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Stories related to नव दुर्गा

swati sachan

डांडिया स्पेशल... नव दुर्गा 🙏🙏

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Ayush Kumar

नव दुर्गा

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maher singaniya

नव दुर्गा करे तुमको नमन... जय अम्बे मां 🙏 #Navratra2021

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Shakuntala Sharma

#navratri नव दुर्गा के रूप अनेक पर सभी रूपो में जननी महान ।

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Rekha Barnwal

लंभुआ सुलतानपुर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला सहसंयोजक रेखा वर्णवाल ने कन्याओं का दुर्गा पूजा आरती करके सभी बेटियों को फलाहार कराया तथा काफी पें

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 लंभुआ सुलतानपुर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिला सहसंयोजक रेखा वर्णवाल ने कन्याओं का दुर्गा पूजा आरती करके सभी बेटियों को फलाहार कराया तथा काफी पें

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दिन खुशियों के आ गये , आया नूतन वर्ष । भरी बखारी देख अब , सबके मन में हर्ष ।। बीते दिन दुख के सभी , करो बंद उपवास । आज फसल को देखकर , इतना

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दिन खुशियों के आ गये , आया नूतन वर्ष ।
भरी बखारी देख अब , सबके मन में हर्ष ।।

बीते दिन दुख के सभी , करो बंद उपवास ।
आज फसल को देखकर , इतना है उल्लास ।।

तुम अब आठों याम में, जपो राम का नाम ।
होगें नूतन वर्ष में , पूर्ण सभी के काम ।।

झूठा सच लिखकर यहाँ , होता नित व्यापार ।
सच्चाई दिखती नहीं , यही जगत का सार ।।

नव दुर्गा के रूप में , आयी सिंह सवार ।
माँ महिसासुर मर्दनी , सुन लो करुण पुकार ।।

                   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दिन खुशियों के आ गये , आया नूतन वर्ष ।
भरी बखारी देख अब , सबके मन में हर्ष ।।

बीते दिन दुख के सभी , करो बंद उपवास ।
आज फसल को देखकर , इतना

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

*राधेश्यामी छन्द* नव कन्या आँगन मे मेरे , रूप लिए नव दुर्गा आई । आज खुशी का नही ठिकाना , इतनी हमने खुशियाँ पाई ।। चरण पखारूँ भोग लगाऊँ ,

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*राधेश्यामी छन्द*
नव कन्या आँगन मे मेरे  , रूप लिए नव दुर्गा आई ।
आज खुशी का नही ठिकाना , इतनी हमने खुशियाँ पाई ।।

चरण पखारूँ भोग लगाऊँ , उनको कैसे आज मनाऊँ ।
आदि शक्ति जगदम्बा वह है , जिनका अब मैं दास कहाऊँ ।।

हाथ जोड़ करता हूँ वंदन , माँ तेरा है एक सहारा ।
शरण लगा लो मुझको माता , पार करूँ मैं जीवन धारा ।।

क्षमा करो सब अवगुण मेरे , तुम हो जग की एक विधाता ।
तेरे ही गुण गाता फिरता , दे दो दर्शन मेरी माता ।।

*विष्णुपद छन्द*
राम लला के दर्शन करके , सब सुख मिल जाता ।
कष्ट सभी फिर मिट जाते  , इच्छित वर पाता ।।
शरण उन्हीं की मैं हूँ आया , लेकर अभिलाषा ।
हो जाये अब दर्शन उनके ,  मन की यह भाषा ।।

३०/०३/२०२३    -      महेन्द्र सिंह प्रखरः

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR *राधेश्यामी छन्द*

नव कन्या आँगन मे मेरे  , रूप लिए नव दुर्गा आई ।
आज खुशी का नही ठिकाना , इतनी हमने खुशियाँ पाई ।।

चरण पखारूँ भोग लगाऊँ ,

Unconditiona L💓ve😉

माटी माटी मा गड़ना करके नव दुर्गा ला बनाए वो.... आनी बानी के रंग रोगन में अंग तोर सजाए वो.... माटी माटी मा गड़ना करके नव दुर्गा ला बनाए वो..

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आपको पता है मईया
आपकी गौरी मूरत
बहुत ही सजल और
मोहनी मुरतिया होती है..!
जो मुझे भी अतिप्रिय है मईया,
लेकिन जब रक्त रंजित होकर
नर मुंड धारण कर, अर्धनग्न होकर
तांडव करती है, दुष्टो का विनाश करती है
तो आपके यह रूप देख 
मैं अबोध बालक डर जाता हूँ,
और बिलख बिलख के रोने लगता हूँ
कि आप मेरी करुण ध्वनि सुन शांत हो जाओ
और मुझे दुलार कर अपनी ममता का पान कराव!!
,, हे माँ गौरी मुझे अपने में समाहित कर ले अब 😔🙏 माटी माटी मा गड़ना करके
नव दुर्गा ला बनाए वो....
आनी बानी के रंग रोगन में
अंग तोर सजाए वो....

माटी माटी मा गड़ना करके
नव दुर्गा ला बनाए वो..

Sahil Bhardwaj

Happy Navaratri Guys... ☺️☺️ Read in Caption.. Comment, share and tag if you like it... 🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸 .....................................

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माँ हो, माँ का अवतार तो तुम
इस जीवन के सृजन का आधार हो तुम,
बहन हो, बेटी हो, हर कुल की रक्षक
कभी लक्ष्मी, कभी सरस्वती,
तो कभी दुर्गा का अवतार हो तुम... Happy Navaratri Guys... ☺️☺️
Read in Caption..
Comment, share and tag if you like it...
🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸🔹🔸
.....................................

