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प्रतीक सिंघल 'प्रेमी'
उसने अलविदा कह ही दिया है जब मुझको ये हाथ में पहनी घड़ी मेरे अब किस काम की ©प्रतीक सिंघल 'प्रेमी' #अलविदा #घड़ी #प्रतीक_सिंघल_प्रेमी #प्रेमी #प्रेमी_की_प्रेममाला #sad_quotes #Shaayari हिंदी शायरी 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी में शायरी
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read morePrakhar Tiwari
White **एक मर्द का अभिमान** जितना ऊँचा हो उसका सिर, अभिमान में वो गुमसुम, कभी खुद को समझे शेर, पर भीतर से है वो खामोश। चमकती कार, महंगी घड़ी, सपनों की ऊँचाई पर, सोचता है वो सबसे बड़ा, पर खुद की परछाई से डरता। सच की एक बूँद टपकी, जब सामने आया आईना, अभिमान के सारे पहाड़, धड़कन में बिखरे ख्वाब। तोड़ दो उसकी कड़ी, सच्चाई से कर दो सामना, एक झलक में ही वो समझेगा, बिना भाव के भी है जीना। इस दुनिया की चकाचौंध में, उसकी शक्ति नहीं, मानवता है, अभिमान की ऊँचाई को छूकर, वो फिर से इंसानियत पाएगा। ©Prakhar Tiwari #sad_quotes **एक मर्द का अभिमान** जितना ऊँचा हो उसका सिर, अभिमान में वो गुमसुम, कभी खुद को समझे शेर, पर भीतर से है वो खामोश। चमकती क
#sad_quotes **एक मर्द का अभिमान** जितना ऊँचा हो उसका सिर, अभिमान में वो गुमसुम, कभी खुद को समझे शेर, पर भीतर से है वो खामोश। चमकती क
read moreBrijesh Gupta
नजर घड़ी पर रखना 🙂↕️ #Shayar #Shayari #SAD #SAD😔 Love #twoliner #nojohindi #Brijesh #treanding #Brijeshgupta Anjali Jain pinky masrani
read morekatha Darshan
घड़ी की फितरत भी अजीब है हमेशा टिक-टिक कहती है मगर, ना खुद टिकती है और ना दूसरों को टिकने देती है ©katha Darshan #BadhtiZindagi घड़ी की #thought #Nojoto life quotes in hindi
#BadhtiZindagi घड़ी की #thought life quotes in hindi
read moreperson
इस संसार में एक इंसान भिखारी हैं क्योंकि हर चीज हम लोग भगवान से मानते हैं खुशी और प्रशंसा और धन संपदा सब चीज हम लोग भगवान से ही मांगते हैं हमारा इच्छा का पात्र कभी नहीं भरता हैं और हम हमेशा भगवान से विनती करते रहते हैं प्रार्थना करते रहते हैं एक भिखारी के माफीक उनसे ही सब चीज मांगते हैं सबसे बड़े भिखारी मनुष्य हैं सब कुछ होने के बाद भी कुछ नहीं होता हैं हमने अपने कर्म से पुण्य को अर्जित करना चाहिए ताकि हमारे शरीर के अंतिम घड़ी के बाद हमारी आत्मा को पुण्य और प्रभु के चरणों में दर्शन की प्राप्ति हो ©person इस संसार में एक इंसान भिखारी हैं क्योंकि हर चीज हम लोग भगवान से मानते हैं खुशी और प्रशंसा और धन संपदा सब चीज हम लोग भगवान से ही मांगते है
इस संसार में एक इंसान भिखारी हैं क्योंकि हर चीज हम लोग भगवान से मानते हैं खुशी और प्रशंसा और धन संपदा सब चीज हम लोग भगवान से ही मांगते है
read more"सीमा"अमन सिंह
White क्या इतना मुश्किल होता है किसी को भूलना ?? क्या इतना आसान होता है बिना मिले लोगों के दिलों में अपने लिए अपार स्नेह और प्रेम उत्पन्न करना ?? क्या इतना आसान होता है अचानक एक दिन गायब हो जाना ?? क्या इतना मुश्किल होता है अपने आंसुओं को रोक पाना ?? क्या इतना आसान होता है किसी को ना मिलने पर मजबूर कर देना ?? आखिर क्यों होता है बिछड़ना आसान और मिलना मुश्किल ?? आखिर क्यों ??? ©"सीमा"अमन सिंह #Kundan सबके दिलों पर राज रहेगा आपका कुंदन भाई 😭😢 भगवान आपकी आत्मा को शांति दे और आपके परिवार इस मुश्किल घड़ी में अपार दुःख सहने की क्षमता
#Kundan सबके दिलों पर राज रहेगा आपका कुंदन भाई 😭😢 भगवान आपकी आत्मा को शांति दे और आपके परिवार इस मुश्किल घड़ी में अपार दुःख सहने की क्षमता
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था। तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।" जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे। फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?" लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ ChatGPT can make ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे
कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे
read moreAmit Seth