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Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी ज्वलंत समस्या के बादल,जब घिर जाते है सरकारों के सरोकार जनता से हट जाते है संसाधनों पर कुंडली मार नॉकरशाही बैठ जाती है हालातो के कारण जनता त्राहि त्राहि करती है ध्यान समस्याओं से भटकाने के लिये दंगा बलबा साम्प्रदायिक जहर उगलती है खूब विश्व संगठन शांती शांती करता हो यूक्रेन के विनाश में दम अमेरिका भरता हो डॉलर की चमक बढ़ाने खाड़ी देशों को निशाने पर लेता हो आधुनिक हथियारों की खेप खपाने युद्धों का संचालन खुद करता हो मानवता वादी चेहरा,शातिराना हरकते करता हो विश्वशांति का तमगा लेकर,कितने राष्ट्रों को निगलता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status विश्वशांति का तमगा लेकर,कितने देशों को निगलता हो #nojotohindipoetry
#Sad_Status विश्वशांति का तमगा लेकर,कितने देशों को निगलता हो #nojotohindipoetry
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी हदे सब पार कर अंधाधुंध जहर बाँट रहे है विकासवाद का ढोल पीटकर दिन जीवन के घटा रहे है बदल रहे है मौसम के तेवर प्रदूषण से अंग अंग गले जा रहे है छटपटाते अब दिन गुजर रहे है रोगो के कितने वेरेंटियर रोज आ रहे है सरकारों ने हाथ खड़े कर दिये बस जुर्माने और चालान काटकर वाह वाही विज्ञापनों से लूटे जा रहे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sunset_time रोगो के कितने वेरेंटियर आ रहे है #nojotohindi
#sunset_time रोगो के कितने वेरेंटियर आ रहे है #nojotohindi
read moreM R Mehata(रानिसीगं )
White जय माता दी 🏵🏵🏵 आपको अपना सब कुछ मान कर सुख दुःख में सदा साथ रखने वाले इंसान कि.... आँखों में आपकी बेरुखी से आंसू आ जाये तो समझना कितने बदनशीब है आपकी जिंदगी.... 💔😪 ©M R Mehata(रानिसीगं ) #Sad_Status कितने बदनशीब है.... 💔😪
#Sad_Status कितने बदनशीब है.... 💔😪
read moreComrade PREM
White कितने खुली आंखों से सपने देखने वाले यू ही कहीं खो जाते है किन्हीं को पैसा की तंगी तो किन्हीं को सही दिशा निदेंश नही मिल पाने के कारण लंबे वर्षो तक संघर्ष करना पड़ता है । अंत में सपने यू ही दफन करने पड़ जाते है इन्हीं आंखों के सामने जो चला था आसमान के साथ उड़ने ©prem yadav #Sad_Status कितने सपने यू दफन हो जाते है।
#Sad_Status कितने सपने यू दफन हो जाते है।
read moreअखिलेश त्रिपाठी 'केतन'
सावन डमरू घनाक्षरी (अमात्रिक छन्द) सरसत उपवन , हरषत जन जन , बरसत जब घन , गरज गरज कर । लख कर जलधर , हरषत हलधर , हरषत जलचर , नभचर थलचर । परत चरन जब , बहनन तब तब , बरसत नवरस , मनहर घर घर। सकल जगत जय , जय जय उचरत ,जपत कहत सब , बम बम हर हर। ©अखिलेश त्रिपाठी 'केतन' #रक्षाबंधन #सावन #शिवजी
arvind bhanwra ambala. India
कंहा गया वो सावन। पेड़ की टहनी पर डाल कर झूला अकेले ही झूला, झूला हमने न डर, न खोफ़ था, बेफिक्री थी। आज डर है, मेरी पैदाईश, मेरे पालन का, क्या झूलूं, कंहा झूलू अब, कौन से सावन मे, अब, हर नज़र ललचाई, हर मन, हवस समाई, मुझे सिर्फ 'सामान' जानता है हवस मिटाने का मकान मानता है ©arvind bhanwra ambala. India कंहा गया वो सावन
कंहा गया वो सावन
read moreBindu Sharma
White गुज़रो किसी भी गली से, गुज़रो किसी भी गली से बस हरियाली और जल ही नज़र आता है .... हर हर महादेव की है गूंज हर जगह यह सावन का महीना है मेरे भोलेनाथ जी को बहुत भाता है ©Bindu Sharma #सावन #सावन_का_महीना #भोलेनाथ