected voice in Indian politics and education until his death on February 22, 1958. Abdul Kalam Azad's legacy is remembered for his unwavering commitment to India's independence, his role in fostering education, and his efforts to promote national unity and progress. ©Sanjoy Khuman #A life story of Abdul Kalam Azad
#a life story of Abdul Kalam Azad
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