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Vikas Dev Dubey
कितना वक्त लगा हमे उन्हें लिखने में... उन्हें वक्त ना लगा पेज पलटने में... ©Vikas Dev Dubey #Pencil
Jayesh gulati
मेरी कलम केे यहाँ दावेदार कौन है । पढ़ने वाले हज़ार,यहाँ समझदार कौन है ।। ऊच नीच ये जात-पात पर लड़वाने वाले कौन हैं । खुद को उचा, दूसरों को नीचा दिखाना वाले कौन है ।। मेरे आँसुओं का सौदा करते हैवान कौन हैं । ये भोली सी सूरत के पीछे शैतान कौन हैं ।। इज़्ज़त लूटने वाले ये बेशरम कौन है । रोज़ मेरे जिस्म को नोचने वाले कौन हैं ।। सुरत में नही सीरत में झाँकने वाले कौन हैं । ये तेज़ाब से सुरत बिगाड़ने वाले कौन हैं ।। अपना यहाँ मुझ को बताने वाले कौन हैं । ये बताओ इस दिल केे हक़दार कौन हैं ।। ©Jayesh gulati #Pencil
Ajita Bansal
White अहोई अष्टमी आई, चाँदनी रात सजी, माँ की आरती गूँजे, घर में खुशियाँ भरी। बच्चे प्यारे देखो, मिट्टी के बर्तन सजाए, माँ की मन्नतें लेकर, चाँद को न्यौता दिए। कड़वे को मीठा करने, व्रत का संकल्प लिया, भाई की लंबी उम्र के लिए, प्रेम भरा पल लिया। ज्योति की महक से, घर-आँगन जगमगाए, माँ अहोई की कृपा से, सब संकट टल जाए। इस पावन अवसर पर, सुख-शांति की हो बौछार, अहोई अष्टमी के दिन, हो सबका जीवन भव्य यार। ©Ajita Bansal #sad_quotes poem on ahoi ashtmi
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read moreAijaz Ahmad Ashk
लिखनी थी एक बात नया कुछ भी नहीं है माज़ूर हैं जज़्बात नया कुछ भी नहीं हैं ©Aijaz Ahmad Ashk #Pencil shayari on life
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read moreDr. Parwarish
सुना है कलम दर्द भी लिखती है, देखता हूं आज यह कब रुकती है। ©Dr. Parwarish #Pencil
मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
White बहुत हौसलों से तेरी राहों पर चला ज़िन्दगी पर अब कदम जवाब दे रहे हैं, हो सके तो कुछ सुकून के पल दे दे नहीं तो तुझसे सीखे सबक मुझमे धुआँ हो रहे हैं... ©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak) #poem hindi poetry on life
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read moreKalaam rahi
کچھ نہیں بدلا کچھ نہیں بدلنے والا پہلے بھی تو ایسے کئی جرائم ہو چکے عصمتیں لوٹنے والے نے کب عمر دیکھی لاشے دیکھتے بس ہمارے ہی دل دکھے بہت آسان ہے قانون کی دھجیاں اُڑا دینا کسی کھلتے ہوئے گلستاں میں آگ لگا دینا بس اخبار کی ہیڈلائنز بدلتی رہتی ہے شہروں کے گاؤں کے نام بدلتے رہتے ہیں بس جرم نہیں بدلتا بس جرم نہیں بدلتا انساں نماں حيوان کئی دیکھ چکے ہیں ہم سنا کرتے تھے ایسے کردار کبھی کہانی میں پھر بھی کچھ لوگ کہتے ہوئے تھکتے نہیں اجی بچے ہیں! خطا کر گئے ہیں نادانی میں انصاف کی اُمید رکھتے ہیں آج بھی لوگ بس امید رکھنا حرام ہے اِس زمانے میں کبھی نہ کبھی یہ فضا بھی بدل جائے گی مجرم صليب پہ ہونگے یا زندان خانے میں -کلام ؔ راہی- ©Kalaam rahi A poem on Kolkata rape #Kolkata #Rape #westbengal #TMC
A poem on Kolkata rape #Kolkata #Rape #westbengal #TMC
read moreAjita Bansal
White On this day, the flag flies high, Beneath the clear and open sky. We honor those who dared to fight, To give us freedom’s glowing light. With hope and courage, hearts so bold, A legacy of strength they hold. Today we stand, both proud and free, In unity, our destiny. May peace and justice always reign, As we salute our nation’s name. Happy Independence Day, we say, With love for India, strong and brave! ©Ajita Bansal #happy_independence_day poem on independence day
#happy_independence_day poem on independence day
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