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Malwinder kaur Mmmmalwinder
चाय की प्याली के रंग है महोबत के बिना महोबत के जिंदगी नहीं चलती बिना चाय के सुबह नहीं होती चाय की प्याली से सुबह में फूल खिल उठते है जो शब्द मीठे से बोल दे दिल उसी का होत जात है चाप की प्याली में मन मे तरंग उठती है जो थका हो उसकी थकान झट से खत्म करती है महोबत भी वैसी है अगर थक हार से काम से लोटे जब सामने से मीठी सी मुस्कान से हो तो थकान भी छुमंतर हो जाती है इसलिए चाप और महोबत साथ में चले तो जिंदगी जीने का अंदाज ही अलग है ©® Malwinder kaur (Mmmmalwinder) ©Malwinder kaur Mmmmalwinder # चाय #Mmmmalwinder💞
# चाय Mmmmalwinder💞
read moreगोरक्ष अशोक उंबरकर
White माणूस मेल्यावर शरीराचं दर्शन घेऊन अंघोळ करतो.. निष्पाप जीवाला खाताना अंगा मांसांचं रक्त पितो.. प्रत्येक दगड मंदिरात जाऊन देव बनून जातो.. माणूस मंदिरात जाऊन सुध्धा दगड बनून राहतो.. ज्या मासिक पाळीमुळे जन्म माणसाचा होतो.. तिलाच आयुष्यभर समाज विटाळ म्हणत राहतो.. माझं माझं म्हणत सगळं भ्रमात जगत राहतो.. सगळं काही इथेच सोडून एकटाच सोडून जातो.. ©गोरक्ष अशोक उंबरकर वाह रे माणसा..
वाह रे माणसा..
read moreRoopsingh Doi
White छोर से देखा तो चमक रहा था गौर से देखा तो महक रहा था नजरिया बदल दिया देखने मैंने इसलिए हर कोई मुझ पर तनक रहा था हरे कृष्ण हरे हरे ©Roopsingh Doi इसलिए हर कोई मुझ पर तनक रहा था
इसलिए हर कोई मुझ पर तनक रहा था
read moreDharamveer Kumar
बस एक कप चाय मिल जाए सुबह उठते तेरे होठों के साथ एक एक घूंट पीता रहूं सारी उम्र ©Dharamveer Kumar #teatime चाय शायरी
#teatime चाय शायरी
read moreAsad_Poetry_25
ख़ुद ही प्यासे हैं समन्दर तो फ़क़त नाम के हैं, भूल जाओ कि बड़े लोग किसी काम के हैं, दस्तकें ख़ास उसी वक़्त में देता है कोई, चार छह पल जो मेरे उम्र में आराम के हैं, शायरी, चाय, तेरी याद और तन्हाई बस यही चार तलब रोज़ मेरे शाम के हैं..! ©Asad_Poetry_25 #चाय #tea
प्रदीप राज खींची
मोहब्बत के शहर में एक ज़ाम मोहब्बत का, चाय वाली चुस्की बेनकाब हो गई खामखां।..prk ©प्रदीप राज खींची चाय#
चाय#
read moreमनोज कुमार झा "मनु"
ये बूंदें गिरती हुई, कह रही हैं बार बार। जब भी गिरें हम, तो तुम भीगो बार बार ।। निकलो घर से कोई तुम्हारी प्रतीक्षा में है, आओ! मिलो, बैठो चाय पीयो बार बार।। वृक्षों के कोमल पत्तों पर मोती जैसी बूंदें हैं, निहारो छू कर देखो मन मोहेंगी बार बार।। वर्षा ऋतु के समय जलमग्न हुईं गलियां, एकाध घंटा बाद,जाने की कहना बार बार।। "मनु" हम तो भीगते ही हैं भीगते ही रहेंगे, तुम आओ तो फिर और भीगेंगे बार बार।। ©मनोज कुमार झा "मनु" #चाय #rain #chaylover #Tea