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Moksha
उसकी व्यथा सब मौन पड़ी थी, अश्रु भरी आँखे खड़ी थी, राहें सब धुआं-धुआं हो चली थी... तुम करते भी तो क्या करते, करते अथाह प्रयास आगे बढ़ने का थोड़ा पढ़ लेते,या खुद बेखुद गढ़ लेते, हर्फ-ए-दर्द उसके कुछ समझ लेते, तुमसे ही तो उसमें उम्मीदें पली थी...!! ©Moksha #fog #shayari #alone #nojotohindi #poem #poetry #Nojoto
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read moreपथिक..
मैं फूल चुनुं तेरे दामन के लिए पर तुम काँटों से उलझी जाती हो मेरे प्यार को न जाने क्यों तुम जुठला- झुठला जाती हो मैं फूल चुनुं तेरे..... पाँव पड़े जिस जमीं पर तेरे उस जमीं को फूलों से सजाया करता हूँ मैं आज भी अपने दिल की धड़कन तेरे नाम से धड़काया करता हूँ मैं फूल चुनुं तेरे.... आ देख कभी मेरी आँखों में कितने सपने जीते है हम बैठ अकेले तन्हाई में तेरी नाम की मदिरा पीते है मैं फूल चुनुं तेरे.... जो तू न समझे मेरी चाहत को तो चाहत की महफ़िल अधूरी है सूनी मेरे दिल की चोखट सूना दिल का कोना है, तेरे सिवा मेरे दिल का खुदा और कोई न होना है. ©पथिक.. #fog
SYED TUFAIL
اس دور میں انسان کا چہرہ نہیں ملتا کب سے میں نقابوں کی تہیں کھول رہا ہوں ©SYED TUFAIL #fog
Mr Abhiyanta
मैं शब्द हर बार एक गुनाह करता है। हम को खुद से ये जो जुदा करता है।। मैं की कोई खता भी तो नहीं है। हम को मैं की कोई परवाह भी नहीं है।। ©Mr Abhiyanta #fog
Ravikant Dushe
मुझे खबर थी मुश्किल बहुत आयेंगी इस प्यार मे मैंने भी हार न मानी कभी जिन्दगी की इस राह मे हर जख्म को मैंने दिल की ज़ीनत बना लिया क़बूल था मुझे हर तोहफा जो मिले इस प्यार मे देखा नहीं कुछ आगे पीछे दिल की आँखों ने कितना यकीन कर लिया था तुझ पर दिल ने प्यार मे सुबह से शाम तक एक इंतजार ही तो था एक पहेली बन के रह गया ये किरदार तेरे प्यार मे ©Ravikant Dushe #fog
अज्ञात
उजालों की दुनिया, तुम्हें रास आये अंधेरों में डूबी, वफ़ा कह रही है... बड़ी चोट खाई,ये दिल का लगाना ना तुम याद करना,ना तुम याद आना खुदा से यही इक, दुआ कह रही है.. अंधेरों में डूबी वफ़ा कह रही है... बहुत साथ पाया, बहुत जी गये हम मिला क्या हमें दो, घड़ी ना रुके ग़म कहीं दूर मंजिल, खफ़ा कह रही है.. अंधेरों में डूबी, वफ़ा कह रही है... चराग़-ए-मोहब्बत धुआं अब हमारा ना कोई उमंगे,ना कोई सहारा हसीं दिल्लगी की, सज़ा कह रही है.. अंधेरों में डूबी वफ़ा कह रही है... ये उल्फ़त की रस्में ये वादों की बातें नहीं भूलता दिल मिलन की वो रातें शरारत तुम्हारी,जफ़ा कह रही है.. अंधेरों में डूबी वफ़ा कह रही है... ना सोचा था हमने,सिला वो मिला है मेरा गुल किसी और, गुलशन खिला है ख़ुदा की फ़क़त यह, रज़ा कह रही है अंधेरों में डूबी वफ़ा कह रही है... ©अज्ञात #fog
Hamid Ali
ओझल हो रहा वो शख्स मेरी आंखों से दिसम्बर की तरह.. मेरी जिंदगी से जाना सायद तय है अब उसका. . ©Hamid Ali #fog
Rajan Singh
ये कैसा रिस्ता है हमारा…. न हम साथ चल प् रहे हैं न ही हम दूर हो प् रहे हैं और न ही खवाबो को छोड़ प् रहे हैं न ही हकीकत में बदल पा रहे है सबकुछ होते हुए भी हमारे बीच खाली सा लगता है न जाने क्यों ये रिस्ता हमारा बिखड़ा सा लगता है दोनों एकदूसरे के एकदम अपोजिट हैं कुछ भी सिमिलर नहीं है तुम्हारे बीच हम चाहते कुछ और हैं होता कुछ र है न जाने ये ज़िंदगी कहा ले जा रही है हमे मैं तुमसे बहुत कुछ कहना चाहता हु पर कह नहीं प् रह हु। ©Rajan Singh #fog