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F M POETRY
White जब छत पे तुम आ जाते हो ज़ुल्फ़ों को बिखेरे.. चाँद आता है दीदार ही करने को तुम्हारे.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #जब छत पे तुम....
#जब छत पे तुम....
read moreAnjali Srivastava
White जिन मां बाप ने अपने बच्चों को जिंदगी दी, इस दुनिया में लाया,, उनके लंबे उम्र की कामना की,, आज वही बच्चे उन्हीं मां बाप की बची हुई जिंदगी की गिनती कर रहे हैं।। ©Anjali Srivastava #पेरेंट्स अनमोल विचार बेस्ट सुविचार आज शुभ विचार
#पेरेंट्स अनमोल विचार बेस्ट सुविचार आज शुभ विचार
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White पता न पूछिये मुझ जैसे ग़म के मारे का.. नयी सड़क पे पुराना मक़ान है मेरा.. यूसुफ आर खान.... ©F M POETRY #नयी सड़क पे पुराना मक़ान...
#नयी सड़क पे पुराना मक़ान...
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White उड़ जायेंगे तस्वीर से रंगों की तरह हम.. हम वक़्त की टहनी पे परिंदों की तरह हैँ.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #हम वक़्त की टहनी पे..
#हम वक़्त की टहनी पे..
read moreSaurabh Raj Sauri
पाणी बणिथै ल्वे जिकुड़ी कू,सिरवणी थै भिजोंणी च तेरी निर्दयी माया गैल्या, अब मेरी आंख्यूँ थै रुवोंणी च चिट्ठी लेखि धरि रैगी,कितबी का पेट "राज" आख़रु थै लेखदी कलम,अब कुम्र जन पितौणी च ब्यखुनी सुबेर ख्याल त्यारा ,रात्यु कू सुपन्या त्यारा हीं देखदू हर बोल गीत कविता शायरी का ,त्यारा बारा मा हीं लेखदू लूँण मर्चा घुशणु रांदूँ ,याद कैरी त्वे सदनी मौल नी छि घौ कतै भी, स्या रुन्दी पीड़ा बतौणी च पाणी बनिथै ल्वे जिकुड़ी कू,सिरवणी थै भिजोंणी च यखुली बैठयूं रांदु अजकलु , अब कै दगड़ी रायेंदूँ नी भूख तीस भी मोरी गे, अब कुछ भी मि चयेंदूँ नी कुछ बि अब भूलेंदूँ नि, त्यारा बारा मा सौंजड्या तेरी निर्भगी खुद स्या गैल्या, मि हर घड़ी सतौणी च पाणी बनिथै ल्वे जिकुड़ी कू,सिरवणी थै भिजोंणी च ©Saurabh Raj Sauri कितबी का पेट 💛
कितबी का पेट 💛
read moreIndian Kanoon In Hindi
bina talak liye dusri shadi karna | दूसरी शादी मान्य यदि डाइवोर्स पेंडिंग | SupremeCourt
read moreJashvant
White क़रीब मौत खड़ी है ज़रा ठहर जाओ क़ज़ा से आँख लड़ी है ज़रा ठहर जाओ थकी थकी सी फ़ज़ाएँ बुझे बुझे तारे बड़ी उदास घड़ी है ज़रा ठहर जाओ नहीं उमीद कि हम आज की सहर देखें ये रात हम पे कड़ी है ज़रा ठहर जाओ अभी न जाओ कि तारों का दिल धड़कता है तमाम रात पड़ी है ज़रा ठहर जाओ फिर इस के बा'द कभी हम न तुम को रोकेंगे लबों पे साँस अड़ी है ज़रा ठहर जाओ दम-ए-फ़िराक़ मैं जी भर के तुम को देख तो लूँ ये फ़ैसले की घड़ी है ज़रा ठहर जाओ ©Jashvant लबों पे सांस अड़ी है
लबों पे सांस अड़ी है
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