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Manphool Choudhary
हंसता हुआ चेहरा आपकी शान बढ़ाता है मगर.... हंसकर किया हुआ कार्य आपकी पहचान बढ़ाता है साँची बातें
साँची बातें
read moreParasram Arora
जीवन मे हमारे कई दुख वृहदआकार क़े होते है जो हमें रुलाते भी हैँ उलझाते भी है लेकिन ज्यादातर दुख सूक्ष्म रूप मे ही आते है जो रुलाते तो नहीं लेकिन क्रोध और तनाव आदि को आने से रोक नहीं पाते. हैँ जैसे दाल चावल खाते हुए मुँह मे कंकड़ का आ जाना........ रोटी क़े किसी निवाले मे गृहणी क़े बाल का आ जाना...... या फिऱ दाल सब्जी मे नमक का ज़्यदा होना और कभी कभार किसी उत्पाती मच्छर की मृत देह का किसी तरी वाली सब्जी मे आ जाना... इन लघु दुखों क़े लिए हमें कई बार वृहद ग़ुस्से को देखा जा सकता है और फलस्वरूप परोसी हुई थाली को उठा कर फैंक देने. का प्रतिकार भी हमसे हो जाता है ©Parasram Arora दुखों की संरचना........
दुखों की संरचना........
read moreManphool Choudhary
प्रशंसा चाहे कितनी भी करो किन्तु अपमान बहुत ही सोच समझ कर करना चाहिए, क्योंकि अपमान वो ऋण है जो हर कोई अवसर आने पर ब्याज सहित चुकाता अवश्य है। सच्ची बातें साँची बातें
साँची बातें
read moreManphool Choudhary
"व्यक्ति" क्या है ये महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन "व्यक्ति" में क्या है ये बहुत ही महत्वपूर्ण हैं साँची बातें
साँची बातें
read morePraveen Jain "पल्लव"
#IndiaFightsCorona पल्लव की डायरी मिटाकर सब जज्बा शान खो बैठे है कोरोना के चक्रव्यूह में आन भारत की खो बैठे है साजिशों के ताम झाम से कत्ल करने के पैगाम दे बैठे है झूठ की बुनियाद पर दर्द की संरचना रच बैठे है स्टैंडर वर्ल्ड हेल्थ के अपनाकर जहर डोजो का देकर लाशो का सौदा कर बैठे है ईमान धर्म गया भाड़ में जीने का जज्बा जनता से छीन बैठे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" दर्द की संरचना रच बैठे है #IndiaFightsCorona
दर्द की संरचना रच बैठे है #IndiaFightsCorona
read moreSurabhi Jha
व्याकुल है मन की व्यथा किसको सुनाऊँ। बसा है जो मन के आँगन में कैसे बिसराऊ।। बहे जो मेरे नैनों से अश्रु उसे कैसे छिपाऊँ। बेकल है जो मेरे चितवन उसे कैसे रिझाऊँ ।। छूपा जो हृदय में वो अधरों पे ला ना पाऊं। रोम रोम वो बसा औऱ किसीको क्या चाहूँ।। निःस्वार्थ भाव होके तुझ संग प्रीति लगाऊँ। मोह कि डोर नहीं मैं तो साँची स्नेह लगाऊँ।। मन के आँगन में तुझे प्रेम से सजाती जाऊँ। जग से छूप छूप के तेरा रूप निहारती जाऊँ।। #साँची #स्नेह #प्रेम #yqdidi #hindi #mypoetry #love
Sheelu Jha
जीवन में कभी भी किसी से अपनी तुलना मत करो,आप जैसे हैं सर्वश्रेष्ठ हैं। ईश्वर की हर संरचना अपने आप में सर्वोत्तम है अद्भुत है। ईश्वर की हर संरचना# अपने आप में सर्वोत्तम है# अद्धभुत है#
ईश्वर की हर संरचना# अपने आप में सर्वोत्तम है# अद्धभुत है#
read moresandip keshri
साहब जरा गौर कीजिएगा जिसकी शरीर की संरचना ही कांटों से है.. उसकी मृत्यु भी एक मछुआरे के द्वारा.. एक कांटे से ही होती है । ©sandip keshri जिसकी शरीर की संरचना ही कांटों से है... उसकी मृत्यु भी #WritingForYou
जिसकी शरीर की संरचना ही कांटों से है... उसकी मृत्यु भी #WritingForYou
read moreMukesh Poonia
मनुष्य के दांतों-आंतों की संरचना एवं पाचन शक्ति के अनुसार शाकाहार उसके लिए सर्वश्रेष्ठ है मनुष्य के दांतों-आंतों की संरचना एवं पाचन शक्ति के अनुसार शाकाहार उसके लिए सर्वश्रेष्ठ है
मनुष्य के दांतों-आंतों की संरचना एवं पाचन शक्ति के अनुसार शाकाहार उसके लिए सर्वश्रेष्ठ है
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