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Parul (kiran)Yadav
बिखरकर रंग धरती पर कुछ यूं आकार लेता है , वजूद सबका अपना अपना है, हमे ये संदेश देता है । अपने आँचल में समेट कर धरती इन रंगों को खूब मुस्कुरा
read moreMohan Sardarshahari
White वजूद कितना भी हसीन हो किरदार बाजी ले जाता है बरसता मेघ करता मदहोश इन्द्र धनुष से पस्त हो जाता है।। ©Mohan Sardarshahari # वजूद
# वजूद
read moreParasram Arora
White तुमने गरीबी बेच कर किसी तरह अमीरी तों हासिल कर ली लेकिन अब जो तुम्हारे पास थोड़ा सा बचा हुआ वजूद है उसे बिकने मत देना. ©Parasram Arora वजूद
वजूद
read moreQaseem Haider Qaseem
White मेरे वजूद का जब अक्स देखता हूँ मैं तमाम भीड़ में एक शख्स देखता हूँ मैं #qhqofficial ©Qaseem Haider Qaseem #sad_quotes मेरे वजूद का जब अक्स देखता हूँ मैं तमाम भीड़ में एक शख्स देखता हूँ मैं #qhqofficial #shayri
#sad_quotes मेरे वजूद का जब अक्स देखता हूँ मैं तमाम भीड़ में एक शख्स देखता हूँ मैं #Qhqofficial #shayri
read moreUSM Initiative
White तेरी यादों को जलाया जाए तो कैसा हो मेरा "वजूद" मिटाया जाए तो कैसा हो ©Gazal #Sad_shayri शायरी लव शायरी दर्द तेरा वजूद शायरी हिंदी गम भरी शायरी लव शायरी
#Sad_shayri शायरी लव शायरी दर्द तेरा वजूद शायरी हिंदी गम भरी शायरी लव शायरी
read moreManmarzi Shayar
White मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती.... अपना वजूद भूलना पड़ता है किसी को अपना बनाने के लिए..... ©Manmarzi Shayar #Love मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती.... अपना वजूद भूलना पड़ता है किसी को अपना बनाने के लिए.....
Love मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती.... अपना वजूद भूलना पड़ता है किसी को अपना बनाने के लिए.....
read moreRudradeep
White निगाहें मिलाते पर निगाहों को कुबूल नहीं है कोई निगाहों पर ऐतबार करे ऐसा वजूद नहीं है बस निगाहों की खेल मात्र है ये दुनिया सबको अपना बना सकूं मैं यहां ऐसा रसूख नहीं है ©Rudradeep #निगाहें #वजूद
Niaz (Harf)
गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं मगर, टूटे आईनों में सूझते हैं। रोटी के टुकड़ों में बंटा है सारा वजूद, हर ख्वाहिश पर लगता है जैसे कोई सूद। आंखों में आंसू, दिल में हसरतें दबती हैं, हर सुबह उम्मीदें फिर से मरती हैं। नहीं हैं किताबें, ना खेलों की बात, बस मेहनत में बीतता है बचपन का हर रात। वो टूटी हुई झोपड़ी, वो सूना सा चूल्हा, दौलत के आगे सब कुछ यहाँ बेमानी सा लगता है। कभी उम्मीदें होती हैं, कभी दिल तंग होता है, गरीबी में हर इंसान का सपना अधूरा सा रहता है। इस अंधेरी रात में बस एक ख्वाब है रोशनी का, शायद कभी खत्म हो ये दर्द गरीबी का। ©Niaz (Harf) गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं म
गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं म
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