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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White उम्र रसीदा औरते भी नादान होती है,वो अक्सर ये जानते हुए भी प्रेम में पड़ जाती है कि,इस उम्र में ठगी जाएंगी.... मगर फिर भी संजीदा होती है,आ जाता है उन्हें खुदके लिए वक्त निकाल कर जुल्म से निपटना, शौहर के गुमराह नैनो पे पैनी नजर रखना.... रिश्तों में दोहरेपन झेलती हुए,बावर्ची खाने में खुदको मसरूफ कर लेना,तो कभी पुराने नोट्स के पन्ने पलटने_लिखने में, खुदको तरन्नुम में गुनगुना लेना,कभी खुद पर तवज्जो से निहारकर निखार लेना,इस मानिंद खुदको खुद में तलाशती, अपने ही घर में खामोशी इख्तियार कर लेना,दर हकीकत ये औरतें बहुत नादान होती है,बाहर से शालीन,और अंतर्मन में गमगीन होती है... सच में उम्र रसीदा औरतें कितनी नादान होती है... Blog By....✍️ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Nightsउम्र रसीदा औरते भी नादान होती है,वो अक्सर ये जानते हुए भी प्रेम में पड़ जाती है कि,इस उम्र में ठगी जाएंगी,बिसराई जाएंगी....?? मगर फि
#Nightsउम्र रसीदा औरते भी नादान होती है,वो अक्सर ये जानते हुए भी प्रेम में पड़ जाती है कि,इस उम्र में ठगी जाएंगी,बिसराई जाएंगी....?? मगर फि
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मैं एक रोज समेट कर चल दूँगी अपनी सभी हसरते, मेरी पसंदीदा उल्फते और अलमारी में रखी अपने रंग बिरंगे लिबास,सब संभाल के रखे गए चुन-चुन कर लिए चुन्नी,दुपट्टे..... अच्छे बुरे वक्त में लिखी गई मेरी डायरियाँ और मन को बहलाने के लिए खुद् से लिखी गई गजल,नज़्म कोट्स,कविताएं.... वालिदेन से तोहफे में मिले सोने चाँदी के गहनें,कांच की हरी हरी चूड़ियां, वो गुलाबी लिपस्टिक,काजल, गुलाबजल की महक,हराम हलाल की तमीज,..... अकेलेपन को खर्च करने बाबत बनाई गई पेंटिंग, सिलाई और कपड़ों पर किए जाने वाले पेचवर्क कशीदे कई तरह के रंग-बिरंगे धागे और सरगम सुनाती पायजेबे.... घर के आंगन में छोटा सा खिज्र नुमा वो दरे दयार,जिसपे मैं बरसो बरस रहती रही,सब्जा उगाती,और वक्त बिताती रही.... घर से मिला चीड़चिड़ापन दुनिया भरकी वो इलाज की पर्चियां, और जानलेवाबिमारी की डिब्बे भरी गोली दवाइयां,.... वो मेरी हसीन प्यारी प्यारी मखमली बेटियों की, सुसराल को जाती हुई विदाईयां,और आईने से रूबरू होती हुई मेरी तुम्हारी परछाइयां..... मैं जब समेट कर चल दूंगी बावर्ची खाने की लजीज लज्जते, अपने दस्त में,उठा कर चल पडूंगी,तब ज्यों की त्यों सारी लियाकते अपने ही सिर पे टोकरी में धरकर...... अब बोलो क्या बचेगा,इस घर में,सिवाय तुम्हारी अना,जबर,और चंद जोड़ी कपड़ों के सिवा....????? shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Baatein मैं एक रोज समेट कर चल दूँगी अपनी सभी हसरते, मेरी पसंदीदा उल्फते और अलमारी में रखी अपने रंग बिरंगे लिबास,सब संभाल के रखे गए चुन-चुन
#baatein मैं एक रोज समेट कर चल दूँगी अपनी सभी हसरते, मेरी पसंदीदा उल्फते और अलमारी में रखी अपने रंग बिरंगे लिबास,सब संभाल के रखे गए चुन-चुन
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