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Stories related to नक्सलाइट एरिया इन बिहार

Manoj Kumar

जौन एरिया

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जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुजारी है
जौन एरिया
14December 1931=8November 2002

©Manoj Kumar जौन एरिया

KK Mishra

कवरेज एरिया

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 कवरेज एरिया

Rajesh rajak

रेड लाइट एरिया,

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मै कल इक ऐसी जगह गया जहां सफेदपोश अंधेरे में जाते हैं,हलकिमेरा वहां जाना आज से पच्चीस वर्ष पहले से है,लोग उस जगह को और वहां रहने,वाले लोगों को हिकारत भारी नजर से देखते हैं,कुछ उस जगह को चकला घर,कुछ वैश्या लय,तो आधुनिक भाषा में,,रेड लाइट एरिया,,भी कहते हैं,मेरे पहुंचते ही एक सुंदर युवती ने कतिल अदा के साथ स्वागत किया,बोली,,आइए मेहरबां,
मैंने प्रतिउत्तर में पूछा,श,,(नाम नहीं लिखूंगा)आंटी हैं क्या,आंटी बो भी नाम के साथ संबोधन सुनकर युवती का चेहरा कुछ मुरझा सा गया,फिर बोली हां हैं,क्या काम है?मैंने बोला जाके उनसे बोलो कि पुलिस बाला राजेश आया है,पुलिस शब्द सुनकर बो कुछ असहज हो गई,फिर वेमन से अंदर चली गई,करीब पांच मिनट बाद आ के बोली चलो अन्दर बुला रही है,मैंने अन्दर का जो दृश्य देखा हैरान हो गया,
क्या ये वही,शू,,आंटी हैं?तभी ,,आओ राजेश बहुत दिन बाद आज आंटी को कैसे याद किया?कुछ विशेष काम है क्या,मैंने झूठ बोलते हुए कहा नहीं आंटी बाहर पोस्टिंग हो गई थी इसलिए आना नहीं हो पाया,लेकिन आप,,शायद बो मेरी बात को समझ गई और एक लम्बी सांस भरते हुए बोली,हां बेटा जब तक गोस्त गरम था तब तक भेड़ियों ने नोचा अब बूढ़ी हड्डियों में क्या रखा है,सो इस अंधेरे कोने में पड़ी पड़ी आखरी सांसे ले रही हूं,उनकी बात सुनकर मुझे ऐसा लगा कि किसी ने नस्तर चुभो दिए हों,आज के पच्चीस वर्ष पहले जो औरत अमीरों की जान हुआ करती थी,आज उसकी ये हालत,शहर की सबसे महंगी ,,रण्डी,,जी हां वहां की भाषा में उन्हें रण्डी ही बोला जाता है,,,जिसके लिए एक बार तो क्षेत्र में कर्फ्यू की नौबत आ गई थी,,क्या सोच रहे हो राजेश?अचानक मुझे चुप देखकर उनने कहा,क्या लोगे पान तो तुम को खिला नहीं सकती और वैसे भी तुमने जब पान खाने की उम्र थी तो हमारे यहां कभी पान खाया नहीं,
तो अब क्या खायोगे?(पान खाने और खिलाने की उनकी एक विशेष परम्परा है,जो युवती पान लेकर आती है अगर उसे ग्राहक ने पसंद कर लिया तो वो पान खा लेगा और सौदा पक्का माना जाएगा)
चाय मंगाऊ,नहीं आंटी बस रहने दो,अरे भाई पी लो बहुत दिनों बाद आए हो ,चिंता मत करो कोरॉना नहीं होगा,उनने मजाक किया।
०१,, रेड लाइट एरिया,

Rajesh rajak

रेड लाइट एरिया,०३

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ये समाज से बिल्कुल कटे हुए हैं,इनका कोई सगा संबंधी नहीं होता,बस
कोठा ही इनकी पूरी दुनिया है,न ही इन्हें रखैल बनाने वाले आगे आते
हैं,जब जरूरत हुई तो पैसा या जरूरत का सामान भेज देते हैं,
इनका बुढ़ापा बड़ा दर्दनाक गुजरता है,जब तक जिस्म नोचने लायक रहता है तब तक भेड़िए नोचते है,बाद में बदतर हालात में इन्हे कई गंभीर बीमारियों के साथ गुमनाम जिंदगी जीना पड़ती है,बस किसी का इंतजार रहता है तो बो है मौत, यदा कदा समाज सेवी संस्थाएं वेश्याओं के उद्धार के लिए जो अभियान चला रही है,बो मीडिया तक या कहना चाहिए दिखावे तक ही सीमित है,।
जैसा कि स,,आंटी की तीन बेटियां थीं दो बेटी तो उसी नरक में वही हैं और एक बेटी जो मेरी पत्नी के अथक प्रयासों के बाद एक सभ्य परिवार ने गोद ले लिया था आज बो खुशी से अपना जीवन गुजार रही है,और
पिछले साल नवंबर में पटवारी परीक्षा में सफल हो गई, नौकरी कर रही है
ईश्वर से दुआ कीजिएगा,उसको कभी अपनी अतीत कीजानकारी न लगे,
धन्यवाद, रेड लाइट एरिया,०३

