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Stories related to हनी सिंह

Dinesh Silavat

यो यो हनी सिंह

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Amit Seth

बादशाह के माफी मांगने पर हनी सिंह ने कहा ये nojoto #viral #Trending #Facts

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Dileep Kumar

School ki yaadवो लड़किया भी किसी आतंकवादी से कम नही हुआ करती थी...जो टिचर के क्लास मे आते ही याद दिला देती है ..सर आपने टेस्ट का बोला था...आ

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😂School Ki Yadey....😁 School ki yaadवो लड़किया भी किसी आतंकवादी से कम नही हुआ करती थी...जो टिचर के क्लास मे आते ही याद दिला देती है ..सर आपने टेस्ट का बोला था...आ

प्रिन्शु लोकेश तिवारी

#आधुनिकता_मे_खोता_बचपन *आधुनिकता मे खोता बचपन* हम भूल गए उस बचपन को जब कागज की नाव बनाते थे। बारिश के मौसम में हम सब अपनी नाव बहाते थे ।१।

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*आधुनिकता मे खोता बचपन*
हम भूल गए उस बचपन को
जब कागज की नाव बनाते थे।
बारिश के मौसम में हम सब 
अपनी नाव बहाते थे ।१।
अब लिए मोबाइल गलियों में 
पागल की भांति फिरते हैं ।
आधुनिकता के गड्ढे में अब 
ठोकर खा के गिरते हैं ।२।
हम भूल गए उस बचपन को
जब मिल के रोटी खाते थे।
स्कूलों में मैडम जी को
अच्छे अच्छे गीत सुनाते थे।३।
नए जमाने में हम सब
अब मैगी इटली खाते है।
लिए मोबाइल जेबों मे 
बस हनी सिंह ही गाते हैं।४।
बचपन में हम लोगों की 
होती छोटी कश्ती थी।
देख हमारे इन कर्मों को 
मेरी मम्मी हँसती थी।५।
नये जमाने के चक्कर मे
डूब गई वो मेरी कश्ती।
व्हॉट्सएप के चुटकुलों में
अब तो पूरी दुनिया हंसती।६।
बचपन में वो मेरी मम्मी
हमको प्रिन्शु लल्ला कहती थी।
प्यार भरी थोड़ी बातों में
फिर दोनों की आँखें बहती थी।७।
नए जमाने के कारण अब
लोकेश बना अब फिरता हूँ।
उसी प्यार की बोली में अब
फट से जबाब दे देता हूँ।८।
बचपन की एक बात निराली
मित्र होते सब पक्के।
लड़के हो या लड़कि हो
होते थे दिल के सच्चे।९।
आज-काल के परिवेशों में
मित्र कहाँ वो मित्र रहे।
न ही उनमें प्रेम भाव है
हम तो जढ़ के जड़ ही रहे।१०।
इसीलिए कहता हूँ प्यारे 
बचपन जैसा भाव रखो।
आधुनिकता को गोली मारो
प्रेम सभी से सामान रखो।११। #आधुनिकता_मे_खोता_बचपन
*आधुनिकता मे खोता बचपन*
हम भूल गए उस बचपन को
जब कागज की नाव बनाते थे।
बारिश के मौसम में हम सब 
अपनी नाव बहाते थे ।१।

Somya Tiwari (Poetic_Girl_Somu)

#citylife कुछ गाड़ियों में चलते है कुछ टुकड़ो पर पलते है, कुछ ऐ सी में रहते है कुछ सड़को पर सड़ते है, इन्शानियत को भूलकर लोग धर्मो के लिए लड़ते

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please read My Full Poem in 
(Caption )✍️✍️✍️ #citylife
कुछ गाड़ियों में चलते है कुछ टुकड़ो पर पलते है,

कुछ ऐ सी में रहते है कुछ सड़को पर सड़ते है,

इन्शानियत को भूलकर लोग धर्मो के लिए लड़ते

#काव्यार्पण

#proposeday #Kavyarpan nojoto #sitapur #HappyRoseDay तू बेलगाम सा घोड़ा है मै अनुशासन प्रिय नारी हूं तू बेशक गंदा पानी है मैं भागीरथी

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Vandana

एक नवयुवती छज्जे पर बैठी है, केश खुले हुए हैं और चेहरे को देखकर लगता है कि वह उदास है। उसकी मुख मुद्रा देखकर लग रहा है कि जैसे वह छत से कूदक

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एक अनोखी चीज हाथ लगी है।
देखो तो बहुत खास लगी है ।
पढ़ोगे तो चकरा जाओगे, 
 कैसे कैसे बातें भूल जाओगे, 
 "आदमी की सोच उसे 
कहां ले जाती है। 
विचारों को वह कैसे सजाती है। एक नवयुवती छज्जे पर बैठी है, केश खुले हुए हैं और चेहरे को देखकर लगता है कि वह उदास है। उसकी मुख मुद्रा देखकर लग रहा है कि जैसे वह छत से कूदक

Agrawal Vinay Vinayak

हम 90 के दशक में पैदा हुवे ठलुए हैं ज़नाब…हमने #दुनिया को बदलते हुवे देखकर #दुनियादारी सीखा है.. और सिर्फ़ सीखा ही नहीं बल्कि जिया है उसको।

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हम 90 के दशक में पैदा हुए ठलुए है जनाब


[ Read Caption ] हम 90 के दशक में पैदा हुवे ठलुए हैं ज़नाब…हमने #दुनिया को बदलते हुवे देखकर #दुनियादारी सीखा है.. और सिर्फ़
सीखा ही नहीं बल्कि जिया है उसको।

ᎻᎪᎡՏᎻ🖋

टी-सीरीज़ की स्थापना 11 जुलाई 1983 को, [13] गुलशन कुमार द्वारा, [14] उस समय दिल्ली के दरियागंज मोहल्ले में एक अस्पष्ट फलों के रस विक्रेता ने

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 टी-सीरीज़ की स्थापना 11 जुलाई 1983 को, [13] गुलशन कुमार द्वारा, [14] उस समय दिल्ली के दरियागंज मोहल्ले में एक अस्पष्ट फलों के रस विक्रेता ने

hasmukh.namdev

हनी

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नमामि देवी माँ नर्मदे हनी
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