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Radhe Radhe
White सिंह, सिंह होता है जहाँ बैठ जाए सिंहासन वही ठीक उसी तरह राजा खुद से राजा होता है जहां भी खड़े हो हर रूप में पहचान आ जाएगा जय श्री राम ©Radhe Radhe सिंह सिंह होता है
सिंह सिंह होता है
read moreरघुराम
White ईश्वर पूजन करें, दिल मे प्रेम भक्ति लिए जीवन सुखी सम्पन्न रहे दिल मे यही आकाॅक्षा लिए।। ©रघुराम #Buddha_purnima ईश्वर प्रेम
#Buddha_purnima ईश्वर प्रेम
read moreDinesh Sharma Jind Haryana
White ईश्वर की शरण में निस्वार्थ जाइए वो जानते हैं तुम्हें क्या चाहिए ©Dinesh Sharma Jind Haryana #ईश्वर
Veer Tiwari
नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र" आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है। जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं? कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ। ©Veer Tiwari रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"
रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"
read moreKesh Karan nishad
जहां प्रेम होता है वहां ईश्वर का निवास होता है जहां प्रेम है वहीं ईश्वर है ©Kesh Karan nishad #प्रेम ही ईश्वर है #
#प्रेम ही ईश्वर है #
read moreDeepa Didi Prajapati
White हे ईश्वर धरा पर बसते हो सतगुरु श्री के रूप में, क्या फर्क पड़ता है,अब छत्रछाया में रहने दीजिए, अथवा रखिए स्वयं की प्रकाशित धूप में, सामने होकर भी हृदय को मिलने को तड़पाते हो प्रेम की या तो वर्षा कीजिए अन्यथा कहें,कि नहीं हमको चाहते हो। ©Deepa Didi Prajapati # ईश्वर _ मिलन
# ईश्वर _ मिलन
read moreVikram vicky 3.0
White वो शख़्स कहता है कि मुझे मिलना हैं तुमसे वो जानता नहीं की खुद के लिए भी अजनबी हूं मैं Vr... ©Vikram vicky 3.0 #atit महेन्द्र सिंह (माही) Alka Pandey ("MohiTRoCK f44 ") बादल सिंह 'कलमगार' Umme Habiba
#atit महेन्द्र सिंह (माही) Alka Pandey ("MohiTRoCK f44 ") बादल सिंह 'कलमगार' Umme Habiba
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