Find the Latest Status about और अब अकेले रजाई रजऊ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, और अब अकेले रजाई रजऊ.
Dipak kumar
आज कि सर्दी😱 बहुत तेज़ है 👰बीबी को भले ही छोड़ दो पर रजाई🎟️ को नही।😀😀😀 ©Dipak kumar बीबी और रजाई
बीबी और रजाई
read moreNEERAJ SIINGH
चलों आज रजाई की बात करते हैं ठंड बढ़ गईं तो यहीं से शुरुआत करतें हैं थक कर जब चूर हो दिनभर के सफर से गुजरते हैं रात की जवां होतीं ठंड में हम तुझमें संवर पड़ते हैं तुम जो संवार लेती हो मुझें हम फिर चैन से निखर पड़ते हैं उठते हैं सुबह फिर जब लिए चेहरे में इक नूर बड़े खिलते हैं .. चलों आज रजाई की बात करते हैं ठंड बढ़ गईं तो यहीं से शुरुआत करतें हैं.... #neerajwrites रजाई और ठंड
#neerajwrites रजाई और ठंड
read moreVikash Sharma
रजाई मैं जल्द आ रही हूं, मैं हूं सबकी माई, कोई कहता है मुझे सोड़, कोई कहता है रजाई, मैं ही हूं जो हर साल आती हूं, हर किसी की ठंड में जान बचाती हूं, मेरी अहमियत हर कोई जानता है, कड़ी ठंड में मुझे कोई, भगवान से कम नहीं मानता है, मॉडर्न लोग आजकल यूं तो, मेरा नाम लेने में भी शरमाते हैं, मगर जब ठंड लगती है, मुझमें घुसे चले आते है, जात धर्म देखे बिना, सबको अपने आंचल में छिपाती हूं, कड़ी ठंड से सबकी जान बचाती हूं, यूं तो आजकल, कंबल नाम से भी कोई आता है, बाजार में खूब कीमत पाता है, मगर हर कोई उसे कहां खरीद पाता है, कंबल मुझसे अच्छा है, ये बोल कंबल वाला खूब ऐतराता है, मगर जब कड़ी ठंड होती है, वो भी मेरे आंचल में ही गरमी पाता है, हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, सबकी जान बचाने, मैं जल्द आ रही हूं, मैं हूं सबकी माई, कोई कहता है सोड़, कोई कहता है रजाई, ©Dr Vikash Sharma #रजाई
Tarakeshwar Dubey
रजाई ------ चंदा डगर में ठिठुर कर बैठा, शीत से कांप रहे सब सितारे। पछुआ बयार बहती झंकझोर, बटोहिया जला रहे हैं अंगारे। गगन से टीप टीप बूंदे टपके, तरु शिखाओं पर तुषार छाई। मौसम में अब आ गई ठंडाई, देखो घर घर निकली रजाई। फसलें खड़ी खेतों लहलहाए, देखि के खेतिहर हिय हर्षाये। गाजर, मूली, पालक, सरसो, मेथी, छेमी, रहिला मन भाये। बैठि मचानी रात अगोरत खेत, सगरे देह हाथ जाए कठुआई। पूस की रतिया लेत अंगड़ाई, देखो घर घर निकली रजाई। बच्चे जवान बूढ़े बोरसी तापें, कुहासे राह नहीं देवे दिखाई। होते सांझ गगन ओले बरसावे, सफेदी में धरती जाए लिपटाई। भरी जवानी में आदित ठिठुरत, बैरन बयार हाड़ देती कंपाई। राम आगमन की बजी शहनाई, देखो घर घर निकली रजाई। ©Tarakeshwar Dubey रजाई #farmersprotest
रजाई #farmersprotest
read moreDamodar prasad Raj
अब सहारा ना लेंगे किसी का जीना अकेले सीख लेंगे ना चाहेंगे साथ किसी का अब अकेले चलना सीख लेंगे ©Damodar prasad Raj अब अकेले चलना सीख लेंगे
अब अकेले चलना सीख लेंगे
read moresidpoetryclub
अकेले जीना शीख जाता है इंसान जब उसे पता लग जाता है, कि अब साथ देने वाला कोई नहीं..! अब तो अकेले जीना है
अब तो अकेले जीना है
read moreyanshi kotangle
वो वक़्त भी कितना खूबसूरत था जब हम तेरे शहर आने के मौके ढूँढा करते थे लेकिन कम्बख्त् बहाने न मिला करते थे अरे! आज तो ऐसा वक़्त है कि मौके खुद बार बार दस्तक दे रहे हैं इस दरवाजे पर लेकिन हम खुद को तेरी गलियों से रुखसत कर कमरे में बंद कर खुद को अब अकेले बैठे हैं अब अकेले बैठे हैं.....😶
अब अकेले बैठे हैं.....😶
read moreArun Sharma
मैं चाहता तो उसको मना लेता लेकिन वो रुठी नही थी वो बदल गयी थी अब अकेले ही खुश हू ....
अब अकेले ही खुश हू ....
read more