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चौधरीHaRiShपूनियां
कुछ लोगों ने मुझसे कहा बहुत बदल गया है तू.........! मैंने भी मुस्कुराकर,कहा लोगों के हिसाब से जीना छोड़ दिया है मैंने.....! लोगों की छींटाकसी
लोगों की छींटाकसी
read moreBalwant Mehta
हो रही आरोपों की छींटाकशी जन जन में दिखे अब व्यवहारी वंश का ही बने उत्तराधिकारी सब कुर्सी का ही है सवाल। ©Balwant Mehta #RepublicDay #चुनाव #कुर्सी #आरोप_प्रत्यारोप #छींटाकशी
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read moreकवि वेद प्रकाश प्रजापति
#लोकसभा चुनाव -2019 छींटा कस्सी शुरू हो गई, शुरू वार पे वार। सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली, हज को है तैयार।। ✍कवि वेद प्रजापति #लोकसभा चुनाव -2019 छींटा कस्सी शुरू हो गई, शुरू वार पे वार। सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली, हज को है तैयार।। ✍कवि वेद प्रजापति
#लोकसभा चुनाव -2019 छींटा कस्सी शुरू हो गई, शुरू वार पे वार। सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली, हज को है तैयार।। ✍कवि वेद प्रजापति
read morePoonam Ritu Sen
नारंगी कपड़ों में लिपटी हुई रामायण एक फिरंगी महिला के हाथ मे उसे पढ़ता देखकर, किसी सुबह गर्व हुआ मुझे अपनी संस्कृति और सभ्यता पर, दूजी ओर, वही फिरंगी महिला हुई छींटाकशी का शिकार सुन कर, उसी रात शर्म और क्रोध पदाघात कर गए मेरे मस्तक पर.. नारंगी कपड़ों में लिपटी हुई रामायण एक फिरंगी महिला के हाथ मे उसे पढ़ता देखकर, किसी सुबह गर्व हुआ मुझे अपनी संस्कृति और सभ्यता पर, दूजी ओर, वही
नारंगी कपड़ों में लिपटी हुई रामायण एक फिरंगी महिला के हाथ मे उसे पढ़ता देखकर, किसी सुबह गर्व हुआ मुझे अपनी संस्कृति और सभ्यता पर, दूजी ओर, वही
read moreJAINESH KUMAR ''ज़ानिब''
छत्तीसगढ़ी गीत बरसे सावन पानी हे........ गोरिये तोर जवानी मोर लव फीवर बढ़ा देथे रे ।। 2 ।। तैं मोर गोरिया दिल के चिड़िया उड़ा दिए दिल से रे मैं तोर रानी दिल दीवानी तैं मोर हीरो मजनूं रे सावन बरसे पानी, सावन बरसे पानी जी ल भिगाई दे मोर पिया ल पहली सावन के छींटा लगाई दे ।। 2 ।। गोरिया....... रे ..... मोर दिल ल करे तैं क़ाबू रसिया........ रे...... मोर मन संग तोर लागे रे इंद्रधनुष के लेके सातों रंग तोला मैं रंग देहूं बनके मयूरी हिरदे मोर मया म नाच उठे रे प.. म.. ग.. ध.. स.. रे.. ग.. म..नि.. सावन बरसे पानी, सावन बरसे पानी जी ल भिगाई दे मोर पिया ल पहली सावन के छींटा लगाई दे ।। 2 ।। मोहनी... रे..... तोर पिरित ले भरगे दिल के मोर घड़ा मोहना... रे..... हिलोरे रे मोला तोर पिरित के नदिया रे रिमझिम सावन बर्षा मोर मया म तैं भीग जा रे रिमझिम सावन बर्षा म तोर संग मैं भीग जाहूं रे प.. म.. ग.. ध.. स.. रे.. ग.. म..नि.. सावन बरसे पानी, सावन बरसे पानी जी ल भिगाई दे मोर पिया ल पहली सावन के छींटा लगाई दे ।। 2 ।। #छत्तीसगढ़ी_गीत #jainesh_kumar हे........ गोरिये तोर जवानी मोर लव फीवर बढ़ा देथे रे ।। 2 ।। तैं मोर गोरिया दिल के चिड़िया उड़ा दिए दिल से रे म
#छत्तीसगढ़ी_गीत #JAINESH_KUMAR हे........ गोरिये तोर जवानी मोर लव फीवर बढ़ा देथे रे ।। 2 ।। तैं मोर गोरिया दिल के चिड़िया उड़ा दिए दिल से रे म
read moreNaresh Chandra
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 #मां_शारदा_के_चरणों_में_भाव_कलश_नमन_वंदन🌹 प्यार का एक छींटा, सनम मारकर चल दिए क्यूं अकेला, मुझे छोड़कर अब सताने लगी ? मेरी नादानियां दिल की धड़कन, बढ़ाती खामोशियां। सागर के लहरों की, अठखेलियां दिल की धड़कन बढ़ाती खामोशियां रूक न जाये कहीं, सरगम सांस की अब सताने लगी हमको, खामोशियां। स्वरचित ✍️ नरेशचन्द्र"लक्ष्मी" फरीदाबाद हरियाणा ©Naresh Chandra 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 #मां_शारदा_के_चरणों_में_भाव_कलश_नमन_वंदन🌹 प्यार का एक छींटा, सनम मारकर चल दिए क्यूं अकेला, मुझे छोड़कर अब सताने लगी ? मेरी नादान
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 मां_शारदा_के_चरणों_में_भाव_कलश_नमन_वंदन🌹 प्यार का एक छींटा, सनम मारकर चल दिए क्यूं अकेला, मुझे छोड़कर अब सताने लगी ? मेरी नादान
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एक समान बेटियाँ, सिर पर रखा हुआ दुपट्टा हो या ढ़का हिजाब से सिर खूबसूरती तो सादगीपूर्णता में रहकर ही बढ़ती है,इन्ही संस्कारो के संग हर बेटी जीती है,बिटीया तो लाड़ली सभी की दुलारी होती है,रौनक-ए-आशियाँ शहजादी सी होती, बिटिया तो सभी की एक समान सम्मान की हक़दार होती है,कभी सुन हिजाब वाली तो कभी सुन दुपट्टे वाली कटाक्ष करके फिर क्यों होता बेटियों का अपमान? ये समाज अपने उसूल पर कभी न टिक पाया फिर भी बेटियों को ही छींटाकशी का ही आधार बनाया,हम बेटियों ने जाने कैसा जीवन पाया?बाहरी दुनिया में बाहर निकल पाना कभी आसां न हो पाया,डर कर सहम कर रहना इस समाज ने ही सिखलाया,कोई न दर्द हम बेटियों का समझ पाया बस सुन हिजाब वाली सुन दुपट्टे वाली का जुमला ही हम बेटियों ने अपने इर्द-गिर्द ही पाया,फिर भी ये समाज जाने क्यों ख़ामोश ही पाया? क्या मजहबी क्या जात पात अमीरी गरीबी का भेदभाव बेटियों को समझो एक समान, हर घर की लाज होती है बेटी उस रब का दिया कोहिनूर सी होती है बेटी, अब
क्या मजहबी क्या जात पात अमीरी गरीबी का भेदभाव बेटियों को समझो एक समान, हर घर की लाज होती है बेटी उस रब का दिया कोहिनूर सी होती है बेटी, अब
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व्यक्तिगत आस्था हित मरोड़े गये, हम तो इंसान थे खूब तोड़े गये। धर्म के मार्ग ने भिन्नता क्या धरी, धर्म के नाम पर हम भी दौड़े गये।। वो हमें
व्यक्तिगत आस्था हित मरोड़े गये, हम तो इंसान थे खूब तोड़े गये। धर्म के मार्ग ने भिन्नता क्या धरी, धर्म के नाम पर हम भी दौड़े गये।। वो हमें
read moreA NEW DAWN
In Caption एक छींटा मिल जाए तेरी ममता का तो क्यों चाहूं अमृत मैं..? जो छांव मिले तेरे आंचल की तो क्यों चाहूं स्वर्ग मैं...? जो लोरी सुन लूं तेरी तो क
एक छींटा मिल जाए तेरी ममता का तो क्यों चाहूं अमृत मैं..? जो छांव मिले तेरे आंचल की तो क्यों चाहूं स्वर्ग मैं...? जो लोरी सुन लूं तेरी तो क
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