Find the Latest Status about फिरदौसी खाटून गोजोल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, फिरदौसी खाटून गोजोल.
SURAJ आफताबी
ये किसकी तरन्नुम में हम तराने छेड़े रहे हैं कोई तो है निहां जिसे युगों से तस्लीम किये जा रहे है जरूर हुई है कोई जुम्बिश उनके अहल-अ-दिल में जो समीर संग ये फिरद़ौसी इशारे भेजे जा रहे है !! हमारे ही हिस्से नये निज़ाम,पुरानी बंदिशें गढ़े जा रहे है जैसे हजरत की सुन्नत में नये प्रवचन जोड़े जा रहे है हम नाआश्ना होकर ही कर लेंगे बसर तुम्हारी बहिश्त में क्यों हमारे लिये ही नादिर जाब़िता तोड़े जा रहे हैं !! किसकी शेखी में हम ये कसीदे पढ़े जा रहे है शायद इक नर्गिस के शिकार है जो अब तक हयात से लड़े जा रहे है दानिस्ता होकर तो न करो ज़िया को आफताब से जुदा शायद हम वो जबीं हैं जो किसी नबी द्वारा नमाज में चूमे जा रहे हैं !! निहां- छिपा हुआ, गुप्त तस्लीम-नमस्कार, अभिनन्दन जुम्बिश- हरकत फिरदौसी- स्वर्ग निजाम- नियम, रीति सुन्नत- हजरत मुहम्मद की धर्मोपदेश वाली किताब
निहां- छिपा हुआ, गुप्त तस्लीम-नमस्कार, अभिनन्दन जुम्बिश- हरकत फिरदौसी- स्वर्ग निजाम- नियम, रीति सुन्नत- हजरत मुहम्मद की धर्मोपदेश वाली किताब
read moreसुसि ग़ाफ़िल
कोई आए खामोशी से दिल में रहे आगोशी से छू लेंगे उसको भी हम शर्त ये है खामोशी से अभी तो इकरार हुआ ए अनजाने परदेसी से नजरें उठाओ और देखो हम रहेंगे फिरदौसी से तू हमारे साथ है खौफ ना खाना पड़ोसी से हम साथ रहेंगे लड़ेंगे हर एक चुनौती से | कोई आए खामोशी से दिल में रहे आगोशी से छू लेंगे उसको भी हम शर्त ये है खामोशी से अभी तो इकरार हुआ ए अनजाने परदेसी से
कोई आए खामोशी से दिल में रहे आगोशी से छू लेंगे उसको भी हम शर्त ये है खामोशी से अभी तो इकरार हुआ ए अनजाने परदेसी से
read moreNeeraj Vats
#विश्वहिंदीदिवस तू रहे सुहागन मात मेरी मैं तेरी चूड़ी कंगन के लिए लिखता हूँ मैं हिन्दपुत्र हिंदीभाषी हूँ मेरी माँ हिंदी के लिए लिखता हूँ महज़ भाषा ही नहीं नदियां भी यहां माता हैं स्नेहदात्री माँ हिंदी को देववत्त पूजा जाता है भाषा नदियों में कोई फर्क नहीं अतः माँ गंगा नर्मदा कालिंदी के लिए लिखता हूँ मैं हिन्दपुत्र हिंदीभाषी हूँ ......... भाषा हैं यहाँ और भी मौसी जैसी पर वो चमक कहां फिरदौसी जैसी दुनिया को चमकाए रखे ये मात मेरी इसकी हर किरण चिन्दी के लिए लिखता हूँ मैं हिन्दपुत्र हिंदीभाषी हूँ....... अपने ही आंगन में अब बेबस रह गई ये माँ उम्मीद यही है शायद अब भी बच जाए जां मैं नीरज हिंदी उपासक दास इसका इसकी आज होती दरिंदगी के लिए लिखता हूँ मैं हिन्दपुत्र हिंदीभाषी हूँ .......... ©Neeraj Vats तू रहे सुहागन मात मेरी मैं तेरी चूड़ी कंगन के लिए लिखता हूँ मैं हिन्दपुत्र हिंदीभाषी हूँ मेरी माँ हिंदी के लिए लिखता हूँ महज़ भाषा ही नहीं
तू रहे सुहागन मात मेरी मैं तेरी चूड़ी कंगन के लिए लिखता हूँ मैं हिन्दपुत्र हिंदीभाषी हूँ मेरी माँ हिंदी के लिए लिखता हूँ महज़ भाषा ही नहीं
read more