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Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav
🙏हिन्द के फौलाद भारत माँ के औलाद🙏 ------------------------------------- जीत तो हुई थी हिन्द के विरों की हार कि वजह तो हालात थे.. कैसे भुल जाऊ हजारों चीनीयों पे भारी 120 अहिरों के जमात थे.. वो कैसे पिछे मुड़ जाते साहब अपने वतन के जो बात थे.. शहीद होकर भी अपने कर्ज न भुले बंदूक पर ही हाथ थे.. वो चीन के अंगड़-खंगड़ नहीं हिन्दुस्तान के फौलाद थे.. डर जाए ऐसा हो नहीं सकता वो भारत माँ के औलाद थे.. उस रात को कैसे भुल जाऊ विरों ने दुश्मनों को दिये मात थे.. रेजांगला कि धरती हिन्द के विरों के लहु से रंगने वाले रात थे.. ..ई. एस.पी.यादव (अररिया, बिहार) ...7488686695... रेजांगला अहिर रेजिमेंट
रेजांगला अहिर रेजिमेंट
read morePrem Shanker pandey
धर्म युद्ध, धर्म युद्ध, धर्म युद्ध.....
धर्म युद्ध, धर्म युद्ध, धर्म युद्ध.....
read moreमेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
इस दुनिया मे जब से इंसान का वज़ूद है तब से ही भाषा, धर्म और सभ्यता के नाम से युद्ध जारी है और ये आगे भी जारी रहेगी। ©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak) #युद्ध
CK JOHNY
कोरोना ने क्या खाक तबाही मचाई जो युद्ध में इनसान मचायेगा। कोरोना ने तो महज लाखों मारे इनसान करोड़ों को मार गिरायेगा। जो जितना महाविनाश करेगा वो उतना ही महान कहलायेगा। भले ही भविष्य में खुद ही खत्म हो जायेगा। कोरोना ने क्या खाक तबाही मचाई जो युद्ध में इनसान मचायेगा। युद्ध
युद्ध
read morealka mishra
युद्ध जमीन बारूदी हुई आसमां लाल हुआ सरहदें दहशती हुई इंसान हलाल हुआ शोहबत आतंकी हुई ईमान जवाल हुआ ख्वाहिशें जमींदोज हुई सियासतों का सवाल हुआ जिन्दगी गमगीन हुई निगाहों पर बवाल हुआ रूहें चीखती पुकारतीं रही हुक्मरां को न मलाल हुआ शतरंजी चालें चली गईं हथियारों का व्यापार हुआ जहान में जब-जब जंग छिड़ी हर शय इससे बदहाल हुआ। ©अलका मिश्रा ©alka mishra #युद्ध
Nisha Bhargava |di√y∆|
इक पल का गुस्सा है, दो पल का जुनून है एक दूजे की मात में, बस अपनों को खोना हैं ©Nisha Bhargava युद्ध
युद्ध
read moreRahul ( अवध )
महलो का छप्पन् भोग मिले, या उत्तम भाग्य का योग मिले। वनवास मिले तब काँटों पर चलना ही होगा, युद्ध समक्ष हो , तब मन से लड़ना ही होगा। अँधेरे मे रेंग रहे हो सहस्र नाग, चाहे फैले नरको की आग, बन परशुराम तपना ही होगा, विषधर नागों के फन को कुचलना ही होगा। #युद्ध
N Kumar
अपना शीष न्योछावर करने वालों के लिए। ताज मायने नहीं रखते हैं, इन भालों के लिए। फुर्सत मिले तो पूछना किसी दिए से जाकर, कितना जलना पड़ता है तुम्हें उजालो के लिए। रखना सम्हालकर कदम रास्ते पथरीले है, मरहम नही मिलती है यहां छालो के लिए। चुप रहना, चुप रहने में ही तेरी भलाई है, जवाब कम पड़ते हैं, मासूम सवालों के लिए। हर गली में शिकारियों ने डाल रखा है डेरा, वो परिंदे तलाश रहे है, अपने जालों के लिए। अगर सोचता है तो गलत सोचता है "कुमार" ज़माना सलाम नही ठोकेगा तेरी चालों के लिए। ©N Kumar #युद्ध