Vikas Sharma Shivaaya'

📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️ 🙏महिला दिवस पर सभी महिलाओं को हार्दिक शुभकामनायें एवं नमन 🌹 मेरे द्वारा स्वरचित एवं स्वमौलिक "औरत -स्त्री -नारी"कवि

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📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️

🙏महिला दिवस पर सभी महिलाओं को हार्दिक शुभकामनायें एवं नमन 🌹

मेरे द्वारा स्वरचित एवं स्वमौलिक "औरत -स्त्री -नारी"कविता जीवन की पाठशाला के रूप में ..  ,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की हे स्त्री शक्ति तुम्हें प्रणाम 
हे आदि शक्ति तुम्हें प्रणाम 
हे मात्र शक्ति तुम्हें प्रणाम 
हे जगत जननी तुम्हें प्रणाम 
हे सबसे अधिक बोझ सहने वाली "धरती माँ "तुम्हें प्रणाम 
हे सर्वाधिक पापियों को तारने वाली "माँ गंगा" तुम्हें प्रणाम 
हे नवरात्रों की "नव दुर्गाओं" तुम्हें प्रणाम 
हे बेटी -बहिन -प्रेमिका -पत्नी -माँ और सास रूपा एक होते हुए अनेकों रूपों वाली शक्ति तुम्हें प्रणाम -1

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कौन कहता है की औरत कमजोर होती है 
कौन कहता है की औरत पैर की जूती होती है 
कौन कहता है की ये कुछ नहीं करती ,केवल गृहिणी है -2
                      
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जो औरत बचपन से भाई बहिन का भेदभाव सहती है वो कमजोर कैसे हो सकती है 
जो औरत समय से आने जाने कपडे पहनने के प्रतिबन्ध सहती है वो कमजोर कैसे हो सकती है 
जो औरत मायके में भी पराई और ससुराल में भी पराई वो कमजोर कैसे हो सकती है 
जो औरत हारी बीमारी में भी पूरे घर को सम्हालती है वो कमजोर कैसे हो सकती है -3

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जो औरत अपने घर को छोड़ कर दुसरे घर को जाती है वो कमजोर कैसे हो सकती है 
जो औरत अपना तन मन सर्वस्व एक नए रिश्ते  को सौंप देती है वो कमजोर कैसे हो सकती है 
जो औरत सुबह सबसे पहले उठ कर रात्रि में सबसे आखिर में सोती है वो कमजोर कैसे हो सकती है 
जो औरत 9 माह तक एक शिशु को अपने गर्भ में रखती है वो कमजोर कैसे हो सकती है 
जो औरत प्रसव पीड़ा और ऑपरेशन की पीड़ा दर्द सहती है वो कमजोर कैसे हो सकती है -4

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कई राज्यों में आज भी एक औरत दो तीन भाइयों की पत्नी बन कर रहती है तो वो कमजोर कैसे हो सकती है 
जब सावित्री यमराज से सत्यवान के प्राण वापिस ला सकती है तो वो कमजोर कैसे हो सकती है 
एक औरत मदर मैरी -मदर टेरेसा -झाँसी की रानी -पन्ना धाय कल्पना चावला -सानिया मिर्जा हो सकती है तो वो कमजोर कैसे हो सकती है 
एक औरत एक कृर्तिम पैर के सहारे माउंट एवरेस्ट पर चढ़ कर सिन्हा हो सकती है तो वो कमजोर कैसे हो सकती है -5

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की एक बात समझ नहीं आई की एक औरत ही औरत की सबसे बड़ी दुश्मन कैसे होती है 
सास क्यों भूल जाती है की वो कभी बहु थी या आज किसी बेटी की माँ भी है 
एक औरत एक शादीशुदा मर्द के साथ संबध रख कर क्यों दूसरी औरत के साथ अन्याय करती है 
क्यों एक औरत षड़यंत्र रच कर परिवारों में दूरी पैदा करती है 
क्यों एक औरत लड़की होने पर दुखी होती है 
और ये कैसा विरोधाभास है की गाय -भैंस या बकरी के बीटा होने पर हम दुखी और बेटी होने पर सुखी 
वहीँ इंसान के बेटी होने पर दुखी  और बेटा होने पर सुखी -6

आखिर में एक ही बात समझ आई की क्यों हम इंसान इस बात को नहीं समझते की की अगर किसान से जमीन ही छीन ली जाए तो वो बीज कहाँ बोयेगा ,फसल कैसे तैयार होगी और बिना फसल बिना अन्न के इंसान -जीव जंतु सब मर जायेंगे 
ऐसे ही अगर स्त्री शक्ति नहीं होगी तो दुनिया कैसे चलेगी कैसे बढ़ेगी क्यूंकि ये हकीकत है की घर में स्त्री नहीं तो घर- घर नहीं मकान मात्र है ,घर उदास है 
इसीलिए तो कहा जाता है की :
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः ।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफलाः
अर्थात जहाँ  स्त्रीजाति का आदर-सम्मान होता है, उनकी आवश्यकताओं-अपेक्षाओं की पूर्ति होती है, उस स्थान, समाज, तथा परिवार पर देवतागण प्रसन्न रहते हैं । जहां ऐसा नहीं होता और उनके प्रति तिरस्कारमय व्यवहार किया जाता है, वहां देवकृपा नहीं रहती है और वहां संपन्न किये गये कार्य सफल नहीं होते हैं ।-7 

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
स्वरचित एवं स्वमौलिक 
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙🖋️

🙏महिला दिवस पर सभी महिलाओं को हार्दिक शुभकामनायें एवं नमन 🌹

मेरे द्वारा स्वरचित एवं स्वमौलिक "औरत -स्त्री -नारी"कवि
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