Rajesh rajak

रेड लाइट एरिया ०२,

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उन्होंने मेरे विशेष आग्रह करने पर जो आपबीती सुनाई,,
मै एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मी,खुश थी,पांचवीं कक्षा तक पढ़ी हूं,मेरी उम्र बारह तेरह साल की रही होगी,कुछ रुककर,और गहरी सांस लेकर, मै बहुत सुंदर थी रै,,हां आंटी मैंने देखा है,
एक दिन मै और मेरी सहेली तालाब के किनारे मिट्टी लेने गए थे गणेश जी की मूर्ति बनाने,दोपहर का समय था,मिट्टी टोकनी में भर के लौट रहे थे तभी दो लोग आए और बर्फ की कुल्फी खाने दी कुल्फी खाने के बाद पता नहीं चला कि हम दोनों कब बेहोश हो गई
जब नींद खुली तो जबलपुर में एक औरत के साथ पाया,हम दोनों खूब रोए गिड़गिड़ाए कि हमें अपने घर पहुंचा दो पर वो हम दोनों को 
मारपीट कर के चुप करा देती,कुछ समय बीत गया, यूंही रोते बिलखते,फिर एक दिन पुलिस का बहुत बड़ा अफसर आया और बो औरत उनके पास ले गई और बोली आज तेरी ,, नथ उतरेगी,,तू जाकर तैयार हो जा,जा मन्नी से नए कपड़े ले ले।
,,, नथ उतारना,यानी उसका कौमार्य भंग करना,और जो व्यक्ति ये करता है,बो एक मोटी रकम देता है,,जैसा आंटी ने बताया,
०२ रेड लाइट एरिया ०२,

Dhirendra Kumar

बिहार

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Rajendra Kumar Ratnesh

बिहार

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बौद्ध , महावीर , अशोक की धरा पर , 

नालंदा , विक्रमशिला , राजगीर सा उपहार मिलेगा । 

गंगा , कोशी , कमला , सोन तट पर , 

भ्रमण को पूरा बिहार मिलेगा ।। 

कुंवर , राजेन्द्र , दिनकर की मिट्टी में,

 एक सभ्य व्यवहार मिलेगा । 

मधुर भाषा , वैदिक गाथा ,

 गाते पूरा बिहार मिलेगा ।। 

खेतों में सोना , बागों में बिछौना ,

 अन्न , पुष्प फलों का बौछार मिलेगा । 

पर्व त्योहारों में पकवान , 

मिष्ठान खाने को पूरा बिहार मिलेगा। 

पक्षियों का कलरव , चरवाहे सर्व , 

ललित गोधुली का बहार मिलेगा । 

पकड़ते मछुआरे , मछली सवेरे , 

डूबे - उफनते बाढ़ में बिहार मिलेगा।

 दर - दर भटकते , ठोकरें खाते , 

गरीब , युवा , बेरोजगार मिलेगा । 

अवसरों की आकांक्षा लिये , 

मुकाम पाने को पूरा बिहार मिलेगा। 

झुग्गी - झोपरियों में , शहर के गलियों में ।

 भूखे , नशेड़ी , बिमार मिलेगा ।

 चाह लिए जो आये मानवता की , 

जरुर उसे पूरा बिहार मिलेगा ।।

         --राजेंद्र कुमार मंडल

         रामविशनपुर , सुपौल, बिहार

©Rajendra Kumar Ratnesh बिहार

Rajendra Kumar Ratnesh

बिहार

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बौद्ध , महावीर , अशोक की धरा पर , 

नालंदा , विक्रमशिला , राजगीर सा उपहार मिलेगा । 

गंगा , कोशी , कमला , सोन तट पर , 

भ्रमण को पूरा बिहार मिलेगा ।। 

कुंवर , राजेन्द्र , दिनकर की मिट्टी में,

 एक सभ्य व्यवहार मिलेगा । 

मधुर भाषा , वैदिक गाथा ,

 गाते पूरा बिहार मिलेगा ।। 

खेतों में सोना , बागों में बिछौना ,

 अन्न , पुष्प फलों का बौछार मिलेगा । 

पर्व त्योहारों में पकवान , 

मिष्ठान खाने को पूरा बिहार मिलेगा। 

पक्षियों का कलरव , चरवाहे सर्व , 

ललित गोधुली का बहार मिलेगा । 

पकड़ते मछुआरे , मछली सवेरे , 

डूबे - उफनते बाढ़ में बिहार मिलेगा।

 दर - दर भटकते , ठोकरें खाते , 

गरीब , युवा , बेरोजगार मिलेगा । 

अवसरों की आकांक्षा लिये , 

मुकाम पाने को पूरा बिहार मिलेगा। 

झुग्गी - झोपरियों में , शहर के गलियों में ।

 भूखे , नशेड़ी , बिमार मिलेगा ।

 चाह लिए जो आये मानवता की , 

जरुर उसे पूरा बिहार मिलेगा ।।

         -राजेंद्र कुमार मंडल

         रामविशनपुर , सुपौल, बिहार

©Rajendra Kumar Ratnesh बिहार

PRITAM PYARE

 #बिहार

MADHUKANT THAKUR

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