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seema patidar
White किसी ने सच ही कहा है........ की किसी के दिल में रहना है तो, उनसे थोड़ी दूरी बनाकर रखो उन्हें हमेशा मुक्त रखो, कसमों, वादों,और बंधनों से क्यों की स्वतंत्रता ही ऐसा भाव है जो हर इंसान को सबसे अधिक प्रिय है । ©seema patidar आजादी ......
आजादी ......
read morePoet Maddy
अपनी यादों के शहर से रोज़ाना, उसकी तस्वीरों को हटा देते हैं हम............ इस दिल उस शख़्स से जुड़े हुए, हर नाम-ओ-निशान मिटा देते हैं हम.......... हर रोज़ हम करते हैं खुद से वादा, कि उसको अब भूल जाएंगे हमेशा............ मगर जब वो आती है हमारे सामने, तो उसे देखकर मुस्कुरा देते हैं हम............. ©Poet Maddy अपनी यादों के शहर से रोज़ाना, उसकी तस्वीरों को हटा देते हैं हम............ #Town#Memories#Pictures#Heart#Name#Promise#Forget#Smile.........
Shiv Narayan Saxena
White जीत सकते वक़्त को न बदल सकें इतिहास को सीख कर इनसे मगर बदलें हम अपने भाग्य को ©Shiv Narayan Saxena #sad_quotes बदलें हम अपने भाग्य को.
#sad_quotes बदलें हम अपने भाग्य को.
read morearvind bhanwra ambala. India
पक्षी नभ मे उड़ रहे, सबको दे रहे संदेश। ईक नये संसार मे तुम भी कर जाओ प्रवेश। तोड़ गुलामी जंजीरों को एक नया ही रूप धरो। 'भंवरा' विचरों यंहा-वंहा, प्रेम भाईचारे का, सारे जग मे संदेश करो। ©arvind bhanwra ambala. India गुलामी से आजादी
गुलामी से आजादी
read morechetan parihar
White मैं आजादी की बधाई दू भी तो किसे दू, मुल्क तो मेरा महजब में उलझा है , (आज देश की सच्ची कहानी) ©chetan parihar #happy_independence_day #आजादी #भारत #India #लव #nationalanthem #India
#happy_independence_day #आजादी #भारत #India #लव #nationalanthem #India
read moreMuskan (MJ)
Girl quotes in Hindi देश तो आजाद हो गया देश की बेटियां आज भी गुलाम है कितने भी कानून बने उसका क्या फायदा जब बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं हर पल डर में जीती हैं कहीं उसके साथ गलत ना हो जाए क्या करें ऐसे समाज का जो बेटियों को तो संस्कार का ज्ञान देते हैं लेकिन बेटों को संस्कार देना भूल जाते हैं ©Muskan (MJ) #आजादी #बेटीयाँ
Anushka Tripathi
पंद्रह अगस्त का दिन कहता है आजादी अभी न पूरी है कुछ ख्वाब जो उसने देखे हैं उसमें हालातों की मजबूरी है संसद जैसी पवित्र जगह पर बस हिंदू - मुस्लिम का ताना है ना शब्दों की कोई गरिमा है न लहजों का अफसाना है लाल किला भी सोच रहा आखिर आजादी किस ओर चली संसद जो की नई बनी वो भी क्या मुंह मोड़ चली देश में बेरोजगारों का न कोई ठौर ठिकाना है सरकारों में बस बहस चल रही यूंही बस तारीखों का आना - जाना है ©Anushka Tripathi #Independence #आजादी #Freedom poetry in hindi
#Independence #आजादी #Freedom poetry in hindi
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