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Mohan raj
जगति सुखी भवितुम् केवलं स्वस्य सद्भावः एव भवितुम् अर्हति दुनिया में खुश रहने का एकमात्र तरीका अपने प्रति अच्छा बनना है The only way to be happy in the world is to be good to yourself धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj #Life Lessons The only way to be happy in the world is to be good to yourself
#Life Lessons The only way to be happy in the world is to be good to yourself
read moreMohan raj
मनोबलं यथा अधिकं भवति तथा गन्तव्यस्य समीपं भवति मनोबल जितना ऊंचा होगा, मंजिल उतनी ही करीब होगी The higher the morale, the closer to the destination धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj #Life Lessons The higher the morale, the closer to the destination
Life Lessons The higher the morale, the closer to the destination
read moreSrinivas
While you wait for the door to open, build the strength to walk through it with confidence. ©Srinivas While you wait for the door to open, build the strength to walk through it with confidence.
While you wait for the door to open, build the strength to walk through it with confidence.
read moreGautam Kumar
MISS you The Ratan Tata sir| Tribute Storytelling | Gautam #sad_shayari #ratantata #ripratantata कविता कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreAnurag Mankhand
मोमीता देबनाथ : एक ओर बेटी August 23, 2024 To September 10,2024 09:24 A.M. To 12: 53 A.M. सिसकती रहीं और बेबस रहीं वो हैवानियत से भी ज्यादा कुछ और ज़िस्म से भी ज्यादा कुछ अपनी रूह पर सहती रहीं माँ दुर्गा के इस शहर में बेटी आज मारी गयी और ज़िस्म से नौची गयी वो आसूँओ की गूंज कहीं दीवारो से टकराती रहीं बहती सिसकियां और लहू आँखो से ज़मीन भी मातम मनाती रहीं माँ दुर्गा के इस शहर में बेटी आज तड़पती रही और ज़िस्म से नौची गयी दर्द की पराकाष्ठा से भी कुछ परे है तो (चरमसीमा) उस बेटी ने सही होगी उन दरिन्दों की क्रूरता की पराकाष्ठा से हवा भी सहमी होगी कितनी डरी और लाचार होगी वो तब जब वहशीपन की इन्तिहा हुई होगी क्या गुनाह था उसका , इन से पूछो तो सही परवाज़ के लिए तैयार थी वो (उड़ान) एक ख़्वाब था उसका और वो गरूर था माँ- बाप का कितनी बिजली गिराई होगी कितनी पीड़ा से वो निकली होगी इन दरिन्दों को सिर्फ हवस दिखी , न उसमें बहन दिखी, न उसमें माँ दिखी न गर्वित करने वाली समाज की वो औरत दिखी न दिखी उसमें एक उम्मीद न दिखी उसमें एक ज़िन्दगी न दिखी घर से निकलते वक्त चोखट पर खड़ी वो औरत न दिखी जन्म देने वाली और दुवा पढ़ने वाली वो औरत न दिखी खुद की वो छोटी नन्ही सी परी बिटिया दिख जाती तो शायद आज 'मोमीता' जी पाती , जिन्दा होती ©Anurag Mankhand #Stoprape Tribute To Momita Debnath
#Stoprape Tribute To Momita Debnath
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