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Vandana
शब्दों का समूह बन जाता है एक सुरीला गीत,,,, पंछियों के स्वरों में भर देता है संगीत,,,, भावनाओं की बांसुरी बन,,, हो जाता मन का मीत,,, किसी कवि के शब्द बन,,, रचना में भर देता प्राण,,,, चित्रकार के रंगों में भिगोयी तस्वीर,,, बन जाता प्रशंसा का स्वर,,, कलाकार की रंगमंच में फूंक देता जान,,, दो प्रेमियों के प्रेम का माध्यम बन जाता,,, ममतामयी शब्दों का आंचल बन जाता,,, शब्दों का समूह जीने की वजह बन जाता,,, भाषा का गूढ़ विज्ञान कहलाता,,,, आदि मानव से सुसंस्कृत मानव बन जाता, "शब्दों का समूह,,, #शब्दों का समूह #शब्दों_की_माला
"शब्दों का समूह,,, #शब्दों का समूह #शब्दों_की_माला
read moreRashmi singh raghuvanshi "रश्मिमते"(sunshine)
बुरे शब्द सभी के चुभते है। बस फ़र्क इतना है कि अपनों द्वारा बोले गए शब्द अक़्सर नासूर बन जाए करते हैं। ©rashmi singh raghuvanshi #शब्दों का फलसफा
#शब्दों का फलसफा
read moreParasram Arora
जागरण मे .प्रमाद मे मूर्छा मे भी शब्दों का खेलतो चलता ही रहता है और हम इस शाब्दिक खेल मे बाह्य वातावरण को भी विस्मृत क़र देते है और कई बार हम उन्ही शब्दों क़े चक्रव्यूह मे फंस क़र अपने दुख दर्दों की भी. उपेक्षा करने लगते हैँ ये मन तो नया बहुत कुछ करना चाहता हैऔर नई. राहों क़े द्वार भी खोलना चाहता है पर ये तभी सम्भव है ज़ब हम धब्दों की दुनिया से बाहर आएं ©Parasram Arora शब्दों का खेल......
शब्दों का खेल......
read moreAvnish
kabhi khushi se mohabbat kar ke dekhna zindagi gum se na bhar jae to mera naam badal dena -karn Avnish #शब्दों का खेल
#शब्दों का खेल
read moreDarlo the king 🦁🐯
शब्दों का जोर था हम समझ नहीं पा रहे थे मन में तो तेरे पहले से ही कोई और था । शब्दों का जोर था हम समझ नहीं पा रहे थे मन में तो तेरे पहले से ही कोई और था । बेवजह नहीं थी बो बाते मेरी ये भी तुम्हे समझ आजाना था में पागल ही सही पर तेरा दीवाना था। हां थी मुझे भी बहुत सी बुराइयां या कमिया भी पर तूने कभी बताया नहीं और तूने ना कहा सच्च अपना कभी हमसे और हमने अपना कोई चेहरा तुमसे कभी छिपाया नहीं । जरा सोचना बैठ के अकेले में क्या कमी रही होगी मेरे प्यार में को आज खड़ा हूं अकेला इस दुनिया के मेले में। तन्हा ही सही पर गुमान है मुझे मेरी खुदारी पे ओर तूने लाख छिपाए चहरे अपने पर आज तरस आता है तेरी सूरत बेचारी पे। तूने समझ के बेचारा मुझे मुझपे भी कई एहसान किए होंगे पर याद तुम्हे भी होगा तेरे एक एक जवाब के इंतजार में मैने भी दर्द सीने में समेले होंगे। मुझे नहीं मालूम आज तू पहले ख़ुश थी या आज है पर अब कोई नहीं होगा दुबारा तेरे जैसा ये मेरा खुदसे खुदका आगाज है। .........✍️ साधु बाबा शब्दों का जोर
शब्दों का जोर
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