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CK JOHNY
फजल है खुदा का कि अपनी खामोशी भी सुन लेते हो, अपने गुनाहों को देख कर तौबा-ए-राह भी चुन लेते हो। कैसे चैन से सो जाते हैं लोगअपने गुनाहों से मुँह फेरकर हम तो करवट भी बदलने नहीं पाते कैसे ये गम देते हो। जमीन पे जो चीज है हराम वही जन्नत में आएगी काम खामख्वाह में शेखचिल्ली के ख्वाब हमें तुम देते हो। कुछ तो खुदा का खौफ खाओ कुछ कुफ्र से करो तौबा ए शेख रिन्दों को ये किस महफ़िल का तरन्नुम देते हो। जन्नत में शराब की नहर बहत्तर हूरों के हसीन ख्वाब ओ वाइज हम दोजख वालों को कैसा ये वहम देते हो। फजल है खुदा का कि अपनी खामोशी भी सुन लेते हो, अपने गुनाहों को देख कर तौबा-ए-राह भी चुन लेते हो। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ फजल
फजल
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फजल है खुदा का कि अपनी खामोशी भी सुन लेते हो, अपने गुनाहों को देख कर तौबा-ए-राह भी चुन लेते हो। कैसे चैन से सो जाते हैं लोगअपने गुनाहों से मुँह फेरकर हम तो करवट भी बदलने नहीं पाते कैसे ये गम देते हो। जमीन पे जो चीज है हराम वही जन्नत में आएगी काम खामख्वाह में शेखचिल्ली के ख्वाब हमें तुम देते हो। कुछ तो खुदा का खौफ खाओ कुछ कुफ्र से करो तौबा ए शेख रिन्दों को ये किस महफ़िल का तरन्नुम देते हो। जन्नत में शराब की नहर बहत्तर हूरों के हसीन ख्वाब ओ वाइज हम दोजख वालों को कैसा ये वहम देते हो। फजल है खुदा का कि अपनी खामोशी भी सुन लेते हो, अपने गुनाहों को देख कर तौबा-ए-राह भी चुन लेते हो। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ फजल
फजल
read moreBANDHETIYA OFFICIAL
टी एन शेषण को पुकारो, सोया कुम्भकरण मारे कुंडली पड़ा है। क्या हाल है हुआ लोकतंत्र करे - जो पक्का वो ही टपका गिरा है। ©BANDHETIYA OFFICIAL #चुनाव कमीशन
#चुनाव कमीशन
read moreGurudeen Verma
शीर्षक - हाय हाय रे कमीशन --------------------------------------------------------- (शेर)- नहीं है जगह बैठने की सरकारी बिल्डिंगों में, बरसात में। जगह जगह बने है गड्ढें सरकारी सड़कों पर, बरसात में।। यह सारा खेल है कमीशन का, काम मजबूत कैसे होगा। कितना बड़ा होता है धोखा, कमीशन में जनता के साथ में।। ----------------------------------------------------------- किसी को आबाद, किसी को करता है तू बर्बाद। तुम्हें कहूँ जिंदाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन---------------------------(4) टपकती है बारिश में, क्यों बिल्डिंगे ये सरकारी। बिखरती है बारिश में, क्यों ये सड़कें सरकारी।। कमीशन के बांध - ब्रिज, क्या होते हैं इतने फौलाद। तुम्हें कहूँ जिंदाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन--------------------------(4) करवाना है काम जल्दी तो, कमीशन देना होगा। बिना कमीशन फ़ाइल पर, कोई साइन नहीं होगा।। देखो कमीशन वाले, कितने निडर है और आजाद। तुम्हें कहूँ जिन्दाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन--------------------------।। बन गए कमीशन से, कम वर्षों में महल वाले। अब चलते हैं कारों में, कल पैदल चलने वाले।। कमीशन की दौलत से, करें मौज उनकी औलाद। तुम्हें कहूँ जिन्दाबाद या, तुम्हें कहूँ मैं मुर्दाबाद।। हाय हाय रे कमीशन----------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार- गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #हाय हाय रे कमीशन
#हाय हाय रे कमीशन
read moreKnowledge Fattah
"अनमोल वचन" किस चीज़ पे घमन्ड करता है यह इन्सान इसकी कमज़ोर की अलामत यह है कि जिस चीज़ से परहेज़ करता है बचता है घिनाता है उसी गंदगी को अपने पेट में रखकर घुमता है हज़रत ए अली इब्ने अबुतालिब अ. स. ©A. R. Zaidi या अली मौला या अली मौला या अली मौला मदद...
या अली मौला या अली मौला या अली मौला मदद...
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