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Nehru Katariya {ajnabi}
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं तू मेरा शौक देख मेरा इंतज़ार देख.......!! माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं तू मेरा शौक देख मेरा इंतज़ार देख.......!!
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं तू मेरा शौक देख मेरा इंतज़ार देख.......!!
read moreRKaramraj Gupta
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख। ©RKaramraj Gupta माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख।
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख।
read morePrerit Modi सफ़र
शे'र- मुंतज़िर है 'सफ़र' तेरा एक मुद्दत से मेरा सब्र देख, तू मेरा इंतिज़ार देख मुंतज़िर- प्रतीक्षा करने वाला Inspired by Sher of Allama Iqbal "माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख
मुंतज़िर- प्रतीक्षा करने वाला Inspired by Sher of Allama Iqbal "माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख
read moreCK JOHNY
नींद में तेरे दीद की उम्मीद पर तेरी बिरह का दर्द मुझे सोने भी नहीं देता, सपनों की जमीं पे काटू कैसे हकीकत की फसल हसरतों के बीज वो मुझे बोने ही नहीं देता। बड़ा दिलकश है बहुत ही खूबसूरत है मेरा महबूब गजब उसका नूर है दो जहाँ का वो मालिक उसका बेपनाह इशक मुझे किसी और का होने भी नहीं देता। मेहरबान हो के बुला लो झट से मुझे अब अपने दर्शनों से निहाल कर दे बेइंतहा बढ़ गया है तेरे बिछोड़े का दर्द जो मरने तो देता नहीं मुझे जीने भी नहीं देता। मिल पाना तो नहीं मुमकिन जब तलक वो खुद न बुलाए या फिर खुद चला न आये अजब दौर से गुज़र रहा हूँ आजकल मिलता तो वो है नहीं मगर मुझे वो खोने भी नहीं देता। जी करता है कि याद में उसकी जी भर के जार रोयें जार जार मुसलसल बैठकर कहीं सदा मुस्कुराने का उससे किया है जो वादा मैंने कमबख़्त मुझे वो रोने भी नहीं देता। नींद में तेरे दीद की उम्मीद पर तेरी बिरह का दर्द मुझे सोने भी नहीं देता, बी डी शर्मा चण्डीगढ़ 04.07.2020 तेरी दीद का ख्याल
तेरी दीद का ख्याल
read moreRavindra Singh
माना कि तेरी कठपुतली है हम... माना कि तेरी कठपुतली है हम , पर इतना भी क्या नचाना कि दर्द सहा ही ना जाये । तेरी जब मर्ज़ी होती है बुला लेता है हमारे अपनों को , बता हम कैसे जियें, जिनके बिन हमसे रहा ही ना जाये । अगर देनी ही है ज़िंदगी तो पूरी दिया कर ना , क्यूँ छीन कर आधी में ही मन को ख़राब करता है । मिलने को तू मिला देता और अपनों से , पर नहीं कोई रिश्ता जो उनकी यादों के घाव का भराव करता है। तू मेरे सामने ही मेरे ६ साल में ६ हम उम्र को अपने पास बुला चुका है । मैं अभी भी सिसकियाँ लेता हूँ उनकी याद में , चाहे भले ही तू उन्हें भुला चुका है । मुझसे ये तेरी पत्थर दिली सही नहीं जाती , होता होगा तू रहनुमा , पर मुझसे ये बात कही नहीं जाती। अगर वाक़ई में तू मेरे इन शब्दों को पढ़े , तो इन पर गौर फ़रमाना । होकर देखना जुदा वर्षों तक छोड़, कुछ पल के लिये ही किसी अपने से, सह जुदाई फिर मेरे पास और आना। मैं यकीनन कह सकता हूँ , तू भी टूट जाएगा , जिस तरह हम रूठते हैं तुझसे , तू भी ख़ुद से रूठ जाएगा । मुझे नहीं दुखाना तेरा दिल , आख़िर तू पूरी दुनिया चलाता है । वस इतनी सी विनती है ,देता है तो उम्र पूरी दिया कर , इससे ज़्यादा मुझे तुझसे और कुछ दुखाने तेरा दिल कहा भी ना जाये । माना कि तेरी कठपुतली है हम , पर इतना भी क्या नचाना कि दर्द सहा ही ना जाये । ©Ravindra Singh माना कि तेरी कठपुतली है हम... https://youtu.be/D8AhWfmkM1Q
माना कि तेरी कठपुतली है हम... https://youtu.be/D8AhWfmkM1Q
read moreArora PR
माना जि आज का दिन अच्छा नही है हमारेलिए अच्छे दिन आयेगे 'कल 'कह कर दिल अपना बहलाना पड सकता है . माना कि जिस राह पर चल रहा हूँ मेरेलिए ठीक नही ऊबड़ खाबढ़ राहो को भी मुझे स्वीकार करना पड सकता है ©Arora PR माना कि
माना कि
read moreAREEZ NAWAB
माना कि दिल समुन्दर है मेरा !! लेकिन, कसम से एक भी मछली नहीं है !! माना कि..........
माना कि..........
read moreParasram Arora
माना कि शिकायते बहुत है तुम्हारी जिंदगी में. पर उसका हल खुदकशी करना तो नही है ये आधा अधूरा जीना कोई जीना नही है क्योंकि तुम्हारे जीने में कोई उत्साह या ख़ुशी दिखती नही है तुम्हे ख्वाब और हकीकत में फर्क समझना पड़ेगा ख्वाब तो सिर्फ खवाब ही है वो हकीकत नही है आसमान से एक सितारा टूट कर रोज़ गिरता है गनीमत है कि एक भी तुम पर आकर गिरा नही है इतना सख्त जान होकर तुम जी नही पाओगे दिल तुम्हारा कांच का टुकड़ा है.. कोई पत्थर नही है ©Parasram Arora माना कि......
माना कि......
read moreParasram Arora
White माना कि हमारी संताने हमसे ही आई है फिर भी वै हमारी नहीं है माना कि वे हमारे साथ है फिर भी वे हमारी नहीं हम उन्हें प्रेम दें सकते है . लेकिन अपने विचार और. अपना सुकुन उन्हें नहीं दे सकते ©Parasram Arora माना कि
माना कि
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