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Mahesh Chekhaliya
यारा तेरी कहानी में हो ज़िक्र मेरा कहीं तेरी खामोशी में हो फिकर मेरा. ©Mahesh Chekhaliya #tereliye यारा तेरी कहानी में हो ज़िक्र मेरा कहीं तेरी खामोशी में हो फिकर मेरा
#tereliye यारा तेरी कहानी में हो ज़िक्र मेरा कहीं तेरी खामोशी में हो फिकर मेरा
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White विषय -" हिंदी " " अ से अनार, आ से आम हिंदी है भारत का अभिमान ।। इ से इमली ,ई से ईख हिंदी देती सबको सीख ।। उ से उल्लू , ऊ से ऊंट हिंदी से है सब अभीभूत ।। ऋ से ऋषि ,ए से एकता हिंदी से है भारत की प्रभुता ।। ऐ से ऐनक ,ओ से ओखली हिंदी है प्यार से भरी पोटली ।। औ से औषधि,अं, अ: हिंदी को उत्तम सब ने कहा ।। धन्यवाद ©बेजुबान शायर shivkumar #hindi_diwas #Hindidiwas #Hindi #14september कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता Sethi Ji Kshitija puja udesh
#hindi_diwas #Hindidiwas #Hindi #14september कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता Sethi Ji Kshitija puja udesh
read moreBhupendra Rawat
White हम सब है,हिंदी भाषी हिंदी हमारी पहचान है जन - जन की है, जननी हिंदी हिंदी हमारी शान है अ, आ, इ, ई पढ़कर हमने अक्षरों से शब्दों के जोड़े बनाए हिंदी भाषा सीखी हमने तो हिंदुस्तानी कहलाए तू भी हिंदी, मैं भी हिंदी हिंदी हमारी जान है बिन भाषा हम सब अनजान है गर्व से कहो, हिंदी हमारी आन बान शान है ©Bhupendra Rawat #hindi_diwas हम सब है,हिंदी भाषी हिंदी हमारी पहचान है जन - जन की है, जननी हिंदी हिंदी हमारी शान है अ, आ, इ, ई पढ़कर हमने अक्षरों से शब्दों
#hindi_diwas हम सब है,हिंदी भाषी हिंदी हमारी पहचान है जन - जन की है, जननी हिंदी हिंदी हमारी शान है अ, आ, इ, ई पढ़कर हमने अक्षरों से शब्दों
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White विधा कुण्डलिया :- तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष । जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।। उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा । आज नहीं है हाथ , हमारे अब वह रेखा ।। बन बैठे थे गैर , संग ले दूजे फेरे । आये हैं सब याद , दिलाने दिल को तेरे ।। करता किसका मैं यहाँ , सुनो प्रेम स्वीकार। सब ही तो दिखला रहे , झूठा हमसे प्यार ।। झूठा हमसे प्यार , करे यह सारे अपने । और कहें नित आप , हमारे आये सपने ।। दे दो कुछ उपहार , जान मैं तुमपे मरता । क्या बतलाऊँ आज , प्यार मैं कितना करता ।। यारा कटती है नहीं , तुम बिन मेरी रात । अब करो मुलाकात तो , बन जाए फिर बात ।। बन जाए फिर बात , रात रानी सी महके । दिल के वह जज्बात , चाँदनी पाकर लहके ।। यह मृगनयनी रूप , बने हर रात सहारा । एक झलक जो आज , दिखा दे मुझको यारा ।। ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विधा कुण्डलिया :- तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष । जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।। उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।
विधा कुण्डलिया :- तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष । जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।। उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।
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