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nita kumari
एक औरत की ये ही कहानी है क़भी लबों पे मुस्कुराहट तो कभी आँखों में पानी है जरूरत जब भी पड़ी बनकर शोले टूट पड़ी दुश्मनों पर ये ही तो कभी काली, दुर्गा तो झांसी की रानी है ।। ©nita kumari #adishakti #adishakti
Schizology
Hospital flashback White walls Four of them White suits So many of them White pills Too many of them White outs Far too many of them ©Schizology Hospital flashback #hospital #poem
Poonam Chandel
उसका हृदय है एक मंदिर और मैं मूरत खंडित कैसे उसमे समाऊं मैं कैसे उसकी हो जाऊं मैं नही खंडित मूरत पूजी जाए हर जगह है ये वर्णित ©Poonam Chandel #adishakti
चाँदनी
बेशर्मीया की हदे तो सिर्फ औरतों तक लागू है, मर्द इसमे कहा शामिल होते है!! ©chandni #adishakti
Krishana Kant Sinha
नारी तब तक प्यारी लगे,जब तक वो बेचारी लगे। खोले जुवां अपने हक में,तेज धार वाली आरी लगे।।। के के सिन्हा🌷एक्स,आर्मी जय🇮🇳 हिन्द ©Krishana Kant Sinha #adishakti
चाँदनी
"अशुद्ध में नही, तू है!" जो मेरे खून के दाग है, तेरे आने वाले वंश का सबूत है, अशुद्ध मैं नही, तू है! जो आज मंदिर नही जाती मैं, वजह तू है, जो बचपन में 5 दिन मुझे कैद किया है, अशुद्ध मैं नही, तू है! किचन में घुसने से तूने मुझे रोका, फिर खाना न मिलने पर मुझे ही कोसा, अशुद्ध मैं नही, तू है! हाँ मैं लड़की हूँ, और मुझे माहवारी होती है, ये मेरे माँ बनने का कदम है, मुझे नीचा दिखाने वाले, अशुद्ध मैं नही, तू है! एक सवाल? उन दिनों क्यों अशुद्ध कहलाती है नारी, जिसके रक्त से ही बनी है ये सृष्टि सारी !! मेरे रक्त के निशान मेरी सम्पूर्णता की निशानी है❤ मेरे जज़्बे मेरी हिम्मत पर क्यों तुमको हैरानी हैं 👏Respect Women ©chandni #adishakti
HARIBHAI GOHIL
औरत वो इंसान होती है आपको खुश देखने के लिए !!! अपने अंदर के घाऊ को छूपाकर झूठ ही झूठ मुस्कुराती है ©HARIBHAI GOHIL #adishakti
MUNMUN KUMARI
ईश्वर की अद्भुत रचनाओं में से एक है "स्त्री" पुरुष को पुरुषत्व प्रदान करने वाली है "नारी" जगत को जानने वाली है "जननी" मां के रूप में पूजे जाने वाली है " देवी" 🙏Happy Women's Day 🙏 ©MUNMUN KUMARI #adishakti
nehabsoulte sonī
"नारी नहीं तो कुछ नहीं" मैं न होती तो तुम भी नहीं होते। फिर तुम किस बात का गुरूर करते।। ओ नारी!तू न होती तो ये इंसान कैसे होता? तू एक इंसान को परिपूर्ण रूप में जन्म देती, जिसे "माँ" कहा जाता वही इंसान अपनी गंदी जुबान से अपशब्द बोल उस "माँ" का कत्ल कर दिया जाता । ओ नारी!तूने हर धर्म और कर्तव्य का पालन करती। लेकिन ये मनुष्य अपने धर्म छोड़ अधर्म को चुनता फिर वह इंसान महाभारत का दुर्योधन हो या कलियुग का हैवान जो नारी को भरी सभा में अपमानित करना नहीं भूलता।। ओ नारी!तू सबल शक्ति का प्रतीक ये सिर्फ तू जानती है। क्योंकि वह पुरुष तो तुझे आज भी निर्बल समझता है।। सौ हड्डी टूटने जितने दर्द सहन कर तू उसे जन्म देती है। फिर भी वह तुझे एक अबला नारी ही समझ पैरों तले रौंदने का साहस करता है।। ओ नारी!तू भी उठा अपने शस्त्र और दिखा अपने प्रचंड स्वरूप को जिससे वह पुरुष ही नहीं पूरी दुनियाँ डरे इस रूप को देखकर,, सतयुग हो,महाभारत का युग हो या कलियुग हो अपमानित सिर्फ नारी को ही किया जाता है। फिर उसका चरित्र को लेकर या उसके आत्म सम्मान को लेकर। कब तक सहेगी? तू नारी इस अपमान को इस जगत में तुझे भी है अधिकार सम्मान का। न समझ स्वयं को निर्बल क्योंकि तू स्वयं है इस सृष्टि का बल।। मैं ना होती तो तुम भी नहीं होते, फिर किस बात का तुम गरूर करते। ©nehabsoulte sonī #adishakti