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Stories related to और अब अकेले रजाई रजऊ

Dipak kumar

बीबी और रजाई

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NEERAJ SIINGH

#neerajwrites रजाई और ठंड

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चलों आज रजाई की
बात करते हैं ठंड
बढ़ गईं तो यहीं से 
शुरुआत करतें हैं

थक कर जब चूर
हो दिनभर के सफर
से गुजरते हैं रात की
जवां होतीं ठंड में 
हम तुझमें संवर 
पड़ते हैं तुम जो संवार
लेती हो मुझें हम फिर
चैन से निखर पड़ते हैं
उठते हैं सुबह फिर जब
लिए चेहरे में इक नूर
बड़े खिलते हैं ..

चलों आज रजाई की
बात करते हैं ठंड
बढ़ गईं तो यहीं से 
शुरुआत करतें हैं.... #neerajwrites रजाई और ठंड

Vikash Sharma

#रजाई

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रजाई

मैं जल्द आ रही हूं, मैं हूं सबकी माई, 
कोई कहता है मुझे सोड़, कोई कहता है रजाई,
 मैं ही हूं जो हर साल आती हूं, हर किसी की ठंड में जान बचाती हूं,
मेरी अहमियत हर कोई जानता है, कड़ी ठंड में मुझे कोई,
भगवान से कम नहीं मानता है, मॉडर्न लोग आजकल यूं तो,
मेरा नाम लेने में भी शरमाते हैं, मगर जब ठंड लगती है,
मुझमें घुसे चले आते है, जात धर्म देखे बिना,
 सबको अपने आंचल में छिपाती हूं, कड़ी ठंड से सबकी जान बचाती हूं, 
यूं तो आजकल, कंबल नाम से भी कोई आता है,
 बाजार में खूब कीमत पाता है, मगर हर कोई उसे कहां खरीद पाता है,
 कंबल मुझसे अच्छा है, ये बोल कंबल वाला खूब ऐतराता है,
 मगर जब कड़ी ठंड होती है, वो भी मेरे आंचल में ही गरमी पाता है, 
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, सबकी जान बचाने,
 मैं जल्द आ रही हूं, मैं हूं सबकी माई, 
कोई कहता है सोड़, कोई कहता है रजाई,

©Dr Vikash Sharma #रजाई

Tarakeshwar Dubey

रजाई #farmersprotest

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रजाई
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चंदा डगर में ठिठुर कर बैठा, शीत से कांप रहे सब सितारे।
पछुआ बयार बहती झंकझोर, बटोहिया जला रहे हैं अंगारे।
गगन से टीप टीप बूंदे टपके, तरु शिखाओं पर तुषार छाई।
मौसम में अब आ गई ठंडाई, देखो घर घर निकली रजाई।

फसलें खड़ी खेतों लहलहाए, देखि के खेतिहर हिय हर्षाये।
गाजर, मूली, पालक, सरसो, मेथी, छेमी, रहिला मन भाये।
बैठि मचानी रात अगोरत खेत, सगरे देह हाथ जाए कठुआई।
पूस की रतिया लेत अंगड़ाई, देखो घर घर निकली रजाई।

बच्चे जवान बूढ़े बोरसी तापें, कुहासे राह नहीं देवे दिखाई।
होते सांझ गगन ओले बरसावे, सफेदी में धरती जाए लिपटाई।
भरी जवानी में आदित ठिठुरत, बैरन बयार हाड़ देती कंपाई।
राम आगमन की बजी शहनाई, देखो घर घर निकली रजाई।

©Tarakeshwar Dubey रजाई

#farmersprotest

Pramod Kumar

मैं और मेरी रजाई #SantaNojoto #PoemUnplugged #nojotowriters

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Rahul raj

अकेले थे और अकेले रह जाते हैं

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Damodar prasad Raj

अब अकेले चलना सीख लेंगे

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sidpoetryclub

अब तो अकेले जीना है

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अकेले जीना शीख जाता है इंसान 
जब उसे पता लग जाता है,
कि अब साथ देने वाला कोई नहीं..! अब तो अकेले जीना है

yanshi kotangle

अब अकेले बैठे हैं.....😶

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वो वक़्त भी कितना खूबसूरत था 
जब हम तेरे शहर आने के मौके ढूँढा करते थे 
लेकिन कम्बख्त् बहाने न मिला करते थे
अरे! आज तो ऐसा वक़्त है कि
मौके खुद  बार बार दस्तक दे रहे हैं इस  दरवाजे पर
लेकिन हम खुद को तेरी गलियों से रुखसत कर 
कमरे में बंद कर खुद को अब अकेले बैठे हैं अब अकेले बैठे हैं.....😶

Arun Sharma

अब अकेले ही खुश हू ....

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मैं चाहता तो उसको मना लेता 

लेकिन वो रुठी नही थी 

वो बदल गयी थी अब अकेले ही खुश हू ....
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