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तरूण तरंग
Book quotes एक अच्छा प्रवक्ता बाद में होता है वो पहले एक अच्छा श्रोता और पाठक होता हो ©®तरूण श्रोता और पाठक बनो प्रवक्ता बनना है तो ❤️ #प्रवक्ता #पाठक #श्रोता
Parasram Arora
आखिर कौन है . जिम्मेदार मेरी नैतिक विकृतियों क़े नैपथ्य मे? क्यों है सम्वेदनशून्यताये मेरे जीवन मे? क्यों है आकुलताये इतनी और ये हताशा मे रंगी हुई व्यकुलताये क्यों है मेरी लंगड़ी वासनाओ क़े लिए इतनी सारी वैसाखिया? क्या ये विचार सत्य की दिशा मे किसी ठोस अनुसंधान को जन्म दे सकती है,? अथवा मै कही झूठ क़े आध्यात्मिक पहलू. पर कोई विश्लेषण करने. का विचार तो नहीं कर रहा हूँ? #विश्लेषण....
#विश्लेषण....
read moreDileep Bhope
जन्म ते मृत्यु इतकं सोपं का विश्लेषण!? एवढासा असतो पदर त्याला हजार धाग्यांचं गुंफण... ©Dileep Bhope #विश्लेषण
Pawan Yadav
यदि आप social media user है तो हर विशेष खबर की पुष्टि स्वयं के विवेक से करना, आपका व्यक्तिगत दायित्व बनता है अन्यथा आप में और एक अशिक्षित व्यक्ति में कोई विशेष फर्क नहीं रह जाता है। #NojotoQuote #विश्लेषण
Pawan Yadav
प्रेम के इजहार का या प्रेम करने का, क्या कोई एक निश्चित दिन हो सकता है? "प्रेम प्रदर्शन का विषय नहीं बल्कि दर्शन का विषय है।" #NojotoQuote #विश्लेषण
Anjali Raj
भरे हुए हैं खुद से ही बस, एक अदद श्रोता चाहें सब। भरता जाए, छलके ना पर, ऐसा इक लोटा चाहें सब। सुनता जाए, धुनता जाए सिर को अपने बेशक जितना, कान रहें जागें उसके, पर जिव्हा को सोता चाहें सब। "ये भी सुन और वो भी सुन, पर माथे पर ना डाल शिकन" पका पका कर के ही पक्की यारी का ओहदा चाहें सब। आधी उसके अंदर जाएं, आधी फ़िसलें दाएं बाएं, लाद यूं बोझा, करें सवारी, इक शरीफ़ खोता (गधा)चाहें सब। जब तक सांस चले श्रोता की तब तक इनकी ज़ुबां चले। साथ में हामी भरती उसकी गरदन का योगा चाहें सब। इनकी पीड़ा, इनके झगड़े, इनके रिश्ते, इनके पचड़े, सुनकर जो बहे कलकल हमदर्दी का इक सोता चाहें सब #अंजलिउवाच #YQdidi #श्रोता #वक्ता #व्यंग्य
#अंजलिउवाच #yqdidi #श्रोता #वक्ता #व्यंग्य
read moreParasram Arora
असल मे मरघट और महल का फासला उनके लीए ही है जिनके मन मे महल की आकांशा है मरघट और महल मे कोई फासला नही है फासला हमारी आकांक्षाओं मे है हम महल चाहते हैँ... मरघट हम नही चाहते इसीलिए फासला है. जहा महल खड़े हैँ वहा मरघट बहुत बार बन चुके जहाँ.मरघट बने हैँ वहा बहुतपहले महल बन कर गिर चुके हैँ और सब महल अंततः मरघट बन जाते है और सब मरघटोपर महल खडे हौ जाते हैँ फर्क क्या है? फासला क्या है? ©Parasram Arora फर्क क्या है? फासला क्या है?
फर्क क्या है? फासला क्या है?
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