Nojoto: Largest Storytelling Platform

New सावन आध्यात्मिक सत्संग सोसाइटी delhi Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about सावन आध्यात्मिक सत्संग सोसाइटी delhi from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सावन आध्यात्मिक सत्संग सोसाइटी delhi.

Stories related to सावन आध्यात्मिक सत्संग सोसाइटी delhi

Raj Kumar

परम संत बाबा जयगुरुदेव जी महाराज का आध्यात्मिक सत्संग 2000

read more

Aerials 255

पूछते है मुझसे के हाल कैसा है,
उनसे क्या कहूँ के साल कैसा है।
 #सोसाइटी

Satguru ki kripya

सत्संग विचार सत्संग विचार

read more

Beauty Kumari

Hasanand Chhatwani

सत्संग ##

read more
 #सत्संग ##

CK JOHNY

सत्संग

read more
जो सत्संग में शामिल हो गया
वो खुदा के काबिल हो गया। सत्संग

HP

सत्संग

read more
आत्म-निर्माण के कार्य में सत्संग निःसन्देह सहायक होता है किन्तु आज की परिस्थितियों में इस क्षेत्र में जो विडंबना फैली है, उससे लाभ के स्थान पर हानि अधिक है। सड़े-गले, औंधे-सीधे, रूढ़िवादी, भाग्यवादी, पलायनवादी विचार इन सत्संगों में मिलते हैं। फालतू लोग अपना समुदाय बढ़ाने के लिए सस्ते नुस्खे बताते रहते हैं या किसी देवी देवता के कौतूहल भरे चरित्र सुनाकर उनके सुनने मात्र से स्वर्ग, मुक्ति आदि मिलने की आशा बँधाते रहते हैं। ऐसा विडम्बनापूर्ण सत्संग किसी का क्या हित साधेगा? सत्संग

Shikha Pari

सोच समझकर प्यार
ये प्यार नहीं ये धोखा है ,कहदो कि तुम मेरे नहीं हो ,कह दो की हम साथ नहीं रह सकते
ये प्यार नहीं झूठ है,कहते हैं प्यार कहीं भी कभी भी किसी से भी हो सकता है ,प्यार की कोई परिभाषा नहीं होती वो तो बस हो जाता है ,किसी से भी कहीं भी, कभी भी ,ज़िन्दगी में किसी भी मोड़ पर कुछ प्रेम कहानियों का अंत शादी तक पहुंच जाता है कुछ नहीं, कोई चुपके से दिल में किसी को किसी कोने में दफन करके नई ज़िंदगी गुज़ारता है ,कोई वहीं ठहरा खड़ा रहता है ,ज़िंदगी रुकती नहीं चलती रहती है, इश्क़, मुहब्बत तो बहादुरों को होता है बुज़दिली में मुहब्बत कहाँ हो पाती है ,समाज की बनाई तमाम हसीन चीजों को ठुकरा कर सिर्फ अपने प्यार को प्यार  करना अपनी दुनिया बसाना हर कोई कहाँ कर पाया है।
फिर लोग कहते हैं हमारा समाज बदल रहा है ,धर्म ,जाती अब मायने कहाँ रखते हैं झूठ बोलते हैं लोग ये ही सबसे बड़े हैं इंसान का क्या है वो तो एडजस्ट करता आया है कर ही लेगा ,कर ही रहा है #Light #लव #Love_a_mental_disease #सोसाइटी

पूर्वार्थ

धर्म सत्संग प्रवचन या फिर ईश्वर पर अंधविश्वास जो श्रद्धा से कही अधिक हो... मैं श्रद्धा और अंधविश्वास को ईश्वर के लिए दो  अलग अलग भाव से देखती हूं.... अगर आप ईश्वर के भरोसे बैठे रहे की वो जो करेंगे अच्छा करेंगे या वो एकदिन जरूर समय बदलेंगे तो मैं इसे अंधविश्वास मानती हूं... लेकिन अगर आप अपने कर्मो और अच्छे विचारों के साथ पूरी ईमानदारी से तत्परता के साथ ईश्वर को भी मानते है तो मैं इसे श्रद्धा कहूंगी, 
    गौतम बुद्ध ने जब धर्म को अपनाया तो उन्होंने दाम्पत्य और गृहस्थ जीवन का त्याग कर दिया... उन्होंने अपने समस्त ध्यान धर्म सत्संग अच्छे विचारों में लगाया... यशोधरा को दुख तो जरूर हुआ क्युकी वो उनको कुछ कहकर नही गए लेकिन यशोधरा की उम्मीदें और इच्छाएं आत्मनिर्भर हो गई उन्हे बुद्ध से कोई आशाएं नहीं रह गई.....
और बुद्ध ने भी इनपर कभी भाव व्यवहारिकता का बंधन नहीं डाला .....
 एक स्त्री के लिए धर्म सत्संग असमय पूजा पाठ मंदिर या व्रत जप तप गृहस्थ जीवन में रहकर नामुमकिन बातें है या अधकुचली रीति रिवाज है, अकसर औरतें औसत उम्र ढल जाने के बाद ईश्वर को समझ पाती है... वो हमेशा वक्त नहीं मिलता का ही दुख रोती रहती क्युकी उनके लिए प्राथमिक धर्म और पूजा उनका परिवार होता है, कभी बच्चे छोटे होते तो कभी घर पर कोई बीमार होता, कभी लंच की जल्दी रहती तो कभी शाम रिश्तेदार आ जातें....
लेकिन एक पुरुष गृहस्थ जीवन से ऊब कर सन्यासी या धर्म का अनुयायी बनता है ...
  धार्मिक होना अच्छी बात है लेकिन धर्म के नाम पर कायर होना या जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेना धर्म का अपमान है.... इससे अच्छा है बुद्ध बनो और एक रात घर छोड़ दो फिर समझ आएगा धर्म का रास्ता इतना  सरल नहीं है...
गौतम बुद्ध कितने दिनों तक भूखे प्यासे रहे होंगे,, कितनी राते जाग कर काटी होंगी, मीलो पैदल चलते रहे होंगे , कितने कंकड़ कितने लोगो और कितने स्थानों पर वो एक अकेला शरीर कितना चुभता होगा... जिसे सन्यास कहा जाता है,
धार्मिक जीवन बहुत कठिन है अपनाना तो दूर इसे ईमान दारी  से छुआ भी नहीं जा सकता ।।

©पूर्वार्थ #सत्संग
#वेदज्ञान

pawan

सत्संग #Flute

read more
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile